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Lucknow : 2015 में शूटिंग से नाता तोड़ने के बाद अब्बास अंसारी विदेश से लाया हथियार, एसटीएफ का खुलासा

अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ Published by: दुष्यंत शर्मा Updated Fri, 26 May 2023 03:08 AM IST
सार

एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि अब्बास ने वर्ष 2015 के बाद किसी भी निशानेबाजी की प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया, जबकि वर्ष 2016 से 2020 के बीच स्लोवानिया से असलहे खरीदे गए। 

Lucknow: After breaking ties with shooting in 2015, Abbas Ansari brought weapons from abroad
अब्बास अंसारी - फोटो : अमर उजाला।

विस्तार

माफिया मुख्तार अंसारी का बेटा और मऊ से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक अब्बास अंसारी ने शूटिंग से नाता तोड़ने के बाद विदेश से असलहे खरीदे थे। एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि अब्बास ने वर्ष 2015 के बाद किसी भी निशानेबाजी की प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया, जबकि वर्ष 2016 से 2020 के बीच स्लोवानिया से असलहे खरीदे गए। 



हैरानी की बात ये है कि इन असलहों में बेहद खतरनाक मैग्नम राइफल भी थी। यही नहीं, शस्त्र लाइसेंस पर अवैध तरीके से असलहे खरीदने का मुकदमा दर्ज होने और सातों असलहे जमा कराए जाने के बाद भी उसने स्लोवानिया से ग्लॉक पिस्टल मंगवाई थी।


इस प्रकरण की जांच कर रही एसटीएफ ने अब्बास के खिलाफ दाखिल अनुपूरक आरोप पत्र में कई अहम सुबूतों और घटनाक्रम का जिक्र भी किया है। दरअसल अब्बास अंसारी ने अपने शस्त्र लाइसेंस पर गैरकानूनी तरीके से आठवां असलहा दर्ज कराया था, वह ग्लाॅक पिस्टल थी। इसे दिल्ली पुलिस ने उसके लाइसेंस पर दर्ज भी कर लिया, जिसकी वजह से संबंधित अधिकारी एसटीएफ की जांच के दायरे में आ गए। 

एसटीएफ ने अब्बास पर मुकदमा दर्ज करने के बाद उसके सभी आठों असलहे और 4531 कारतूस जमा कराए थे। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने उसके शस्त्र लाइसेंस को भी रद्द कर दिया था। जांच में ये भी सामने आया कि अब्बास ने स्लोवानिया से ग्लॉक पिस्टल खरीदी, जबकि वह पिस्टल इवेंट का शूटर नहीं था। वहीं राइफल समेत जिन असलहों को उसने खरीदा, यूपी राइफल एसोसिएशन के मुताबिक वे शूटिंग में इस्तेमाल नहीं होते हैं। ये भी जानकारी मिली कि वह यूपी का शूटर होने के बावजूद पंजाब की तरफ से प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले रहा था।

20 लाख की पिस्टल 23 हजार में
अब्बास स्लोवानिया से जो असलहे लाया था, उनकी कीमत बेहद मामूली थी। वह स्लोवानिया से 36 हजार रुपये में 30.06 बोर की राइफल लाया, जिसके लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर मात्र 24 हजार रुपये कस्टम ड्यूटी दी। यहां इस राइफल की कीमत करीब 80 लाख रुपये है। इसके बाद दोबारा स्लोवानिया जाकर ग्लॉक पिस्टल, तीन बैरल और 1200 कारतूस खरीदे और दिल्ली एयरपोर्ट पर 24 हजार ड्यूटी देकर कस्टम क्लीयरेंस हासिल कर ली। यहां इस पिस्टल की कीमत 15-20 लाख रुपये है। बाद में, इनमें से कुछ असलहों को लाखों रुपये में अन्य लोगों को बेचा भी गया।

ये असलहे खरीदे
दो डीबीबीएल गन बरेटा मेड इन इटली, .357 बोर मैगनम रिवाल्वर, शॉर्ट गन, .300 बोर मैगनम राइफल, 30.06 बोर ब्लाजर स्पोर्ट्स राइफल, .357 बोर ग्लॉक पिस्टल (मेड इन आस्टि्या), 30.06 बोर ब्लाजर राइफल (मेड इन जर्मनी)।

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