चंडीगढ़ से मांस के अवशेष लाकर गांव नींबूआं की पंचायती जमीन पर गिराने से फैली गंदगी, लोग परेशान
- आवारा कुत्तों के अलावा गांव में बढ़ रहा जंगली जानवरों का भी खतरा, लोग हो रहे हैं परेशान
जमीन के इस्तेमाल का अनुबंध 31 दिसंबर 2022 को हो चुका है समाप्त
संवाद न्यूज एजेंसी
डेराबस्सी। चंडीगढ़ के कुछ मीट विक्रेता मांस के अवशेष गांव नींबूआं की पंचायती जमीन पर लाकर फेंक रहे हैं। इससे यहां पर गंदगी फैल रही है और इस कारण बहुत ज्यादा बदबू होने की वजह से वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा है और आवारा कुत्तों के अलावा जंगली जानवरों का खतरा भी बढ़ रहा है। लेकिन स्थानीय प्रशासन इसको रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। इस कारण यहां के लोगों में फैले प्रदूषण से कोई भी भयानक बीमारी फैलने का खतरा बनता जा रहा है।
इस मामले में जैक रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन सोसायटी के अध्यक्ष सुखदेव चौधरी ने बताया कि चंडीगढ़ निवासी मोहम्मद ताहिर ने गांव नींबूआं की पंचायती जमीन लीज पर ली है और वह मीट मार्केट और अन्य जगहों से बचा हुआ मांस यहां डाल रहे हैं और सरपंच की मिलीभगत से ग्राम पंचायत की जमीन पर गंदगी लाकर डाली जा रही है। इससे गांव में वायु प्रदूषण और भयानक बीमारियों के फैलने का भी डर बना है। उन्होंने कहा कि मांस और हड्डी के दूषित होने के कारण दूर-दराज के इलाकों से आवारा कुत्ते भी यहां आने लगे हैं। ग्रामीणों को डर है कि गांव की पंचायती जमीन में खुले आसमान के नीचे मांस की गंदगी और मांस के टुकड़े पड़े होने के कारण कहीं कोई जंगली जानवर यहां न आ जाएं। उन्होंने इसकी सूचना बीडीपीओ डेराबस्सी को भी दी है। बता दें कि गांव नींबूआं के सरपंच रघबीर सिंह बीडीपीओ डेराबस्सी को भी सहयोग नही कर रहे हैं। जिससे मीट मार्केट चंडीगढ़ के व्यापारियों मोहम्मद ताहिर के हौसले बुलंद हैं। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में नींबूआं गांव के पास के गांवों में बड़ा संकट आ सकता है, ऐसे कुत्ते लोगों को मारना शुरू कर देंगे क्योंकि ऐसे कुत्ते केवल मांस खाते हैं, भले ही वह इंसान ही क्यों न हो।
ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच रघबीर सिंह ने उक्त व्यक्ति मुहम्मद ताहिर को ग्राम नींबूआं की पंचायत जमीन दिनांक 3 जनवरी, 2020 को लीज पर दी थी। इसका अनुबंध 31 दिसंबर 2022 को समाप्त हो गया है। लेकिन इसके बावजूद उक्त व्यक्ति पिछले माह से चंडीगढ़ सहित कई शहरों से मांस के टुकड़े और गंदगी लाकर सरपंच की मिलीभगत से गांव की पंचायती जमीन पर फेंक रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि उक्त व्यक्ति इस स्थान पर भैंसों और गायों का मांस भी लाता है। उन्होंने कई बार वाहनों को रोकने की कोशिश की, लेकिन सरपंच रघबीर की मिलीभगत के कारण वह नहीं रोक पाते। ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच रघबीर सिंह ने आठ किल्ले पंचायत की जमीन उक्त व्यक्ति मुहम्मद ताहिर को लीज पर दी है जिससे सरपंच सरकारी खजाने से लाखों रुपये का गबन कर रहा है। ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन से मांग की है कि गांव नींबूआं की पंचायत भूमि में डंप किए जा रहे। ग्रामीणों ने मांग की है कि इस प्रदूषण को रोका जाए और गांव के सरपंच को निलंबित कर उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि गांव में फैल रहे प्रदूषण और आवारा कुत्तों पर रोक लगाई जा सके।
गांव के सरपंच रघबीर सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने गांव की पंचायती जमीन उक्त व्यक्ति मुहम्मद ताहिर को तीन साल के लिए ठेके पर दी थी लेकिन अब ठेका समाप्त हो गया है। पिछले पखवाड़े में ही किसी ने गलती से उक्त जमीन और उसके बगल में स्थित वक्फ बोर्ड की जमीन पर मांस की गंदगी फेंक दी है। उन्होंने कहा कि गांव की पंचायत भूमि के साथ-साथ चंडीगढ़ निवासी जसपाल सिंह की भूमि भी स्थित है। उन्हें बेवजह इस मामले में फंसाया जा रहा है जो पूरी तरह झूठा और निराधार है।
कोट्स
अभी जमीन की सही जानकारी नहीं हो पाई है, इसलिए राजस्व विभाग से जमीन का मुआयना करवाकर आरोपियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी। गांव के सरपंच रघबीर सिंह इस काम में हमारी जरा भी मदद नहीं कर रहे हैं। जिससे जमीन का सत्यापन करने में परेशानी हो रही है, लेकिन सोमवार तक सब कुछ दूध-पानी हो जाएगा। -रवनीत कौर, बीडीपीओ, डेराबस्सी।