Hindi News
›
Uttar Pradesh
›
Lucknow News
›
Commission submits survey report to Chief Minister Yogi regarding reservation of backward classes
{"_id":"640a235b73c06f39a704e183","slug":"commission-submits-survey-report-to-chief-minister-yogi-regarding-reservation-of-backward-classes-2023-03-09","type":"story","status":"publish","title_hn":"यूपी निकाय चुनाव : पिछड़ों के आरक्षण को लेकर आयोग ने मुख्यमंत्री योगी को सौंपी सर्वे रिपोर्ट","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
यूपी निकाय चुनाव : पिछड़ों के आरक्षण को लेकर आयोग ने मुख्यमंत्री योगी को सौंपी सर्वे रिपोर्ट
अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ
Published by: पंकज श्रीवास्तव
Updated Fri, 10 Mar 2023 12:33 PM IST
सार
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
विभाग के एक उच्च पदस्थ सूत्र का कहना है कि राज्य सरकार आयोग की रिपोर्ट इसी माह सुप्रीम कोर्ट में रखने और चुनाव कराने की अनुमति मांगेगी। सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलते ही मेयर व अध्यक्ष की सीटों के आरक्षण काम शुरू करा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को रिपोर्ट सौंपते आयोग के अध्यक्ष व सदस्य
- फोटो : अमर उजाला
निकाय चुनाव में पिछड़ों का आरक्षण तय करने के लिए गठित उप्र राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को रिपोर्ट सौंप दी। अब इस रिपोर्ट को शुक्रवार को होने वाली कैबिनेट में मंजूरी देने की तैयारी है। इसके बाद रिपोर्ट के आधार पर निकाय चुनाव में पिछड़ों के लिए सीट का आरक्षण नये सिरे से तय किया जाएगा। आयोग के अध्यक्ष राम औतार सिंह ने इसकी पुष्टि कर दी है। इसी के साथ निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है।
बता दें कि निकाय चुनाव के लिए नगर विकास विभाग द्वारा जारी आरक्षण सूची आपत्ति जताते हुए तमाम लोगों ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस आधार पर हाईकोर्ट ने बिना आरक्षण के ही चुनाव कराने के निर्देश दिया था। इस फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी। सरकार का पक्ष सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आयोग का गठन करके 31 मार्च तक जिलों का सर्वे कराके रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे।
प्रदेश सरकार ने 28 दिसंबर-2022 को हाईकोर्ट के रिटायर न्यायमूर्ति राम औतार सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय आयोग का गठन किया था। गठन के बाद आयोग ने प्रदेश के सभी 75 जिलों में जाकर पिछड़ों की आबादी का सर्वे कराने के साथ ही रैपिड सर्वे में दिखाए गए पिछड़ी जाति के आंकड़ों, पूर्व में शासन द्वारा जारी आरक्षण सूची, चक्रानुक्रम प्रक्रिया आदि का परीक्षण किया। इस दौरान आयोग को स्थानीय प्रशासन द्वारा अपनाई गई चक्रानुक्रम प्रक्रिया और पिछड़ों के आंकड़ों में में कई तरह की खामियां भी मिली। आयोग ने खामियों को दूर करने का फार्मूला सुझाया है।
पिछले तीन दिनों से आयोग के स्तर पर रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा था। बृहस्पतिवार को आयोग ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी। आयोग ने जिले में भ्रमण के दौरान चक्रानुक्रम आरक्षण और रैपिड सर्वे प्रक्रिया में मिली खामियों और उसे दूर करने के लिए सुझाए गए उपायों के बारे में भी मुख्यमंत्री को जानकारी दी। इस मौके पर नगर विकास मंत्री एके शर्मा, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात व आयोग के सदस्य उपस्थित थे।
सीटों के आरक्षण में होगा बड़ा उलटफेर
आयोग की रिपोर्ट मिलने के बाद अब इसे कैबिनेट में मंजूरी दी जाएगी। इसके लिए शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में आयोग की रिपोर्ट को मंजूरी दी जाएगी। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात के स्तर से रिपोर्ट को कैबिनेट मंजूरी के लिए रखने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। इसके बाद रिपोर्ट की जानकारी सुप्रीम कोर्ट को देते हुए यूपी में निकाय चुनाव कराने की अनुमति मांगी जाएगी। सूत्रों का कहना है कि आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सीटों के आरक्षण में बड़ा उलट-फेर होगा। नगर विकास विभाग ट्रिपल टेस्ट के आधार पर मेयर व अध्यक्ष की सीटों का नए सिरे से आरक्षण करेगा। सूत्रों का कहना है कि अनारक्षित कई सीटें ओबीसी के खाते में जा सकती हैं।
विज्ञापन
सुप्रीम कोर्ट से जल्द चुनाव कराने की अनुमति मांग सकती है सरकार
विभाग के एक उच्च पदस्थ सूत्र का कहना है कि राज्य सरकार आयोग की रिपोर्ट इसी माह सुप्रीम कोर्ट में रखने और चुनाव कराने की अनुमति मांगेगी। सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलते ही मेयर व अध्यक्ष की सीटों के आरक्षण काम शुरू करा दिया जाएगा। मार्च के अंत तक सीटों के आरक्षण की अनंतिम अधिसूचना जारी करते हुए इस पर आपत्तियां ली जाएंगी, जिससे इसे अंतिम रूप दिया जा सके।
तय समय सीमा से 22 दिन पहले ही तैयार हो गई रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने निकाय चुनाव में पिछड़ों की हिस्सेदारी तय करने के लिए आयोग को सर्वे के लिए 31 मार्च 2023 तक का समय दिया था, लेकिन यह रिपोर्ट तय समय सीमा से करीब 22 दिन पहले ही सरकार को सौंप दी गई है। 350 पेज की इस रिपोर्ट को 2 महीने 10 दिन में तैयार किया गया है।
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।