सरस्वती के 'पानी' पर पुरातत्व विभाग का चौंकाने वाला खुलासा
यमुनानगर में मुगलवाली गांव की जमीन से निकले सरस्वती के पानी पर पुरातत्व विभाग ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। देखिए, पूरा मामला।
सरस्वती के 'पानी' पर पुरातत्व विभाग का चौंकाने वाला खुलासा
दरअसल बिलासपुर खंड के मुगलवाली और रूलाहेड़ी गांव में सरस्वती नदी की खुदाई के दौरान पानी व अन्य सामान निकलने पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की टीम ने मुगलवाली गांव का दौरा किया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीक्षक जीएन श्रीवास्तव टीम के साथ गांव में पहुंचे।
सरस्वती के 'पानी' पर पुरातत्व विभाग का चौंकाने वाला खुलासा
उन्होंने जमीन के नीचे से निकल रहे पानी में मौजूद पत्थरों की जांच की। इस दौरान पानी से हिमालय में पाए जाने वाले संगमरमर का पत्थर मिला। पहाड़ों में पाए जाने वाले अन्य पत्थर भी जमीन में मौजूद पानी में बहुतायत में पाए गए। इसके अलावा मिट्टी के बर्तनों के टुकड़े भी मिले हैं।
सरस्वती के 'पानी' पर पुरातत्व विभाग का चौंकाने वाला खुलासा
जीएन श्रीवास्तव ने बताया कि यहां पानी में जो संगमरमर का पत्थर मिला है, वह हिमालय या राजस्थान में ही पाया जाता है। इस तरह के पत्थर जमीन के नीचे नहीं मिलते हैं। ये पत्थर पानी के साथ हिमालय से बहकर यहां आए हैं। पत्थरों पर पानी में बहने से हुआ कटाव साफ नजर आता है। यह कटाव गोलनुमा है। इससे साबित होता है कि ये पत्थर काफी दूर से बहकर यहां आए हैं।
सरस्वती के 'पानी' पर पुरातत्व विभाग का चौंकाने वाला खुलासा
जीएन श्रीवास्तव के अनुसार पानी में मिले मिट्टी के बर्तनों के टुकड़े से प्रतीत होता है कि यहां कभी नदी रही है, जिसमें लोग पानी भरने आते थे। उन्होंने कहा कि मुगलवाली गांव में जमीन से निकला जल काफी स्वच्छ, निर्मल और शीतल है, जो पहाड़ों के पानी जैसा ही है। यह जमीन के नीचे से निकलने वाले पानी से बिल्कुल अलग है।