आगरा के एक ऑटो मोबाइल कंपनी के सेल्स ऑफिसर सुनील कुमार शर्मा की हत्या के आरोपी मोना और उसके पति अजय उर्फ डकैत को पुलिस जेल भेज चुकी है। मगर, अभी भी सुनील का एटीएम कार्ड, अंगूठी और घड़ी बरामद नहीं हो सकी है। इनकी बरामदगी के लिए पुलिस आरोपी पति-पत्नी को कस्टडी रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। इसके लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल जल्द दिया जाएगा। ट्रांस यमुना कॉलोनी निवासी सुनील कुमार शर्मा दो अगस्त को लापता हुए थे। उनकी हत्या करके लाश को ट्रांसपोर्ट नगर के पास झाड़ियों में फेंका गया। पुलिस ने आरोपी मोना और उसका पति अजय को जेल भेज दिया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अजय उर्फ डकैत ने हत्या के बाद एटीएम कार्ड से कई जगह शॉपिंग भी की थी।
एसएसपी मुनिराज जी. ने बताया कि आरोपियों ने सुनील की हत्या के बाद मोबाइल, एटीएम कार्ड, अंगूठी और घड़ी लूट ली थी। मोबाइल के साथ ही खाते से निकाले गए तकरीबन 15 हजार रुपये बरामद किए जा चुके हैं। अंगूठी, एटीएम कार्ड और घड़ी बरामद नहीं हो सकी है। इनकी बरामदगी के लिए आरोपी पति-पत्नी को रिमांड पर लिया जाएगा। इसके लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र देंगे। एटीएम कार्ड से अजय ने कई जगह पर खरीदारी की थी।
पूछताछ में जानकारी हुई थी कि मोना और उसके पति अजय उर्फ डकैत ने सुनील की हत्या की थी। पुलिस ने मोना और लोडिंग टेंपो चालक सुल्तानगंज निवासी लखन को जेल भेजा था। आगरा में ऑटो मोबाइल कंपनी के सेल्स ऑफिसर सुनील कुमार शर्मा हत्याकांड के खुलासे पर परिजनों ने सवाल उठाए हैं। भाई संतोष शर्मा का कहना है कि सुनील की हत्या लूट के लिए नहीं, बल्कि रंजिश में की गई है।
सुनील के भाई संतोष शर्मा का कहना है कि भाई की हत्या रंजिश में की गई। वर्ष 2018 में मोहल्ले के जयपाल के परिवार से विवाद हुआ था। इसमें दोनों परिवार ने केस दर्ज कराए। पुलिस ने उनके खिलाफ ही कार्रवाई की थी। जयपाल पक्ष को जेल तक नहीं भेजा गया। छह महीने पहले चार्जशीट लगाई। पुलिस ने तब आरोपी परिवार को बचाया था।
संतोष ने आरोप लगाया कि इसी रंजिश में भाई सुनील को मार डाला गया। मगर, पुलिस सुन नहीं रही है। उन्होंने देवेश, योगेश, जयपाल, अजय और मोना को नामजद किया है। अजय की बहन जयपाल के मकान में किराये पर रहती है। जयपाल पक्ष ने ही साजिश की है। उनके पक्ष का एक युवक हाल ही में जेल से छूटकर आया था। उसने जेल से बाहर आते ही फेसबुक पर पोस्ट डाली थी। इसमें अपने विरोधियों को सबक सिखाने के बारे में कहा था, लेकिन पुलिस ने सुनवाई नहीं की। अजय का संपर्क युवक से भी था। हत्या रंजिश में कराई गई है, जबकि पुलिस लूट के लिए हत्या साबित करना चाहती है।