बिकरू में शहीद हुए पुलिसकर्मियों का बदला लेने के लिए पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू की। एक के बाद एक पांच एनकाउंटर किए गए। वहीं, एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे की नवविवाहिता पर भी पुलिस की बिना सोचे समझे की गई कार्रवाई सवालों के घेरे में आ गई है। परिजनों ने आरोप लगाया कि अमर से उनकी बेटी की शादी उन्हें गुमराह करके कराई गई थी।
शादी के दो दिन बाद बेटी ससुरालीजनों को अभी ठीक से समझ भी नहीं पाई थी कि पुलिस ने उसे इस दुर्दांत वारदात का साजिशकर्ता बना दिया। बेकसूर बेटी के खिलाफ हुई कार्रवाई से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पनकी रतनपुर कॉलोनी में रहने वाले खुशी दुबे के पिता श्याम ने बताया कि वह पेंटिंग का काम कर किसी तरह से पांच बच्चों के परिवार का पेट पालते हैं।
दो बेटियों की शादी कर चुके हैं और दो बेटियों की शादी सुखी घर में करने का ख्वाब देख रहे थे। खुशी सबसे छोटी बेटी है। मां गायत्री ने बताया कि पनकी में आयोजित एक शादी समारोह में बिचवानी ने दो बेटियों में से किसी की शादी कार्यक्रम में मौजूद बिकरू निवासी अमर दुबे से कराने को कहा।
अमर देखने में ठीकठाक लगा, तो उसके परिजनों से बात की। परिजनों ने बेटे के ठेकेदारी करने की जानकारी दी और बिना किसी दहेज छोटी बेटी खुशी से शादी करने को राजी हो गए। 29 जून को उन्होंने बेटी की शादी की और 30 जून को वह विदा होकर बिकरू अपनी ससुराल पहुंची थी। खुशी अभी ठीक से अपने पति व ससुरालीजनों को समझ भी नहीं पाई थी कि 2 जुलाई को दुर्दांत हादसे ने उसके नए जीवन की शुरुआत होने पहले ही सबकुछ खत्म कर दिया।
परिजनों ने बताया कि उन्हें विकास दुबे के बारे में टीवी चैनलों पर खबरें देखीं और अमर दुबे का नाम उसके साथ सुना तो होश फख्ता हो गए। उन्हें अमर के साथ हुई कार्रवाई का अफसोस नहीं है, लेकिन बेकसूर बेटी पर बिना कुछ सोचे समझे की गई कार्रवाई से पूरा परिवार आहत है।