श्रद्धा हत्याकांड मामले में अगर मुंबई पुलिस समय से कार्रवाई करती तो शायद सिर व धड़ आरोपी आफताब के फ्लैट में फ्रिज में ही मिल जाते। दिल्ली पुलिस को सबूत जुटाने के लिए कड़ी मेहनत नहीं करनी पड़ती। मुंबई पुलिस ने आरोपी को हल्की पूछताछ करने के बाद छोड़ दिया था। मुंबई पुलिस ने मामले की गंभीरता को नहीं समझा। ऐसे में आरोपी आफताब को सबूतों को नष्ट करने का समय मिल गया।
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जांच में ये बात भी सामने आई है कि मुंबई पुलिस ने आरोपी आफताब को सितंबर में पूछताछ के लिए बुलाया था। इस समय तक श्रद्धा का सिर व धड़ आफताब ने फ्रिज में रखा हुआ था। पुलिस ने आरोपी को पूछताछ करने के बाद छोड़ दिया।
मुंबई पुलिस आरोपी से तभी सख्ती से पूछताछ करती तो दिल्ली पुलिस को सबूत जुटाने के लिए भटकना नहीं पड़ता। मुंबई से आने के बाद आरोपी ने 18 अक्तूबर को श्रद्धा का सिर व धड़ छतरपुर के जंगल में फेंक दिया था। इसके बाद ही उसने औजारों को फेंका था।
मारपीट करने की बात फिर सामने आई
श्रद्धा के दोस्तों, जानकारों व सीनियरों ने दिल्ली पुलिस को बताया है कि आरोपी आफताब श्रद्धा के साथ बहुत ज्यादा मारपीट करता था। दिल्ली पुलिस ने मुंबई जाकर श्रद्धा के 20 से ज्यादा दोस्तों व जानकारों के बयान दर्ज किए हैं। दिल्ली पुलिस की एक टीम शुक्रवार शाम तक मुंबई में थी। टीम करीब 15 दिन पहले मुंबई गई थी। अभी भी ये टीम मुंबई में है। पुलिस ने उस मकान मालकिन के भी बयान दर्ज किए हैं, जहां आफताब व श्रद्धा मुंबई में पहले रहते थे।
आफताब से 50 से अधिक सवाल पूछे गए
गुरुवार को श्रद्धा वालकर हत्याकांड में आरोपी आफताब पूनावाला का रोहिणी स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में नार्को टेस्ट किया गया। एफएसएल अधिकारियों व विशेषज्ञों की मौजूदगी में आफताब से कई सवाल-जवाब किए गए। सूत्रों का कहना है कि उससे 50 से अधिक सवाल पूछे गए जिसमें श्रद्धा की हत्या और शव को ठिकाने लगाने समेत कई राज उगलवाने का प्रयास किया गया। एफएसएल सूत्रों ने दावा किया है कि नार्को टेस्ट पूरी तरह सफल रहा।