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अब लोहिया संस्थान की रेडियोलॉजी में बाहरी मरीजों की रेडियोलॉजी जांच नहीं हो सकेगी। संस्थान के प्रशासनिक अधिकारियों की बीच हुई बैठक के बाद ये निर्णय लिया गया है। मालूम हो कि लोहिया संस्थान को स्टेट रेफरल सेंटर बनाया गया था, जहां पांच रुपये का पंजीकरण कराकर सस्ती जांच हो सकती थी।
रेफरल जांच बंद होने से संस्थान में जांच के लिए पहुंचने वाले मरीजों को मायूस लौटना पड़ेगा। गोमतीनगर स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान में बाहरी मरीजों की रेडियोलॉजी जांच अब सस्ती दर पर नहीं होगी। निजी अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीजों की अब सीटी स्कैन, एक्स-रे, एमआरआई और अल्ट्रासाउंड जांच अब नहीं की जाएगी।
संस्थान की निदेशक ने पंद्रह दिन के भीतर वेटिंग खत्म करने का निर्देश दिया है। मालूम हो कि लोहिया संस्थान के रेडियोलॉजी विभाग में कई महीने से लंबी वेटिंग चल रही थी। संस्थान पहुंचने वाले मरीजों को जांच की बजाय दस से पंद्रह दिन बाद की डेट देकर लौटा दिया जाता था।
इसके चलते हंगामा भी होता है। कुछ समय पहले संस्थान से बिना जांच लौटे मरीजों की खबरें प्रकाशित की गईं। संस्थान में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों को जांच की सुविधा न मिल पाने के चलते ये फैसला लिया गया है।
संस्थान सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक , मरीजों की भीड़ के चलते रोजाना सीटी स्कैन, एमआरआई जैसी बड़ी जांचे सिर्फ पंद्रह ही हो पाती थी, जबकि मरीज दोगुने हो जाते थे। इससे व्यवस्था गड़बड़ा रही थी। संस्थान से मिली जानकारी के मुताबिक, बीते मंगलवार से ही इसको लेकर बैठक का दौर जारी थी और बुधवार को ये फैसला लिया गया।
लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ. नुजहत हुसैन ने बताया कि मरीजों की भीड़-भाड़ अधिक होने के चलते रेडियोलॉजी विभाग में बाहरी मरीजों की होने वाली सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे और एमआरआई पर रोक लगा दी गई है।
सबसे पहले जांच संस्थान में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों की होगी। डॉक्टर की मंजूरी मिलेगी तो उनकी भी जांच कराई जाएगी। फिलहाल पंद्रह दिन के भीतर पूरी वेटिंग खत्म करने का निर्देश दिया गया है।
अब लोहिया संस्थान की रेडियोलॉजी में बाहरी मरीजों की रेडियोलॉजी जांच नहीं हो सकेगी। संस्थान के प्रशासनिक अधिकारियों की बीच हुई बैठक के बाद ये निर्णय लिया गया है। मालूम हो कि लोहिया संस्थान को स्टेट रेफरल सेंटर बनाया गया था, जहां पांच रुपये का पंजीकरण कराकर सस्ती जांच हो सकती थी।
रेफरल जांच बंद होने से संस्थान में जांच के लिए पहुंचने वाले मरीजों को मायूस लौटना पड़ेगा। गोमतीनगर स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान में बाहरी मरीजों की रेडियोलॉजी जांच अब सस्ती दर पर नहीं होगी। निजी अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीजों की अब सीटी स्कैन, एक्स-रे, एमआरआई और अल्ट्रासाउंड जांच अब नहीं की जाएगी।
संस्थान की निदेशक ने पंद्रह दिन के भीतर वेटिंग खत्म करने का निर्देश दिया है। मालूम हो कि लोहिया संस्थान के रेडियोलॉजी विभाग में कई महीने से लंबी वेटिंग चल रही थी। संस्थान पहुंचने वाले मरीजों को जांच की बजाय दस से पंद्रह दिन बाद की डेट देकर लौटा दिया जाता था।
इसके चलते हंगामा भी होता है। कुछ समय पहले संस्थान से बिना जांच लौटे मरीजों की खबरें प्रकाशित की गईं। संस्थान में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों को जांच की सुविधा न मिल पाने के चलते ये फैसला लिया गया है।
सिर्फ पंद्रह बड़ी जांचे ही हो पाती थीं
संस्थान सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक , मरीजों की भीड़ के चलते रोजाना सीटी स्कैन, एमआरआई जैसी बड़ी जांचे सिर्फ पंद्रह ही हो पाती थी, जबकि मरीज दोगुने हो जाते थे। इससे व्यवस्था गड़बड़ा रही थी। संस्थान से मिली जानकारी के मुताबिक, बीते मंगलवार से ही इसको लेकर बैठक का दौर जारी थी और बुधवार को ये फैसला लिया गया।
लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ. नुजहत हुसैन ने बताया कि मरीजों की भीड़-भाड़ अधिक होने के चलते रेडियोलॉजी विभाग में बाहरी मरीजों की होने वाली सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे और एमआरआई पर रोक लगा दी गई है।
सबसे पहले जांच संस्थान में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों की होगी। डॉक्टर की मंजूरी मिलेगी तो उनकी भी जांच कराई जाएगी। फिलहाल पंद्रह दिन के भीतर पूरी वेटिंग खत्म करने का निर्देश दिया गया है।