दिनभर सूरज की तपिश के बाद रात में बादलों ने राहत की बूंद बरसाईं। हालांकि कुछ देर बाद बादल उड़ गए। करीब 1.8 मिमी बारिश हुई। शनिवार को आगरा प्रदेश में तीसरा सबसे गर्म शहर रहा। सूबे में सबसे गर्म शहर झांसी रहा। आगरा में दिन का अधिकतम तापमान 40.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि न्यूनतम तापमान 30 डिग्री रहा। दिन में पारा सामान्य से छह डिग्री सेल्सियस ऊपर दर्ज किया गया। शनिवार को सुबह से दोपहर तीन बजे तक तेज धूप और गर्मी बनी रही। लेकिन उसके बाद बादलों की लुकाछिपी शुरू हो गई। इससे तापमान में गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया। लू के थपेड़ों की जगह हवा में तपिश कम हुई। शाम छह बजे सिकंदरा चौराहे पर हल्की बूंदाबांदी हुई। जिससे तापमान में शाम को कमी आई। मौसम विभाग के पूर्वानुमान केंद्र के मुताबिक अगले तीन दिनों में बादलोंकी लुकाछिपी बनी रहेगी। बारिश के आसार बन रहे हैं। रविवार की सुबह बादलों के साथ हुई। हवा चलने से लोगों को उमस से थोड़ी राहत मिल रही है। लेकिन लोग बारिश का इंतजार कर रहे है।
आगरा, इटावा, नोएडा, गाजियाबाद और ललितपुर शहरों में सामान्य से 82 प्रतिशत तक कम बारिश हुई है, जबकि रेगिस्तानी इलाके जैसलमेर में सामान्य से 130 फीसदी तक ज्यादा बारिश रिकार्ड की जा चुकी है। केवल जैसलमेर नहीं, बल्कि राजस्थान के कई शहरों में सामान्य से ज्यादा बारिश अब तक हो चुकी है और आगरा बारिश के लिए तरस रहा है। आगरा से रूठे मानसूनी बादलों के कारण फसलें सूखने के कगार पर हैं।
राजस्थान में रेत के टीलों वाले शहरों में मानसून मेहरबान रहा है। बाड़मेर, बीकानेर, जैसलमेर जैसे शहरों में ज्यादा बारिश हो चुकी है, जबकि आगरा, इटावा नोएडा जैसे शहरों में मानसून की तय तारीख से अब तक बेहद कम बारिश हुई। 17 जुलाई तक जितनी बारिश हो जानी चाहिए थी, उतनी बारिश छोड़िए, 82 फीसदी तक की कमी हो चुकी है।
भीषण गर्मी और उमस ने ट्रैफिक की चाल बदल दी है। चौराहों पर लगी ट्रैफिक लाइट के लाल होने पर वह पेड़ों की छांव तलाश रहे हैँ। महज दो से तीन मिनट के रेड लाइट सिग्नल के दौरान जेब्रा क्रॉसिंग पर रुकना उनके लिए मुश्किल हो रहा है। हरीपर्वत चौराहे पर सेंट जोंस से आते समय चौराहे पर लगे पेड़ की छांव में दो पहिया रुकते हैं तो इसी लेन पर पैदल पार पुल के नीचे छांव मिलने पर वाहन रोकते हैं। इसी चौराहे पर संजय प्लेस की ओर यूथ हॉस्टल मोड़ पर लगे पेड़ों के नीचे दो पहिया वाहन चालक रेड लाइट पर रुकते हैं। जेब्रा कॉसिंग पर तेज धूप होने के कारण 100 मीटर पहले ही वह वाहन रोक ते हैं और हरी लाइट होने पर निकलते हैं।