दिल्ली की वायु गुणवत्ता मंगलवार को 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज की गई। यहां सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के मुताबिक, वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 337 दर्ज किया गया। वहीं, प्रदूषण का स्तर बढ़ने के साथ ही दिल्ली की सड़कों पर बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल कारें प्रतिबंधित कर दी गई हैं।
वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक सोमवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 347 दर्ज किया गया। ग्रेटर नोएडा में सूचकांक सर्वाधिक 350 जबकि गाजियाबाद में न्यूनतम 281 दर्ज किया गया। एनसीआर के दूसरे शहरों में भी हवा खराब या बेहद खराब रही।
दिल्ली में ग्रैप का तीसरा चरण लागू होने के साथ साथ पहले और दूसरे चरण की पाबंदियां भी लागू हैं। प्रदूषण कम होने के बाद भी दिल्ली-एनसीआर की हवा अगले तीन दिन बेहद खराब रहने की संभावना है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के मुताबिक एक्यूआई बेहद खराब रही और न्यूनतम तापमान में गिरावट से सुबह के वक्त कोहरा की आशंका है। दोपहर में स्थानीय हवाएं, अधिकतम तापमान और आद्रता के साथ एक्यूआई में उतारा चढ़ाव होने की संभावना है। हवा की गति मध्यम होने की वजह से प्रदूषकों का कम फैलाव होने से अगले 3 दिनों तक हवा बेहद खराब श्रेणी में रहने की संभावना है।
बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल कारों पर पाबंदी
प्रदूषण का स्तर बढ़ने के साथ ही दिल्ली की सड़कों पर बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल कारें प्रतिबंधित कर दी गई हैं। दिल्ली परिवहन विभाग ने सोमवार इसका आदेश जारी कर दिया। नियमों की अनदेखी करने वालों को 20 हजार रुपये का जुर्माना भरना होगा। विभाग 9 दिसंबर को एक बार फिर प्रदूषण के स्तर का आकलन करेगा। स्थितियां अनुकूल रहीं तो पाबंदियों में छूट मिल सकती है।
इससे पहले रविवार को प्रदूषण के डार्क रेड जोन में जाने के बाद केंद्रीय वायु गुणवत्ता आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली और एनसीआर के शहरों में ग्रैप का तीसरा चरण लागू करने के दिशानिर्देश जारी किए थे। सोमवार को दिल्ली सरकार ने इस बाबत आदेश जारी किया है। परिवहन विभाग के आदेश के अनुसार, ग्रैप का तीसरा चरण लागू होने के बाद भी तत्काल प्रभाव से बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल कारों के सड़कों पर चलने पर रोक लगा दी गई है। फिलहाल 9 दिसंबर या ग्रैप स्टेज के घटने तक पाबंदी लागू रहेगी।