यूपी के हाथरस में युवती के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के बाद प्रदेश में जातीय दंगे फैलाने की साजिश रची जा रही थी। पुलिस का दावा है कि हाथरस कांड के बाद 'जस्टिस फॉर हाथरस' नामक वेबसाइट बनाई गई। जिसके जरिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फर्जी बयान फोटो लगाकर प्रसारित किए गए। वेबसाइट के कंटेंट को सोशल मीडिया और वाट्स अप के जरिए प्रमोट कर दंगों के लिए माहौल बनाने की कोशिश की गई।
पुलिस ने वेबसाइट की लोकेशन से जुड़ी जगहों पर छापेमारी की। हालांकि, पुलिस की सक्रियता के बाद वेबसाइट को डिएक्टिवेट कर दिया गया। यूपी डीजीपी ने मामले को गंभीरता से लेते साइबर क्राइम और एसआईटी से जांच करवाने की बात कही है। वेबसाइट पर हिंसा भड़काने के दौरान पहनावे और बचाव को लेकर पूरी जानकारी दी गई थी। जिसमें कहा गया था कि ब्रांडेड कपड़े न पहनें। महिलाएं बाल खुले न रखें। ज्वैलरी न पहनें और हिंसा के दौरान ढीले कपड़े पहनें।
पुलिस ने वेबसाइट की लोकेशन से जुड़ी जगहों पर छापेमारी की। हालांकि, पुलिस की सक्रियता के बाद वेबसाइट को डिएक्टिवेट कर दिया गया। यूपी डीजीपी ने मामले को गंभीरता से लेते साइबर क्राइम और एसआईटी से जांच करवाने की बात कही है। वेबसाइट पर हिंसा भड़काने के दौरान पहनावे और बचाव को लेकर पूरी जानकारी दी गई थी। जिसमें कहा गया था कि ब्रांडेड कपड़े न पहनें। महिलाएं बाल खुले न रखें। ज्वैलरी न पहनें और हिंसा के दौरान ढीले कपड़े पहनें।