कोरोना के वजह से भारत नेपाल सील है। दोनों तरफ सुरक्षा का कड़ा पहरा है। तमाम भारतीय बेटियों की शादी नेपाल में हुई है। वहीं नेपाल की तमाम बेटियों की शादी भारत के सीमावर्ती क्षेत्र में हुई है। इन दिनों हालात थोड़े से बदल गए हैं। सीमा पर सुरक्षा कर्मी प्रत्येक हलचल पर नजर रखे हुए हैं। ऐसे में आवागमन भी ठप है। सावन माह में मायके आने वाली बेटियां इस बार मायूस हैं। भारत नेपाल सीमा से सटे गांव के लोगों से बातचीत करने करने की कोशिश की गई, तो सभी ने एक सुर में अपनी पीड़ा को बयां किया।
खोंहौली गांव के सुग्रीव गुप्ता कहते हैं कि दो दिन पहले नेपाल के बेलासपुर से बेटी शकुंतला ने फोन किया। बेटी हर बार सावन में घर आती थी लेकिन इस बार सीमा सील होने के कारण वह नहीं आ पा रही है। फोन पर उसने भावुक होकर पूछा- बाबू जी आखिर कब तक ऐसे रहेगा। कहीं ऐसा तो नहीं, कोरानो समाप्त होने के बाद नागरिका कानून के मसले को लेकर नेपाल सरकार कुछ और सख्ती कर दे। अब तो मन में डर सा लग रहा है।
शितलापुर खेसरहा गांव के रहने वाले वकील अहमद की शादी नेपाल के रतनगंज निवासी गुलबहार मियां की बेटी मैमुनिशा से बीते 17 वर्ष पहले हुई थी। मैमुनिशा ने बताया कि नेपाल से मां का फोन आया था। मां सीढी से गिर कर घायल हो गई थीं लेकिन उसे देखने नहीं जा सकी। सीमा सील होने के कारण कड़ा पहरा है। अब तो फोन से हालचाल लेकर मन का तसल्ली देने का प्रयास करती हूं।
शितलापुर गांव के मोहित पाल ने अपनी बिटियां विद्यावती की शादी नेपाल राष्ट्र के पकलिहवा वार्ड नंबर 4 निवासी मनोज के साथ किया है। उनकी बेटी हर वर्ष सावन माह में पिता के घर शितलापुर आती थी। लेकिन इस बार नहीं आई। मोहित ने बताया कि अब तो स्थिति सामान्य होने का इंतजार है। नेपाल राष्ट्र के बनकटी गांव के लियाकत की बेटी अजरुन निशा की शादी भारतीय क्षेत्र के शितलापुर खेसरहा निवासी सफीउल्लाह से हुआ है। अजरुन निशा ने बेहद मायूस होकर कहा कि मां को ब्लड प्रेशर है। सीमा से करीब मायका होने के कारण कभी भी चली जाती थी लेकिन अब ऐसा नहीं हो पा रहा है।
नेपाल राष्ट्र के हरखपुरा के रहने वाले निजामुद्दीन अपनी लड़की अंजुम आरा की शादी भारत के खेसरहा निवासी तबारक से 13 वर्ष पहले किए थे। अंजुम को अम्मी अब्बू की याद आती है लेकिन वक्त के साथ समझौता करना पड़ रहा है। सीमावर्ती गांव कनमिसवां के रहने वाले जगत अपनी बेटी सुमन की शादी बीते करीब दस वर्ष पहले नेपाल के नवलपरासी जिले के बेलासपुर गांव के सुभाष से किए हैं। उन्होंने बताया कि नेपाल से बेटी हर साल सावन आ जाती थी। लेकिन इस बार उसके नहीं आने से घर सूना लग रहा है।