यूपी के बांदा जिले में कमासिन थाना परिसर स्थिति क्वार्टर में महिला कांस्टेबल नीतू शुक्ला की फांसी से हुई मौत का मामला गरमा गया है। पिता का आरोप है कि उनकी बेटी की हत्या की गई है। पिता खुद भी पुलिस उपनिरीक्षक हैं। इन दिनों हरदोई कोतवाली में तैनात हैं। परिजनों के इस आरोप पर पुलिस अधीक्षक ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। उधर, तीन डाक्टरों के पैनल ने बुधवार को शव का पोस्टमार्टम किया। इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई है।
कौशांबी जिले के सिराथू थाना क्षेत्र के तुलसीपुर गांव निवासी अनिल कुमार शुक्ला की तीसरे नंबर की बेटी नीतू शुक्ला कमासिन थाने में कांस्टेबल के पद पर तैनात थी। मंगलवार शाम थाना परिसर स्थित सरकारी क्वार्टर में सीलिंग पंखे से उसका लटकता हुआ शव मिला। नीतू यहां 14 मई 2017 से तैनात थी। बुधवार को उसका शव पोस्टमार्टम के लिए बांदा मुख्यालय लाया गया। उसके पिता उपनिरीक्षक अनिल कुमार, भाई राघवेंद्र कुमार शुक्ला (अधिवक्ता हाईकोर्ट) और गोलू शुक्ला भी अन्य परिजनों के साथ मौजूद थे।
तीन डाक्टरों डॉ.मुकेश कुमार (जिला अस्पताल), डॉ. देव तिवारी (सीएचसी, अतर्रा) और डॉ. उमेश कुमार (पीएचसी, बिसंडा) के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। पूरे पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई। पोस्टमार्टम हाउस पर पुलिस अधीक्षक एस आनंद और एएसपी एलबीके पाल भी पहुंचे। बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात रही। एसपी ने परिजनों से बातचीत भी की। पोस्टमार्टम के बाद नीतू का शव पुलिस लाइन ले जाया गया। वहां गॉड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। परिजन शव लेकर गृह जनपद कौशांबी रवाना हो गए।
नीतू की हुई है हत्या
नीतू के पिता उपनिरीक्षक अनिल कुमार और भाई राघवेंद्र शुक्ला ने पोस्टमार्टम हाउस में मीडिया को बताया कि नीतू आत्महत्या नहीं कर सकती। उसकी हत्या की गई है। मारने के बाद शव फंदे पर लटकाया गया है। आरोप लगाया कि इसमें कमासिन थाना प्रभारी का पूरा हाथ है। यह भी कहा कि थाने के कंप्यूटर पर नीतू काम करती थी। मंगलवार शाम साढ़े 4 बजे थाना प्रभारी प्रतिमा सिंह ने उन्हें फोन करके यह बताया कि नीतू की तबियत खराब है। अस्पताल में भर्ती है।
आरोप लगाया कि थाना प्रभारी ने उन्हें गुमराह किया। पिता ने कहा कि उन्होंने थाना परिसर स्थित क्वार्टर में घटनास्थल को बारीकी से देखा है। वहां सामान बिखरा था। कमरे के एक दरवाजे के कुंडी अंदर से बंद थी। जबकि दूसरे दरवाजे की कुंडी बाहर से बंद थी। नीतू के शरीर पर जगह-जगह दलिया लगा था। बाएं हाथ में लाल चोट जैसे निशान थे। पिता ने कहा कि इन सब बातों से जाहिर होता है कि नीतू की हत्या की गई है। ब्यूरो
एसपी ने जांच बैठाई, सीओ बने जांच अधिकारी
