संवाद न्यूज एजेंसी
बिश्नाह। जहां एक तरफ भाजपा नेता सरकार की योजनाओं की उपलब्धियां गिनाते नहीं थकते। वहीं दूसरी ओर किसी गरीब को उस योजना से वंचित रहना पड़ता है। ऐसा ही कुछ हाल गांव दयोली में रहने वाली वृद्ध महिला कमलेश देवी के घर का है।
प्रधानमंत्री योजना के तहत गरीबों को पक्का घर दिलाया जाता है। कमलेश देवी को आज तक पक्का घर नसीब नहीं हुआ। बताते चलें कि कमलेश देवी ने इसके बारे में कई नेताओं को भी अवगत करवाया, पर वह भी खोखले वादे ही कर चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि नेता लोग सिर्फ वोट लेने के लिए आते हैं और तब तो गरीब के घरों में खाना खाकर उनके हमदर्द बनते हैं। जब वह चुनाव जीत जाते हैं तो फिर कभी उनकी ओर नहीं देखते। उनका कहना है कि नेता अगर चाहें तो इस योजना का लाभ दिलाकर पक्का घर दिला सकते हैं, पर उन्हें गरीबों की चिंता ही नहीं। उन्होंने कहा कि अपनी गुहार लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों के पास भी गईं, उन्होंने भी टालमटोल कर दिया। उनका कहना है कि अधिकारी भी सिर्फ सूट बूट वाले को ही अंदर आने देते हैं। जब कोई गरीब उनके दफ्तर में जाता है तो कई कई घंटे तो बाहर ही बिठा दिया जाता है। अगर अधिकारी से मुलाकात होने का मौका मिल भी जाए तो बस अधिकारी भी टालमटोल करके बात को दबा देते हैं।
कमलेश देवी का कहना है कि कई बार दफ्तरों के चक्कर काटने पर भी उन्हें आज तक पक्का मकान नसीब नहीं हुआ।
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घर में कोई कमाने वाला नहीं : कमलेश
वृद्ध महिला का कहना है कि उसकी दो बेटियां हैं। उनका कहना है कि घर में कोई कमाने वाला नहीं होने के चलते गरीबी रेखा के नीचे जीवन व्यतीत करने पर भी सरकार द्वारा आज तक उन्हें पक्की छत से वंचित रहना पड़ रहा है। उनका कहना है कि दो वर्ष पूर्व विभाग द्वारा उन्हें पक्के घर बनाने के लिए पचास हजार रुपये दिए गए थे, पर विभाग के अधिकारियों द्वारा उन्हें कहा गया कि चार पांच दिनों के अंदर घर का कार्य शुरू करवा दो। उनका कहना है कि घर में कुछ परेशानी के चलते उन्होंने घर का निर्माण कार्य शुरू नहीं करवाया, तो अधिकारी द्वारा कहा गया दिए गए पैसे को वापस विभाग के खाते में जमा करवा दो। इसके चलते उन्होंने पैसा अधिकारी को वापस कर दिया गया। इसकी उनके पास रसीद भी है। उन्होंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा व विभाग के उच्च अधिकारियों से मांग करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में उसको भी पक्का घर मिलना चाहिए।