यूपी के कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की जान लेने वाले बदमाश विकास दुबे को एसटीएफ ने शुक्रवार को मार गिराया। वहीं बहराइच में भी गोरखपुर के 50 हजार के इनामी बदमाश पन्ना यादव को पुलिस और एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया है। बताया जाता है कि पन्ना यादव अपराध की दुनिया में पूर्वांचल के अपराधी श्रीप्रकाश शुक्ला जैसी धमक बनाना चाहता था। पुलिस को उसकी तलाश करीब 28 सालों से थी।

गोरखपुर के गुलरिहा थाना क्षेत्र के मंगलपुर गांव के बहुडिहवा टोला निवासी पन्ना यादव ने साल 1992 में एक बलात्कार की घटना को अंजाम दिया और इस घटना के बाद अपराध की दुनिया में उतर गया। उसने सबसे पहले अपना एक गिरोह बनाया और गोरखपुर-महराजगंज जिलों में ताबड़तोड़ लूट की घटनाओं से सनसनी फैला दी।

बताया जाता है कि पन्ना मनैतापार टोले में शादी कर, अपने ससुराल में ही रहता था। उसके बाद 1992 में उसने एक महिला के साथ दुष्कर्म किया। महिला द्वारा उसके खिलाफ गुलरिहा थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया गया। इस घटना के बाद वह चर्चा में आ गया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया।

जेल से भागने के बाद पन्ना घर लौटा और फिर उसने एक-एक कर बदमाशों की फौज तैयार कर ली। वह संतोष पांडेय, बबलू यादव, इंद्रपाल सिंह, नागेंद्र चौधरी, श्यामसुंदर, पिंटू और तेज प्रताप को साथ जोड़ कर आपराधिक घटनाएं करने लगा। ताबड़तोड़ लूट की घटनाएं कर वह पुलिस को लगातार चुनौतियां देने लगा।

पन्ना जब लूटपाट कर रहा था, उसी दौरान श्रीप्रकाश शुक्ला ने अपराध की दुनिया में में अपनी मजबूत पकड़ बना ली थी। पन्ना भी श्रीप्रकाश शुक्ला की तरह लोगों में अपना खौफ बनाना चाहता था। हालांकि जब पुलिस ने श्रीप्रकाश शुक्ला का एनकाउंटर किया तो पन्ना यादव तथा उसके साथी अंडरग्राउंड हो गए थे। पुलिस ने पन्ना पर इनाम भी घोषित कर दिया था। बता दें पन्ना का एकाउंटर गोरखपुर की एसटीएफ टीम ने किया है।