नीतू के परिजनों के आरोपों के मद्देनजर पुलिस अधीक्षक एस आनंद ने इस घटना की जांच कराने का फैसला किया है। सदर क्षेत्राधिकारी कुलदीप गुप्ता को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। एसपी ने स्वीकारा कि परिस्थितियां देखकर मामला संदिग्ध प्रतीत हो रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के बाद स्थिति साफ हो जाएगी। हर एंगिल से जांच कराई जाएगी। एसपी ने परिजनों को भी यही भरोसा दिलाया है। एसपी ने बताया कि नीतू का मोबाइल फोन पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है। उसकी कॉल डिटेल की भी जांच की जा रही है। ब्यूरो
कमासिन थाना निरीक्षक लाइन हाजिर
थाना परिसर में महिला कांस्टेबल की फांसी से मौत और परिजनों केे आरोपों के बीच पुलिस अधीक्षक एस आनंद ने कमासिन थाना प्रभारी निरीक्षक प्रतिमा सिंह को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया है। बुधवार शाम तक कमासिन थाने में नए प्रभारी निरीक्षक की नियुक्ति नहीं हुई थी। घटना की खबर मिलने पर मंगलवार देर शाम पुलिस अधीक्षक एस आनंद कमासिन पहुंच गए थे। उनके साथ अपर एसपी लाल भरत कुमार पाल भी थे।
एसपी ने घटनास्थल नीतू के सरकारी क्वार्टर का निरीक्षण किया। प्रभारी निरीक्षक प्रतिमा सिंह से पूछताछ और बातचीत की। थाने के अन्य पुलिस कर्मियों से भी पूछताछ की। नीतू के साथ उसके क्वार्टर में रह रहीं दो अन्य महिला कांस्टेबिल नीलम वेणु व नेहा शुक्ला से भी पूछताछ की। थाना प्रभारी ने बताया कि घटना वाले दिन शाम को रूटीन मीटिंग में नीतू नहीं आई थी। वह क्वार्टर में ही थी। उसे बुखार बताया गया था।
बांदा में नहीं कराना चाहते थे पोस्टमार्टम
बेटी की मौत से दुखी और पुलिस की कार्यप्रणाली से नाराज पिता और परिजन नीतू के शव का पोस्टमार्टम बांदा में कराने के लिए तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि उन्हें यहां न्याय की उम्मीद नहीं है। उनका कहना था कि पोस्टमार्टम उनके गृह जनपद कौशांबी, लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद या फिर कहीं और कराया जाए। परिजनों की इस नाराजगी और मांग के चलते देर तक पोस्टमार्टम प्रक्रिया रुकी रही। पुलिस अधिकारियों और खासकर अपर एसपी एलबीके पाल के समझाने-बुझाने और पोस्टमार्टम डाक्टरों के पैनल से कराने तथा वीडियोग्राफी कराने का भरोसा दिलाने पर परिजन शांत हुए और पोस्टमार्टम यहां कराया।
दो नंबर कम आने से नहीं बन सकी एसआई
नीतू पढ़ाई में होशियार थी। उसने बीएससी की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की थी। उसकी तमन्ना सीधे सब इंसपेक्टर बनने की थी। इसके लिए उसने कांस्टेबल पद पर रहते हुए दिसंबर 2017 में उपनिरीक्षक के पद के लिए आवेदन किया था, लेकिन रीजनिंग में मात्र 2 नंबर से फेल हो गई थी। पुलिस में उसकी भर्ती वर्ष 2016 में बांदा में ही हुई थी। ट्रेनिंग के बाद पहली पोस्टिंग कमासिन थाने में मिली थी। पिता ने बताया कि घर संपन्न है। वे खुद उपनिरीक्षक हैं। नीतू के चाचा पीएसी इलाहाबाद में हेड कांस्टेबिल हैं। पिता ने बताया कि उनकी मर्जी नहीं थी कि नीतू पुलिस की नौकरी करे, लेकिन नीतू की जिद के आगे वे खामोश हो गए।
