लुधियाना। उपचार के दौरान निजी अस्पताल के डॉक्टर दंपती और उनके स्टाफ की लापरवाही के कारण एक व्यक्ति को जान से हाथ धोना पड़ा। सर्दी के मौसम में टांगों के पास हीटर लगाने से दोनों टांगे बुरी तरह से जल गई। आखिरकार मरीज को पहले डीएमसी में ले जाया गया, वहां डॉक्टर ने एक टांग ज्यादा खराब होने के कारण काट दी। इसके बाद उसे पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती कराया गया, वहां 20 अप्रैल को दम तोड़ दिया। मामले की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद थाना हैबोवाल पुलिस ने डॉक्टर दंपती और स्टाफ के खिलाफ आईपीसी की धारा 304ए के तहत मामला दर्ज किया है।
बैंक कॉलोनी निवासी दीपक कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि 15 जनवरी को उसके पिता तरलोक चंद के गुप्तांग में इंफेक्शन फैल गया था। उन्हें तुरंत जस्सीयां रोड स्थित आरोग्य अस्पताल में भर्ती कराया गया। 18 जनवरी को डॉक्टर आशीष अहोरी और श्वेता अहोरी की तरफ से उनका आपरेशन कर रिकवरी रूम में शिफ्ट कर दिया। वहां किसी को जाने की इजाजत नहीं थी, इसलिए दो या तीन घंटे बाद वह अंदर जाकर हाल देखते रहते थे।
उस समय सर्दी का मौसम था, पिता पर कंबल डाला हुआ था और दोनों पैरों के बीच एक हीटर लगा रखा था। उसने देखा कि उसके पिता के कंबल से धुआं निकल रहा है, उसने कंबल हटा कर देखा तो दोनों टांगें बुरी तरह हीटर की गर्मी से झुलस गई थी। जब उन्होंने डॉक्टर को पूरी बात बताई तो उन्होंने आश्वासन दिया कि उसके पिता का ठीक उपचार किया जाएगा। लेकिन उसके पिता की हालत बिगड़ती गई। उनकी टांग में इंफेक्शन ज्यादा हो गई, इसलिए उन्हें डीएमसी में भर्ती कराया गया। वहां डॉक्टर्स ने जांच के बाद एक टांग को काट दिया। 12 अप्रैल को वह पिता को लेकर पीजीआई चंडीगढ़ चला गया।
इस मामले की शिकायत उन्होंने पुलिस के पास की थी, 13 अप्रैल को जगतपुरी चौकी पुलिस ने उसके पिता के बयान भी दर्ज किए थे। 20 अप्रैल को उसके पिता पीजीआई में मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने उनकी मौत का कारण दोनों टांगों के जलने से कारण फैले इंफेक्शन को बताया है। पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक रिपोर्ट हासिल करने के बाद डॉक्टर दंपती और स्टाफ के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।