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हरियाणा के पानीपत जिले में स्थित समालखा में होने वाली राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के बाद उत्तर प्रदेश में संघ और वैचारिक संगठनों में बड़ा बदलाव हो सकता है। आगामी लोकसभा चुनाव और संघ के शताब्दी वर्ष के मद्देनजनर कुछ प्रचारकों की जिम्मेदारी बदली जा सकती है।
आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक 12-14 मार्च तक हरियाणा में प्रस्तावित है। यूपी से क्षेत्रीय प्रचारक, प्रांत प्रचारक, विभाग प्रचारक, राज्य कार्यकारिणी के सदस्य सहित अन्य पदों के दायित्व वाले पदाधिकारी बैठक में शामिल होंगे। यूं तो बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 की गतिविधियों की समीक्षा और आगामी वर्ष 2023-24 के लिए रणनीति और कार्ययोजना तैयार होगी। लेकिन, आगामी लोकसभा चुनाव के लिहाज से प्रतिनिधि सभा की बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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बीते दिनों संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी की मौजूदगी में समन्वय बैठक की हुई थी। बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार, संघ और भाजपा के बीच समन्वय और कीलकांटे दुरुस्त करने पर मंथन हुआ था।
सूत्रों के मुताबिक संघ मलिन और दलित बस्तियों में अपनी पैठ बनाने में जुटा है। इसके लिए समरसता और सामाजिक सेवा से जुड़े कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। इसके मद्देनजर महत्वपूर्ण पदों पर कुछ पिछड़ी और दलित जाति के प्रचारकों और पदाधिकारियों की तैनाती की जा सकती है। संघ को इसका फायदा संगठन के विस्तार में मिलेगा। आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को भी लाभ होने की संभावना जताई जा रही है।