यूपी के बांदा जिले में कमासिन थाना परिसर स्थिति क्वार्टर में महिला कांस्टेबल नीतू शुक्ला की फांसी से हुई मौत का मामला गरमा गया है। पिता का आरोप है कि उनकी बेटी की हत्या की गई है। पिता खुद भी पुलिस उपनिरीक्षक हैं। इन दिनों हरदोई कोतवाली में तैनात हैं। परिजनों के इस आरोप पर पुलिस अधीक्षक ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। उधर, तीन डाक्टरों के पैनल ने बुधवार को शव का पोस्टमार्टम किया। इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई है।
कौशांबी जिले के सिराथू थाना क्षेत्र के तुलसीपुर गांव निवासी अनिल कुमार शुक्ला की तीसरे नंबर की बेटी नीतू शुक्ला कमासिन थाने में कांस्टेबल के पद पर तैनात थी। मंगलवार शाम थाना परिसर स्थित सरकारी क्वार्टर में सीलिंग पंखे से उसका लटकता हुआ शव मिला। नीतू यहां 14 मई 2017 से तैनात थी। बुधवार को उसका शव पोस्टमार्टम के लिए बांदा मुख्यालय लाया गया। उसके पिता उपनिरीक्षक अनिल कुमार, भाई राघवेंद्र कुमार शुक्ला (अधिवक्ता हाईकोर्ट) और गोलू शुक्ला भी अन्य परिजनों के साथ मौजूद थे।
तीन डाक्टरों डॉ.मुकेश कुमार (जिला अस्पताल), डॉ. देव तिवारी (सीएचसी, अतर्रा) और डॉ. उमेश कुमार (पीएचसी, बिसंडा) के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। पूरे पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई। पोस्टमार्टम हाउस पर पुलिस अधीक्षक एस आनंद और एएसपी एलबीके पाल भी पहुंचे। बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात रही। एसपी ने परिजनों से बातचीत भी की। पोस्टमार्टम के बाद नीतू का शव पुलिस लाइन ले जाया गया। वहां गॉड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। परिजन शव लेकर गृह जनपद कौशांबी रवाना हो गए।
वहां सामान बिखरा था जबकि दूसरे दरवाजे की कुंडी बाहर से बंद थी
पोस्टमार्टम हाउस के बाहर नीतू के पिता उपनिरीक्षक अनिल कुमार शुक्ला (बाएं) के साथ एएसपी एलबीके पाल
- फोटो : अमर उजाला
नीतू की हुई है हत्या
नीतू के पिता उपनिरीक्षक अनिल कुमार और भाई राघवेंद्र शुक्ला ने पोस्टमार्टम हाउस में मीडिया को बताया कि नीतू आत्महत्या नहीं कर सकती। उसकी हत्या की गई है। मारने के बाद शव फंदे पर लटकाया गया है। आरोप लगाया कि इसमें कमासिन थाना प्रभारी का पूरा हाथ है। यह भी कहा कि थाने के कंप्यूटर पर नीतू काम करती थी। मंगलवार शाम साढ़े 4 बजे थाना प्रभारी प्रतिमा सिंह ने उन्हें फोन करके यह बताया कि नीतू की तबियत खराब है। अस्पताल में भर्ती है।
आरोप लगाया कि थाना प्रभारी ने उन्हें गुमराह किया। पिता ने कहा कि उन्होंने थाना परिसर स्थित क्वार्टर में घटनास्थल को बारीकी से देखा है। वहां सामान बिखरा था। कमरे के एक दरवाजे के कुंडी अंदर से बंद थी। जबकि दूसरे दरवाजे की कुंडी बाहर से बंद थी। नीतू के शरीर पर जगह-जगह दलिया लगा था। बाएं हाथ में लाल चोट जैसे निशान थे। पिता ने कहा कि इन सब बातों से जाहिर होता है कि नीतू की हत्या की गई है। ब्यूरो
एसपी ने जांच बैठाई, सीओ बने जांच अधिकारी
नीतू के परिजनों के आरोपों के मद्देनजर पुलिस अधीक्षक एस आनंद ने इस घटना की जांच कराने का फैसला किया है। सदर क्षेत्राधिकारी कुलदीप गुप्ता को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। एसपी ने स्वीकारा कि परिस्थितियां देखकर मामला संदिग्ध प्रतीत हो रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के बाद स्थिति साफ हो जाएगी। हर एंगिल से जांच कराई जाएगी। एसपी ने परिजनों को भी यही भरोसा दिलाया है। एसपी ने बताया कि नीतू का मोबाइल फोन पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है। उसकी कॉल डिटेल की भी जांच की जा रही है। ब्यूरो
