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बिहार के अररिया जिले से 12 बच्चों की तस्करी कर पानीपत ले जा रहे गिरोह का खुलासा चाइल्ड लाइन, क्राइम ब्रांच और चिनहट पुलिस ने मिलकर किया है। इस गिरोह के पांच तस्करों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों के खिलाफ मानव तस्करी सहित कई संगीन धाराओं में केस दर्ज किया गया है। देर रात तक आरोपियों से पूछताछ की जा रही थी। वहीं मुक्त कराए गए बच्चों को मोहान रोड स्थित राजकीय बाल गृह भेजा गया है।
एडीसीपी पूर्वी एसएम कासिम आब्दी के मुताबिक, बुधवार को चाइल्ड लाइन की टीम ने क्राइम ब्रांच डीसीपी पीके तिवारी को बताया कि बिहार से बच्चों को तस्करी कर लखनऊ के रास्ते पानीपत ले जाया जा रहा है। डीसीपी क्राइम ब्रांच पीके तिवारी ने इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह की टीम को चाइल्ड लाइन की टीम के साथ रेस्क्यू के लिए लगाया। वहीं चिनहट पुलिस को भी अलर्ट कर दिया गया। एडीसीपी के मुताबिक, पुलिस ने बीबीडी चौकी क्षेत्र में नहर के पास बैरिकेडिंग कर वाहनों की चेकिंग शुरू की थी। इसी बीच बिहार से दिल्ली जाने वाली एक निजी बस आती हुई दिखी। वहां मौजूद बचपन बचाओ आंदोलन केसूर्यप्रताप मिश्रा ने बस को देखा और नंबर का मिलान किया। पुलिस ने बस को रोका। बस के अंदर से 12 बच्चों को निकाला गया।
सभी बच्चे अररिया जिले के रहने वाले थे जिनकी उम्र करीब 10 से 15 साल के बीच की थी। इसके बाद एक-एक कर सभी यात्रियों के बीच से तस्करों की पहचान शुरू की। क्राइम ब्रांच के धर्मेंद्र सिंह के मुताबिक, बस के अंदर बच्चों को एक साथ नहीं रखा गया था। एक-एक व दो-दो के जोड़ों में बांटा गया था। उन पर निगरानी केलिए तस्कर भी साथ थे। पुलिस के मुताबिक, पकड़े गए सभी तस्कर बिहार के पूर्णिया जिले के रहने वाले हैं। पकड़े गए तस्करों में राहिल, मो. मस्तक, शाकिर आलम, शाहनवाज और गुलफराज शामिल हैं। पुलिस ने तस्करों को गिरफ्त में लेने के बाद बस को जाने दिया। पुलिस तस्करों को थाने लेकर गई जहां उनसे काफी देर पूछताछ के बाद देर शाम मानव तस्करी सहित कई धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया।
बच्चों ने कहा, काम कराने को ले जा रहे थे
पुलिस ने जब तस्करों से पूछताछ की तो गुमराह करने की कोशिश की गई। तस्करों ने पुलिस को बताया कि बच्चे उनके रिश्तेदार हैं। वह बच्चों के मां-पिता से बातचीत कर पढ़ाई कराने के लिए ले जा रहे हैं। इसकी पुष्टि के लिए बच्चों से चाइल्ड लाइन, क्राइम ब्रांच और चिनहट पुलिस ने पूछताछ की तो बच्चों ने बताया कि उनको पढ़ाई कराने के लिए नहीं बल्कि होटलों, घरों और दुकानों में काम करने के लिए लेकर जा रहे हैं।
बाल कल्याण समिति के सामने पेश किए गए बच्चे
तस्करी गिरोह से बचाने के बाद पुलिस ने 12 बच्चों को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया। समिति की न्यायिक सदस्य डॉ. संगीता शर्मा ने बच्चों से पूछताछ की। इसके बाद उनको राजकीय बाल गृह बालक मोहान रोड भेज दिया गया। बृहस्पतिवार को बच्चों से दोबारा पूछताछ की जाएगी ताकि ऐसे गिरोह के बारे में और जानकारी हासिल कर पुलिस को अलर्ट किया जा सके।
इस टीम ने बच्चों को कराया मुक्त
एडीसीपी पूर्वी के मुताबिक, बच्चों की तस्करी करने वाले गिरोह का खुलासा करने में मानव तस्करी सेल के प्रभारी अजय प्रकाश मिश्रा, क्राइम ब्रांच के धर्मेंद्र सिंह, तेज बहादुर सिंह, इंस्पेक्टर चिनहट घनश्याम मणि त्रिपाठी, एसएसआई अनिल कुमार सिंह, एसआई संतोष कुमार, दिलीप कुमार, प्रमोद कुमार, कांस्टेबल विजय यादव, राजीव कुमार, दयाराम, मोहित राठी, बचपन बचाओ आंदोलन के सूर्य प्रताप मिश्रा, चाइल्ड लाइन केंद्र के समन्वयक कृष्ण प्रताप शर्मा, काउंसलर वर्षा शर्मा, ज्योत्सना मिश्रा, अभय श्रीवास्तव, ट्विंकल सिंह, अभिषेक मिश्रा, बाल कल्याण अधिकारी गुरप्रीत कौर, प्रवीण कुमार, अश्वनी पाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।