पूर्व सांसद दाउद अहमद द्वारा रिवर बैंक कॉलोनी के पीछे बनाए गए अवैध निर्माण पर रविवार को प्रशासन का बुलडोजर चला। यह बिल्डिंग भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के नियमों को दरकिनार करके अवैध रूप से बनाई गई थी।
इमारत के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर रही पोकलैंड मशीन इमारत के अचानक ढह जाने से मलबे में फंस गई। इसमें ड्राइवर भी अंदर फंस गया। हालांकि, तुरंत ही रेस्क्यू शुरू कर दिया गया।
ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर जिलाधिकारी व लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने बताया कि दाउद अहमद द्वारा रिवर बैंक कॉलोनी के पीछे एफ ब्लॉक में हाफिज डेरी के सामने इस बिल्डिंग का निर्माण कराया जा रहा था, जोकि केंद्रीय संरक्षित स्मारक रेजीडेंसी के विनियमित क्षेत्र में स्थित है।
इस पर संज्ञान लेते हुए अधीक्षण पुरातत्वविद, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, लखनऊ मंडल द्वारा 12 अक्तूबर 2018 को दाउद अहमद को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। जिसका दाऊद की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया था। इसके बाद भी की गई कई आपत्तियों के बावजूद भी दाऊद अहमद ने अवैध निर्माण जारी रखा।
इमारत के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर रही पोकलैंड मशीन इमारत के अचानक ढह जाने से मलबे में फंस गई। इसमें ड्राइवर भी अंदर फंस गया। हालांकि, तुरंत ही रेस्क्यू शुरू कर दिया गया।
ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर जिलाधिकारी व लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने बताया कि दाउद अहमद द्वारा रिवर बैंक कॉलोनी के पीछे एफ ब्लॉक में हाफिज डेरी के सामने इस बिल्डिंग का निर्माण कराया जा रहा था, जोकि केंद्रीय संरक्षित स्मारक रेजीडेंसी के विनियमित क्षेत्र में स्थित है।
इस पर संज्ञान लेते हुए अधीक्षण पुरातत्वविद, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, लखनऊ मंडल द्वारा 12 अक्तूबर 2018 को दाउद अहमद को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। जिसका दाऊद की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया था। इसके बाद भी की गई कई आपत्तियों के बावजूद भी दाऊद अहमद ने अवैध निर्माण जारी रखा।