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MP News: Vindhya increased the tension of BJP, the pair of Narendra Modi and Amit Shah entered the fray
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MP News:विंध्य ने बढ़ाई भाजपा की टेंशन, गढ़ बरकरार रखने में जुटे मोदी, शाह, शिवराज
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Mon, 24 Apr 2023 11:48 PM IST
2018 के चुनाव में भाजपा को 109 और कांग्रेस को 114 सीटें मिली थी। विंध्य क्षेत्र के 7 जिलों में भाजपा ने 30 में से 24 सीटों पर जीत दर्ज की थी। यहां पर पार्टी का प्रदर्शन उम्मीदों से भी अच्छा था। अब इस प्रदर्शन को 2023 में भी पार्टी दोहराना चाहती है।
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव का काउंट डाउन शुरू हो गया है। इसके पहले भाजपा के सर्वे ने उसकी चिंता बढ़ा दी है। अब भाजपा को विंध्य में भी उथल—पुथल का डर सता रहा है। इसलिए पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और सीएम शिवराज सिंह चौहान स्वयं अपना यह गढ़ बरकरार रखने में जुटे हुए हैं।
विधानसभा चुनाव से पहले विंध्य को साधने के लिए केंद्रीय मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जोड़ी मैदान में उतर गई है। फरवरी में अमित शाह ने सतना का दौरा किया था। शाह शबरी माता जन्म जयंती पर कोल जनजाति के महाकुंभ में शामिल हुए। उन्होंने पार्टी के नेताओं के साथ बैठक कर क्षेत्र का फीडबैक लिया था। अब सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रीवा में पंचायत सम्मेलन में शामिल हुए और विंध्य क्षेत्र को कई सौगातें दी।
इसलिए है विंध्य महत्वपूर्ण
2018 के चुनाव में भाजपा को 109 और कांग्रेस को 114 सीटें मिली थी। विंध्य क्षेत्र के 7 जिलों में भाजपा ने 30 में से 24 सीटों पर जीत दर्ज की थी। यहां पर पार्टी का प्रदर्शन उम्मीदों से भी अच्छा था। अब इस प्रदर्शन को 2023 में भी पार्टी दोहराना चाहती है, लेकिन कार्यकर्ताओं की अंतर्कलह और नाराजगी पार्टी की चिंता बढ़ा रही है।
क्यों है नाराजगी
दरअसल, 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया की वजह से भाजपा सत्ता में आई है। ऐसे में उनके लोगों को सरकार में प्रमुखता मिली है। इस चक्कर में विंध्य के कद्दावर नेताओं की अनदेखी हुई है। विंध्य को साधने के लिए कथित तौर पर शुरुआत में मंत्रिमंडल का विस्तार अटका रहा है। बात में विंध्य को साधने के लिए गिरीश गौतम को विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाया गया। इसके बावजूद उस क्षेत्र के बड़े नेताओं की नाराजगी कम नहीं हुई। संतुलन नहीं बन पाने की वजह से उस इलाके में भाजपा उपचुनाव और मेयर चुनाव हार गई।
ये भी कारण बढ़ा रहे चिंता
भाजपा को विंध्य में वोटरों के पार्टी से दूर होने का डर सता रहा है। विंध्य क्षेत्र की मांग को लेकर नारायण त्रिपाठी लंबे समय आवाज उठा रहे है। अब नारायण त्रिपाठी ने अलग पार्टी बनाने और सभी 30 सीटों पर चुनाव लड़ने के एलान से भाजपा को झटका दे दिया है। विंध्य क्षेत्र पर अधिकतर बड़े नेता की राय एक है। इससे पार्टी को नुकसान होने की आशंका लग रही है। यह भी एक कारण है कि पार्टी नारायण त्रिपाठी के खिलाफ कोई एक्शन लेने का भी साहस नहीं कर पा रही है।
नाराज नेताओं का आप का विकल्प दिख रहा
वहीं, विंध्य क्षेत्र से आम आदमी पार्टी (आप) ने नगरीय निकाय चुनाव में सिंगरौली के महापौर का चुनाव जीत कर एंट्री कर ली है। पार्टी सिंगरौली, सतना और रीवा में प्रसार कर रही है। इसमें भाजपा और कांग्रेस से नाराज नेताओं को आप विकल्प मिल गया है। यदि यह नेता आप का दामन थामते हैं तो इससे सबसे ज्यादा नुकसान भाजपा को ही होगा।
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सौगातों की हो रही बौछार
वोटरों को साधने के लिए भोपाल और दिल्ली ने विंध्य के लिए खजाना खोल दिया है। एक्सप्रेस-वे से लेकर अस्पताल बनाने तक की घोषणा की जा रही है। इसके साथ ही कई पेयजल परियोजनाओं की नींव पीएम मोदी ने रखी है। बीजेपी के आला नेता अब नाराज वोटरों और नेताओं को मनाने का जिम्मा उठा लिया है। अब देखना होगा कि इसका कितना असर होता है
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