सावन का महीना आज से शुरू हो चुका है। अगर आप भगवान शिव को मनाना चाहते हैं तो इस तरीके से पूजा करें और भूल कर भी ये सभी काम न करें।
इस साल सावन का महीना बेहद खास है। ऐसे में अगर भक्तजन इस विधि से पूजन करेंगे तो भगवान शिव मेहरबान होंगे और सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी। इस वर्ष सावन का शुभारंभ सोमवार से और समाप्ति भी सोमवार को हो रहा है। सावन 10 जुलाई को सुबह पांच बजकर 32 मिनट पर शुरू हो रहा है। सावन का महीना सोमवार कृष्ण पक्ष प्रतिपदा को प्रारंभ हो रहा है। श्रावण शुक्ल पक्ष प्रतिपदा भी सोमवार से शुरू हो रहा है।
चंडीगढ़ में सेक्टर 30 के श्री महाकाली मंदिर स्थित भृगु ज्योतिष केंद्र के प्रमुख बीरेंद्र नारायण मिश्र ने बताया कि इस बार सावन में शिव महा जयंती योग बन रहा है। यह योग 26 वर्षो के बाद आया है। बीरेंद्र नारायण मिश्र का कहना है कि सावन का प्रारंभ और अंत सोमवार को होने, इसके अलावा दोनों पक्षों की प्रतिपदा सोमवार को होने सावन में पांच सोमवार होने और कन्या राशि में बृहस्पति होने के कारण शिव महा जयंती योग बन रहा है।
देवालय पूजक परिषद के कोषाध्यक्ष डॉ लाल बहादुर दुबे ने बताया कि सावन का पूरा महीना ही शिव अराधना के लिए विशेष होता है, लेकिन इस बार शिवभक्तों को 5 दिन सावन सोमवार के व्रत रखने को मिलेंगे। प्रथम सावन सोमवार 10 जुलाई को, दूसरा 17 जुलाई को, तीसरा 24 जुलाई, चौथा सोमवार 31 जुलाई और 7 अगस्त को 5वां सोमवार होगा। तीसरे सोमवार 24 जुलाई को पुष्य नक्षत्र रहेगा।
सावन के आखिरी सोमवार 7 अगस्त को भाई बहन के पवित्र बंधन का त्यौहार रक्षाबंधन भी मनेगा। राखी का शुभ समय सुबह 10:39 से दोपहर 1:53 तक रहेगा। इस दिन सुबह 10:30 बजे तक भद्रा काल भी है। इसलिए भद्रा काल समाप्त होने और सूतक लगने के पूर्व ही बहनें अपने भाइयों की कलाई में रक्षा सूत्र बांध सकेंगी। रक्षा सूत्र बांधने के लिए सुबह 10:39 के बाद और दोपहर 1:53 तक का ही मुहूर्त शुभ है।