हत्या, जालसाजी या फिर लूट के मुकदमों में अभियुक्त रहे बदमाशों की बंद फाइलों को पुलिस ने फिर से खोल दी। उन पर गैंगस्टर का केस दर्ज कर उनकी गर्दन दबोची और जेल के सलाखों के पीछे डाल दिया। जमानत पर बाहर आए बदमाश फिर जेल गए तो पहले से जेल में थे, उसपर गैंगस्टर का केस लगाकर जमानत नहीं मिलने दिया जा रहा। हाल के दिनों में पुलिस ने 277 बदमाशों पर गैंगस्टर के 72 केस दर्ज कर लिए है। सौ से अधिक बदमाश फिर से जेल भेजे गए, जो जमानत पर छूटने के बाद अपराध करने लगे थे।
बदमाशों पर कार्रवाई के बीच ही पुलिस ने उन बदमाशों को भी चिह्नित कर लिया, जिनपर गंभीर मुकदमे दर्ज हैं और पहले से लाइसेंसी असलहाधारी थे। ऐसे 145 लोगों की रिपोर्ट तैयार कर एसएसपी की ओर से डीएम को भेजी गई। इसमें से 92 लोगों के शस्त्र लाइसेंस को निरस्त किया जा चुका है।
दरअसल, एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने अपराधियों पर गैंगस्टर की कार्रवाई करने के लिए मुहिम चला रखी है। इसका ही असर है कि पुलिस ने बंद पड़ी फाइलों में बदमाशों के नाम को खंगाला तो पता चला कि अब भी वह अपराध में संलिप्त हैं, लेकिन उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं हो पाई थी। ऐसे बदमाशों को चिह्नित कर उन पर गैंगस्टर के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई की गई है।
केस एक
राज नर्सिंग होम के मालिक डॉ. अभिषेक यादव पर कोतवाली थाने में दर्ज 14 मुकदमों में 23 मई 2016 को पुलिस ने एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगाकर खत्म कर दिया था। छात्रों से जालसाजी होने के बाद मामला पकड़ गया और फिर 28 मई 2022 को पुलिस ने सभी मुकदमों को फिर से खोला और चार्जशीट लगा दी गई। इसी आधार पर गैंगस्टर दर्ज कर दो नवंबर 2022 को एक अरब से अधिक की संपत्ति को कुर्क कर दिया गया।
केस दो
रामगढ़ताल पुलिस ने 30 जनवरी को व्यापारी के मुनीम से 32 लाख रुपये के लूट में शामिल 10 आरोपियों पर गैंगस्टर का केस दर्ज किया। इन लोगों ने वारदात कर सनसनी फैलाई थी। सभी को पुलिस जेल भेजकर फाइन बंद कर चुकी थी, लेकिन गंभीर अपराधों की फाइन खंगाली गई तो एक बार फिर इनका नाम सामने आ गया और फिर इनके खिलाफ गैंगस्टर का केस दर्ज कर लिया गया। कई जेल में हैं तो कई की फिर से पुलिस ने तलाश शुरू कर दी है।
सर्वाधिक नए नौ गैंग कैंट में पंजीकृत
जिले में सर्वाधिक गैंग कैंट थाने में हैं। कुल नौ गिरोह नए पंजीकृत हैं, इसमें 30 बदमाश शामिल हैं। कोतवाली में एक गैंग व उसके 07 सदस्य, राजघाट में तीन गैंग के 09 सदस्य, खोराबार में सात गैंग के 33 सदस्य, रामगढ़ताल में पांच गैंग के 25 सदस्य, गोरखनाथ में एक गैंग के 12 सदस्य, शाहपुर में सात गैंग के 17 सदस्य, कैंपियरगंज में दो गैंग के आठ सदस्य, पीपीगंज में दो गैंग के पांच सदस्य, सहजनवां में दो गैंग के 10 सदस्य, चिलुआताल में तीन गैंग के 15 सदस्य, गीडा में तीन गैंग के नौ सदस्य, चौरीचौरा में एक गैंग के तीन सदस्य, झंगहा में दो गैंग के पांच सदस्य, पिपराइच में चार गैंग के 16 सदस्य, गुलरिहा में सात गैंग के 31 सदस्य, बांसगांव में दो गैंग के पांच सदस्य, गगहा में तीन गैंग के नौ सदस्य, गोला में दो गैंग के सात सदस्य, उरुवा बाजार में एक गैंग के सात सदस्य, बेलघाट में एक गैंग के दो सदस्य, खजनी में चार गैंग के 16 सदस्य, सिकरीगंज में एक गैंग के दो सदस्य, हरपुर बुदहट में दो गैंग के 11 सदस्य हैं।
जिले के ये बड़े गैंगस्टर जेल में
जिले के जो कुख्यात हिस्ट्रीशीटर जेल में हैं, उनमें सत्यव्रत राय, प्रदीप सिंह, परवेज अंसारी, प्रदीप यादव, राकेश यादव, लालजी केवट, मनीष साहनी, बहादुर चौहान, दीनानाथ केवट, प्रिंस उर्फ प्रतीक, सलीम, मिथुन पासवान, सुजीत पासवान, सन्नी सिंह, सिंहासन यादव, अविनाश तिवारी, सिंटू राव, अंशुमान चंद, सुभाष शर्मा के नाम शामिल हैं।