उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट ने दिल्ली एम्स में रविवार को अंतिम सांस ली। सीएम योगी को जब उनके पिता ने पहली बार संन्यासी रूप में देखा तो उन्हें एक बार विश्वास नहीं हुआ। उस समय महंत अवैद्यनाथ की बात सुनकर तो वे कुछ नहीं बोले लेकिन घर पहुंचने के बाद उन्होंने ये बात सीएम योगी की मां से बताई। आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ें अगली स्लाइड्स...
सीएम योगी के संन्यासी बनने की बता सुनकर उनकी मां को यकीन नहीं हुआ। वह तुरंत योगी आदित्यनाथ के पिता को साथ लेकर गोरखपुर के लिए निकल पड़ीं। गोरखनाथ मंदिर अपने बेटे को संन्यासी वेष में देखकर वह फूट-फूटकर रोने लगीं। इस दौरान उनके पिता ने उन्हें समझाया कि अब यहीं से लोगों का कल्याण होना है। यह रोने का समय नहीं है।
माता-पिता को देखकर योगी भी भावुक हो गए लेकिन उन्होंने मन के ज्वार को रोके रखा। मंदिर से विदा करते समय उन्होंने मां से कहा, ‘छोटे परिवार से बड़े परिवार में मेरा एक संन्यासी के रूप में मिलन है। उसी रूप में जीवन जी रहा हूं।’
पीठाधीश्वर अवैद्यनाथ ने भी उन्हें समझाया और कहा कि योगी पर कोई प्रतिबंध नहीं है। वह जब चाहे, आप लोगों के पास जा सकते हैं। आप भी जब चाहे यहां आ सकती हैं, रह सकती हैं। आपका सदैव स्वागत है।
चार वर्ष बाद आदित्यनाथ ने संन्यासी के रूप में पंचूर की पहली यात्रा की। यह यात्रा संन्यासी जीवन का एक महत्वपूर्ण विधान पूरा करने के लिए था। उन्हें अपने माता-पिता से संन्यासी के रूप में भिक्षा लेनी थी।