भारतीय हॉकी टीम ने 41 साल बाद वो करिश्मा कर दिखाया जिसका इंतजार हर भारतीय को था। हालांकि ये इंतजार पंजाब और हरियाणा में ज्यादा था क्योंकि टीम में इन प्रदेशों का ही दबदबा है। गुरुवार सुबह जैसे ही टीम ने जर्मनी को मात दी, दोनों प्रदेशों में जश्न शुरू हो गया। मैच में शुरुआत में पिछड़ने के बाद भारत ने जोरदार वापसी की और जर्मनी के खिलाफ मैच को 5-4 से जीत लिया। इससे पहले आखिरी बार हॉकी में टीम इंडिया ने 1980 में ओलंपिक मेडल जीता था। खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन से गदगद पंजाब के खेल मंत्री राणा सोढी ने एलान किया है कि उनकी सरकार पदक विजेता हॉकी टीम के प्रत्येक खिलाड़ी को एक-एक करोड़ रुपये देगी। जीत के बाद कहीं मिठाइयां बंटी तो कहीं ढोल बजने लगा। कप्तान मनप्रीत की मां तो हॉकी लहराते हुए घर से बाहर ही निकल आईं। वहीं फरीदकोट के ड्रैग फ्लिकर रुपिंदर पाल सिंह की मां की आंखों से खुशी के आंसू बह निकले। तस्वीरों में देखिए खुशी का माहौल...
मैच में गोल दागने वाले पंजाब के रुपिंदर पाल सिंह के माता-पिता ने टीम की जीत पर वाहेगुरु का शुकराना अदा किया। अनुभवी ड्रैग फ्लिकर रुपिंदर पाल सिंह मूल रूप से फरीदकोट के बाबा फरीद एवेन्यू के रहने वाले हैं। रुपिंदर के बेहतरीन प्रदर्शन से उनके परिवार व रिश्तेदारों के साथ खेल प्रेमियों में खुशी है। रुपिंदर पाल सिंह के पिता हरिंदर सिंह ने कहा कि वाहेगुरु ने ये बेहतरीन पल दिखाया है। उनकी मां सुखविंदर कौर को पूरा यकीन था कि रुपिंदर व उनके टीम के साथी सर्वश्रेष्ठ खेल का प्रदर्शन करेंगे। मां इसके लिए दिन-रात दुआएं मांग रहीं थीं।
हॉकी टीम के कप्ताल मनप्रीत सिंह जालंधर के गांव मिट्ठापुर के रहने वाले हैं। गुरुवार को टीम की जीत के साथ ही ग्रामीणों ने जमकर जश्न मनाया। मनप्रीत सिंह की मां मंजीत कौर बेटे की सफलता से गदगद हैं। मंजीत कौर ने बताया कि मुझे अपने बेटे पर गर्व है। यह पल मेरे लिए यादगारी लम्हे की तरह रहेगा। वे हॉकी लेकर घर से बाहर निकलीं और ढोल की थाप पर बेटे की सफलता की खुशी मनाई।
सोनीपत के गांव कुराड़ के प्रतिभाशाली हॉकी खिलाड़ी सुमित के भाई अमित ने बताया कि उनकी मां दर्शना देवी का निधन छह माह पहले हो गया था। सबसे छोटा होने के कारण सुमित मां का सबसे अधिक लाडला रहा। वह भी मां पर जान छिड़कता था। मां की मौत के बाद वह काफी आहत हो गया था। वह मां की फोटो लगी लॉकेट को हमेशा अपने गले में रखता है। उसने मां की कानों की बालियों से लॉकेट बनवाया था। उसी लॉकेट को वह मां का आशीर्वाद मानता है। बेटे की जीत पर परिवार ने घेवर बांटकर खुशी मनाई।
जालंधर के खुसरोपुर के रहने वाले भारतीय हॉकी टीम के स्टार मिडफील्डर हार्दिक सिंह का कमाल गुरुवार को भी दिखा। टीम इंडिया की जीत के बाद से हार्दिक के घर में खुशी का माहौल है। गांव के लोगों के अलावा रिश्तेदार और दोस्त परिवार को बधाइयां दे रहे हैं।