उत्तराखंड के काशीपुर में अग्निकांड पीड़ितों से मुलाकात के लिए अपने तय कार्यक्रम के अनुसार सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत बृहस्पतिवार दोपहर प्रभावित दुकानदारों के बीच पहुंचे। यहां सीएम ने 28 मिनट का समय गुजारकर सभी दुकानों का जायजा लिया और कुछ दुकानदारों की पीड़ा भी सुनी, लेकिन मदद की कोई घोषणा नहीं की।
आग में पूरी दुकान जलकर नष्ट होने से राधा और उसकी देवरानी के सामने परिवार को चलाने का संकट आ खड़ा हुआ है। सीएम से सामना होते ही राधा फूट फूटकर रोने लगी। राधा ने बताया कि आग में उसके पति धर्मेंद्र और देवर हरीश की दुकानें जलकर रखा हो गईं। उसका देवर मूकवधिर है। सब कुछ जल जाने के बाद उसके परिवार के समक्ष भुखमरी का संकट आ गया है। ऐसे में उसे फौरन मदद की दरकार है।
आग बुझाने के प्रयास में गंभीर रूप से झुलसे पंजाबी सराय निवासी मो. जावेद ने भी सीएम को अपनी पीड़ा बताकर इलाज के लिए आर्थिक सहायता की मांग की। घटना के समय जावेद अन्य दुकानदारों के साथ आग बुझाने में जुटा था। इसी दौरान एक चाय की दुकान से निकलता सिलिंडर उसके हाथ से टकरा गया। जिससे हाथ बुरी तरह से झुलस गया।
पुरानी सब्जी मंडी के 20 व्यापारियों ने सीएम को अवगत कराया कि आग लगने से उनके फड़ों को तो कोई नुकसान नहीं पहुंचा लेकिन अफरातफरी के बीच लोग उनके फड़ों का सामान उठा ले गए। इससे उन्हें भी अग्निकांड पीड़ित व्यापारियों की तरह ही भारी नुकसान उठाना पड़ा है। कई दुकानदारों ने मुआवजे की मांग की।
सीएम के कार्यक्रम में सुरक्षा व्यवस्था के लिए काशीपुर, गदरपुर, बाजपुर और जसपुर के छह थानों की फोर्स मुस्तैद रही। रुद्रपुर से एसपी क्राइम प्रमोद कुमार को भी सुरक्षा ड्यूटी के लिए तैनात किया गया था। इन्हीं थाने क्षेत्रों के खुफिया विभाग को भी पूरे शहर में सक्रिय किया गया था। सीएम के काफिले में किसी तरह का व्यवधान न आए इसके लिए रामनगर रोड के साथ ही मानपुर रोड को सील किया गया। गलियों में भी पूरी तरह से पुलिस का पहरा बैठाया गया।