प्रदेश में तीन या तीन से ज्यादा किसान सोलर बाड़ लगाएंगे तो उन्हें 85 फीसदी तक सब्सिडी मिलेगी। सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। कृषि महकमे ने भी इस योजना को लागू कर दिया है। सीएम जयराम ठाकुर ने हाल ही में बजट भाषण में इस योजना की घोषणा की थी।
राज्य में अब तक किसानों को सोलर फेंसिंग के लिए केवल 80 प्रतिशत उपदान का प्रावधान किया गया था। कृषि विभाग ने सोलर बाड़ लगाने का काम कुछ सूचीबद्ध कंपनियों को दे रखा है। आवेदन मिलने के बाद ये कंपनियां किसानों के यहां सोलर बाड़ लगाती हैं।
किसानों को विभाग में सोलर बाड़ की कुल लागत का केवल 20 फीसदी पैसा ही जमा करना होता है। चूंकि, किसानों को 80 फीसदी सब्सिडी के बावजूद अपने 20 प्रतिशत कृषक हिस्से के तौर पर भी काफी पैसा विभाग को देना होता था, इसलिए सरकार ने इस योजना में किसानों के लिए उपदान की राशि बढ़ा दी है।
अगर तीन या तीन से ज्यादा किसान इकट्ठा होते हैं तो उन्हें सामूहिक रूप से सोलर बाड़ लगाने के लिए महज 15 प्रतिशत कृषक हिस्सा ही देना होगा। यानी, उन्हें 85 प्रतिशत तक की सब्सिडी मिलेगी।
राज्य कृषि विभाग के निदेशक डॉ. देसराज शर्मा ने नई योजना के लागू होने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना में तीन या तीन से अधिक किसानों को इस स्कीम का लाभ देने के साथ-साथ इस साल 35 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है।
प्रदेश में तीन या तीन से ज्यादा किसान सोलर बाड़ लगाएंगे तो उन्हें 85 फीसदी तक सब्सिडी मिलेगी। सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। कृषि महकमे ने भी इस योजना को लागू कर दिया है। सीएम जयराम ठाकुर ने हाल ही में बजट भाषण में इस योजना की घोषणा की थी।
राज्य में अब तक किसानों को सोलर फेंसिंग के लिए केवल 80 प्रतिशत उपदान का प्रावधान किया गया था। कृषि विभाग ने सोलर बाड़ लगाने का काम कुछ सूचीबद्ध कंपनियों को दे रखा है। आवेदन मिलने के बाद ये कंपनियां किसानों के यहां सोलर बाड़ लगाती हैं।
किसानों को विभाग में सोलर बाड़ की कुल लागत का केवल 20 फीसदी पैसा ही जमा करना होता है। चूंकि, किसानों को 80 फीसदी सब्सिडी के बावजूद अपने 20 प्रतिशत कृषक हिस्से के तौर पर भी काफी पैसा विभाग को देना होता था, इसलिए सरकार ने इस योजना में किसानों के लिए उपदान की राशि बढ़ा दी है।
अगर तीन या तीन से ज्यादा किसान इकट्ठा होते हैं तो उन्हें सामूहिक रूप से सोलर बाड़ लगाने के लिए महज 15 प्रतिशत कृषक हिस्सा ही देना होगा। यानी, उन्हें 85 प्रतिशत तक की सब्सिडी मिलेगी।
राज्य कृषि विभाग के निदेशक डॉ. देसराज शर्मा ने नई योजना के लागू होने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना में तीन या तीन से अधिक किसानों को इस स्कीम का लाभ देने के साथ-साथ इस साल 35 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है।