वाराणसी में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए शासन द्वारा बिना लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन के फैसले के बाद जिला स्तर पर जिलाधिकारी ने भी गाइडलाइन जारी कर दी है। इसमें कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद संबंधित क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है। जो न केवल संबंधित क्षेत्र में जांच करेगी बल्कि होम आइसोलेशन की व्यवस्थाओं का भी जायजा लेगी।
जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने मंगलवार रात जारी गाइडलाइन में बताया है कि मरीज की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही उसे कंट्रोल रूम से सूचना दी जाएगी। साथ ही संबंधित क्षेत्र के पीएचसी प्रभारी को भी इसकी जानकारी दी जाएगी। पीएचसी प्रभारी के निर्देश पर रैपिड रिस्पांस टीम मरीज के घर जाकर होम आइसोलेशन की व्यवस्थाओं का सत्यापन करेगी। साथ ही मरीज के घर पर क्वारंटीन में रहने का पोस्टर भी चस्पा किया जाएगा।
डॉक्टर की सलाह पर मिलेगी अनुमति
संबंधित कोरोना मरीज में किसी तरह का कोई लक्षण मिलता है तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। बिना लक्षण वाले मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर होम आइसोलेशन की अनुमति दी जाएगी। शहरी क्षेत्र में अपर जिला मजिस्ट्रेट नगर, एसपी सिटी और ग्रामीण क्षेत्र में अपर जिला मजिस्ट्रेट प्रशासन और पुलिस अधीक्षक ग्रामीण की जिम्मेदारी होगी कि वह निर्देशों का पालन करवाएंगे।
साथ ही सीएमओ और एडिशनल सीएमओ स्वास्थ संबंधित सभी टीमों के गठन और मरीजों की देखभाल की जिम्मेदारी संभालेंगे। इसके अलावा और भी संबंधित क्षेत्र के एसडीएम, सीओ भी थानों के माध्यम से मरीजों के निगरानी करवाते रहेंगे।
मरीजों को खरीदनी होगी कोरोना किट
ऐसे मरीज जो बिना किसी लक्षण के हैं और होम आइसोलेशन में रहना चाहते हैं, उन्हें घर पर टीम के आने से पूर्व ही कोरोना किट भी खरीदकर लानी होगी। जिसमें 40 डिस्पोजल मॉस्क, 20 ग्लब्स, सैनिटाइजर, सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन, ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर ,विटामिन सी,जिंक की 40- 50 टेबलेट, हाइड्रोक्सी क्लोरो क्वीन की 10 टैबलेट और सूखी अदरक का पाउडर 50 ग्राम खरीदकर घर में रखना होगा। बताया कि टीम के जांच करने के बाद ही मरीजों को घर पर रहने की अनुमति मिल जाएगी।
गाइडलाइन में क्या है खास
- मरीजों को कोरोना किट के लिए दवा विक्रेताओं को पहले से किट बनाकर रख लेना होगा जिससे कि मरीजों को कोई दिक्कत न हो।
- होम आइसोलेशन वाले मरीजों को दो प्रतियों में अनुमति पत्र भरवाए जाएगा। इनमें एक प्रति मरीज के पास और दूसरी स्वास्थ्य केंद्र पर रहेगी।
- रैपिड रिस्पांस टीम के पहुंचने पर आरोग्य सेतु ऐप दिखाना जरूरी होगा।
- हर दिन मरीज को कंट्रोल रूम पर फोन करके सेहत की जानकारी देनी होगी। इसमे शरीर की तापमान, ऑक्सीजन की जांच शामिल हैं।
- प्रोटोकॉल के अनुसार मरीज के घर के लोगों और कांटेक्ट में आने वाले लोगों की सैंपलिंग पहले की तरह ही कराई जाती रहेगी।
- स्वास्थ्य विभाग की टीम मरीजों का परीक्षण भी करते रहेगी।