मेरठ में इस वक्त जिनके अपने अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जद्दोजहद कर रहे हैं, उनका दर्द सिर्फ वे ही बयां कर सकते हैं। तीमारदार कई दिन से अस्पतालों के बाहर पड़े हैं। हर किसी की संवेदना उनके साथ जुड़ी हुई है। गुरुवार रात को मेडिकल कॉलेज में जो हुआ वो संवेदनाओं को तार-तार करने वाला था। ऑक्सीजन से भरी एक गाड़ी के पहुंचते ही बहुत से तीमारदारों की भीड़ जुट गई। चंद मिनटों में गाड़ी से सारे सिलिंडर निकाल कर ले गए। कई के बीच हाथापाई भी हो गई। हर कोई अपने मरीज के लिए ऑक्सीजन का सिलिंडर बचाकर रखना चाहता था।

ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में मिले इसे लेकर प्रधानमंत्री देश के तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर रहे हैं। कॉरिडोर बनाकर ऑक्सीजन के टैंकर मंगाए जा रहे हैं। जितनी सप्लाई है, उतनी ऑक्सीजन दी भी जा रही है। ऑक्सीजन अस्पताल में पहुंचने के बाद किस मरीज को दी जाएगी ये तय करना डॉक्टर्स का काम होता है। ऐसी महामारी में डॉक्टरों पर विश्वास करना होता है, लेकिन लोग ये सब भूल रहे हैं।
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गुरुवार रात को मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सिलिंडर सप्लाई करने वाली गाड़ी पहुंची तो लोगों ने कर्मचारियों से सिलिंडर छीनना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि सिलिंडर बचाकर रख लो, पता नहीं कि यहां कब कह दिया जाए कि ऑक्सीजन खत्म हो गई है।

सिलिंडर छीने जाने के समय वहां खड़े एक तीमारदार ने वीडियो बनाकर सोशल साइट पर अपलोड कर दी। वीडियो देखकर लोग कमेंट कर रहे हैं कि बीमार परिजनों के लिए ये सिलिंडर उतारकर ले गए, लेकिन अस्पतालों में ऐसे नहीं करना चाहिए। सभी ऐसा करने लगे तो फिर व्यवस्था ही क्या रह जाएगी।

लोग धैर्य बनाकर रखें
प्राचार्य डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार का कहना है कि खाली सिलिंडर ले जाने के बाद इमरजेंसी में भरे हुए सिलिंडर लाए जाते हैं। जब सिलिंडर की गाड़ी आई तो तीमारदारों को लगा कि कहीं ऑक्सीजन खत्म तो नहीं हो जाएगी, इस भ्रांति के चलते उन्होंने सिलिंडर अपने पास रख लिए। उनके मरीज यहीं पर भर्ती हैं, सिलिंडर लेकर वे बाहर नहीं गए। तीमारदारों को बाद में बुलाकर समझाया गया कि ऑक्सीजन की कमी नहीं है, आप लोग धैर्य रखें। मेडिकल स्टाफ हर मरीज के इलाज में जुटा हुआ है। लोग ऐसा न करें कि दूसरे मरीजों को दिक्कत हो जाए।
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प्राचार्य डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार का कहना है कि खाली सिलिंडर ले जाने के बाद इमरजेंसी में भरे हुए सिलिंडर लाए जाते हैं। जब सिलिंडर की गाड़ी आई तो तीमारदारों को लगा कि कहीं ऑक्सीजन खत्म तो नहीं हो जाएगी, इस भ्रांति के चलते उन्होंने सिलिंडर अपने पास रख लिए। उनके मरीज यहीं पर भर्ती हैं, सिलिंडर लेकर वे बाहर नहीं गए। तीमारदारों को बाद में बुलाकर समझाया गया कि ऑक्सीजन की कमी नहीं है, आप लोग धैर्य रखें। मेडिकल स्टाफ हर मरीज के इलाज में जुटा हुआ है। लोग ऐसा न करें कि दूसरे मरीजों को दिक्कत हो जाए।
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