सर्दी आने जा रही है। तो क्या कोरोना का खतरा ऐसे में बढ़ सकता है? जैसा कि सेकंड वेव को लेकर खतरे की आशंका भी जताई जा रही है। इसको लेकर चर्चाएं भी खूब हो रही हैं। चिकित्सा विशेषज्ञ भी इससे इनकार नहीं करते। उनका कहना है कि सर्दी में विशेष सावधानी बरतकर इस आशंकित खतरे को कम किया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग के एसीएमओ और संक्रामक रोग के नोडल अधिकारी डॉ. केपी त्रिपाठी का कहना है कि सर्दी के मौसम में सांस व बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ती है। ऐसे वक्त में कोरोना को लेकर भी विशेष सावधानी बरतनी होगी। जब लोग एक ही कमरे में रहने लगते हैं तो संक्रामक रोग बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है।
अभी माना जा रहा है कि 15 नवंबर तक पॉजिटिव मिलने वालों की दर 3 फीसदी से नीचे आ जाएगी। लेकिन सर्दी में सावधानी नहीं बरते जाने पर इस लक्ष्य को हासिल करना चुनौतीपूर्ण होगा। कुछ ऐसा ही तर्क लोहिया संस्थान के इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजीव रतन सिंह भी देते हैं। उनका कहना है कि मरीजों की संख्या घटने के साथ ही सावधानी बढ़ानी होगी।
इम्युनिटी के प्रति सचेत होने का भी फायदा
आयुर्वेदाचार्य डॉ. विजय सेठ का कहना है कि कोरोना वायरस को आए 6 माह से ज्यादा वक्त बीत चुका है। इस दौरान लोग इम्युनिटी को लेकर सचेत हुए हैं। कोरोना संक्रमितों की संख्या घटने की एक बड़ी वजह यह भी है। लोगों की इम्युनिटी मजबूत हुई है वायरस का असर कमजोर हुआ है। इसी तरह निरंतर खानपान और सावधानी रख कर वायरस को मात दिया जा सकता है।
मरीजों की संख्या में गिरावट आई है, पर सावधानी जरूरी
राजधानी में मरीजों की संख्या में गिरावट आई है। फिर भी हर व्यक्ति को सावधानी बरतनी होगी। क्योंकि संख्या में गिरावट देखकर लोग लापरवाह हो जाएंगे तो फिर से नई समस्या खड़ी हो जाएगी। मरीजों की संख्या गिर रही है अच्छी बात है, लेकिन 2 माह तक हर व्यक्ति को पहले की तरह ही सावधानी बरतनी होगी। बाहर निकलने पर मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। जब नए लोग संक्रमण की जद में नहीं आएंगे तो वायरस का प्रसार थमेगा और धीरे-धीरे कम होने लगेगा। - डॉ. डी. हिमांशु, नोडल अधिकारी संक्रामक नियंत्रण विभाग केजीएमयू
दर भले ही घटी, गंभीर मरीज अब भी आ रहे हैं
राजधानी में मरीजों के मिलने की दर कम हुई है, लेकिन गंभीर मरीज अभी भी आ रहे हैं। कोविड-19 का खतरा अभी टला नहीं है। लोगों को पहले की तरह ही पूरी तरह से सावधानी बरतनी होगी। क्योंकि जिस सेकंड वेव की बात की जा रही है वह लोगों की लापरवाही की वजह से आती है। जब लोग नियमों का पालन करना बंद कर देते हैं तो एक बार फिर संक्रमण बढ़ने की आशंका प्रबल हो जाती है। इसलिए हमेशा सावधानी बरतें। जिन लोगों का इलाज चल रहा है वे हर हाल में मास्क का प्रयोग करें। - डॉ. आरके सिंह, नोडल अधिकारी कोविड हॉस्पिटल पीजीआई