लखनऊ। भारतीय प्रबंध संस्थान लखनऊ में सूचना प्रौद्योगिकी और प्रणाली विभाग के प्रो. भरत भास्कर अब आईआईएम अहमदाबाद (आईआईएम-ए) के निदेशक होंगे। आईआईएम-रायपुर के निदेशक रह चुके प्रो. भास्कर ने नई जिम्मेदारियों, चुनौतियों और आगे के लक्ष्य को लेकर अमर उजाला से बात की। उन्होंने कहा कि 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर भारत को नए मैनेजमेंट गुरुओं की जरूरत होगी।
मूलत: कानपुर निवासी प्रो. भरत ने वैश्विक होती भारतीय अर्थव्यवस्था की जरूरतों, फाइव ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की संभावनाओं के साथ शोध की संस्कृति पर बात की। उन्होंने कहा कि वे मार्च के पहले सप्ताह में नया कार्यभार ग्रहण करेंगे। प्रो. भास्कर ने कहा कि भारत फाइव ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर है। औद्योगिक हब बनते जा रहे देश के सामने नई तरह की चुनौतियां आएंगी। इनसे निपटने के लिए हमारी अपनी औद्योगिक संस्कृतियों के मानकों पर आधारित प्रबंधन क्षमता की जरूरत पड़ेगी। हमारा लक्ष्य विकास के नए स्वरूप केअनुरूप शोध करना और नए प्रबंधक गुरु तैयार करना है।
14 साल नासा का साथ, फिर आईआईएम लखनऊ से नाता
प्रो. भास्कर ने बताया कि 1984-86 में पीएचडी पूरी कर नासा से जुड़ा और बतौर प्रमुख सॉफ्टवेयर इंजीनियर काम करता रहा। यहां मैं 14 वर्षों तक रहा। इसके बाद रुख किया आईआईएम लखनऊ की ओर। इसके पीछे सोच थी कि मैं ऐसे मैनेजर तैयार कर सकूं, जो तकनीक का प्रबंधन कर उसका व्यावसायिक इस्तेमाल सुनिश्चित करें। दरअसल अर्थव्यवस्था और रोजगार को बढ़ाने के लिए ऐसे ही प्रबंधकों की जरूरत है।
विदेश जाने वाले युवाओं को रोकना भी लक्ष्य
नई जिम्मेदारियों व चुनौतियों को लेकर उन्होंने कहा कि अहमदाबाद का प्रबंध संस्थान अपने आप में उच्चकोटि का स्थान और पहचान रखता है। अब हमारा लक्ष्य है कि विदेश के प्रबंध स्कूलों में पढ़ने जाने वाले हमारे युवाओं को वैश्विक मानकों वाली शिक्षा केलिए अहमदाबाद प्रबंध संस्थान में रोकना है। कहा, हमें अपनी प्रबंध संस्कृति की शो-केसिंग इस तरह से करनी है कि विदेशी युवा इस संस्थान में आएं।