घटना वाले दिन शाम को रूटीन मीटिंग में नीतू नहीं आई थी
पोस्टमार्टम हाउस के बाहर नीतू के भाई राघवेंद्र और अन्य खानदानी
- फोटो : अमर उजाला
कमासिन थाना निरीक्षक लाइन हाजिर
थाना परिसर में महिला कांस्टेबल की फांसी से मौत और परिजनों केे आरोपों के बीच पुलिस अधीक्षक एस आनंद ने कमासिन थाना प्रभारी निरीक्षक प्रतिमा सिंह को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया है। बुधवार शाम तक कमासिन थाने में नए प्रभारी निरीक्षक की नियुक्ति नहीं हुई थी। घटना की खबर मिलने पर मंगलवार देर शाम पुलिस अधीक्षक एस आनंद कमासिन पहुंच गए थे। उनके साथ अपर एसपी लाल भरत कुमार पाल भी थे।
एसपी ने घटनास्थल नीतू के सरकारी क्वार्टर का निरीक्षण किया। प्रभारी निरीक्षक प्रतिमा सिंह से पूछताछ और बातचीत की। थाने के अन्य पुलिस कर्मियों से भी पूछताछ की। नीतू के साथ उसके क्वार्टर में रह रहीं दो अन्य महिला कांस्टेबिल नीलम वेणु व नेहा शुक्ला से भी पूछताछ की। थाना प्रभारी ने बताया कि घटना वाले दिन शाम को रूटीन मीटिंग में नीतू नहीं आई थी। वह क्वार्टर में ही थी। उसे बुखार बताया गया था।
रीजनिंग में मात्र 2 नंबर से फेल हो गई थी
कमासिन थाना प्रभारी इंस्पेक्टर प्रतिमा सिंह से जानकारी लेते सीओ बबेरू
- फोटो : अमर उजाला
बांदा में नहीं कराना चाहते थे पोस्टमार्टम
बेटी की मौत से दुखी और पुलिस की कार्यप्रणाली से नाराज पिता और परिजन नीतू के शव का पोस्टमार्टम बांदा में कराने के लिए तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि उन्हें यहां न्याय की उम्मीद नहीं है। उनका कहना था कि पोस्टमार्टम उनके गृह जनपद कौशांबी, लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद या फिर कहीं और कराया जाए। परिजनों की इस नाराजगी और मांग के चलते देर तक पोस्टमार्टम प्रक्रिया रुकी रही। पुलिस अधिकारियों और खासकर अपर एसपी एलबीके पाल के समझाने-बुझाने और पोस्टमार्टम डाक्टरों के पैनल से कराने तथा वीडियोग्राफी कराने का भरोसा दिलाने पर परिजन शांत हुए और पोस्टमार्टम यहां कराया।
दो नंबर कम आने से नहीं बन सकी एसआई
नीतू पढ़ाई में होशियार थी। उसने बीएससी की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की थी। उसकी तमन्ना सीधे सब इंसपेक्टर बनने की थी। इसके लिए उसने कांस्टेबल पद पर रहते हुए दिसंबर 2017 में उपनिरीक्षक के पद के लिए आवेदन किया था, लेकिन रीजनिंग में मात्र 2 नंबर से फेल हो गई थी। पुलिस में उसकी भर्ती वर्ष 2016 में बांदा में ही हुई थी। ट्रेनिंग के बाद पहली पोस्टिंग कमासिन थाने में मिली थी। पिता ने बताया कि घर संपन्न है। वे खुद उपनिरीक्षक हैं। नीतू के चाचा पीएसी इलाहाबाद में हेड कांस्टेबिल हैं। पिता ने बताया कि उनकी मर्जी नहीं थी कि नीतू पुलिस की नौकरी करे, लेकिन नीतू की जिद के आगे वे खामोश हो गए।