न्यूज डेस्क, अमर उजाला, श्रीनगर
Updated Mon, 16 Sep 2019 12:37 AM IST
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जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल के सलाहकार फारुख खान ने कहा है कि बच्चों को स्कूल जाने से मना करना और बच्चों को स्कूल भेजने वाले माता-पिता को धमकी देना इस्लाम के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदेह है। आतंकवादी चाहते हैं कि लोग निरक्षर बने रहें ताकि वे उन्हें अपने मंसूबे पूरे करने में भागीदार बना सकें। ज्ञात हो कि राज्य का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद श्रीनगर में ऐसे पोस्टर सामने आए हैं, जिनमें प्रदर्शनकारियों ने लोगों को चेतावनी देते हुए कहा है कि वे अपने बच्चों को स्कूलों से दूर रखें।
सलाहकार ने पोस्टर के बारे में कहा कि आतंकवादी किस तरह के धर्म का अनुसरण कर रहे हैं। निश्चित रूप से यह इस्लाम नहीं है। पवित्र ग्रंथ कुरान की शुरुआत इकरा शब्द से होती है, जिसका अर्थ है पढ़ो। खान ने कहा कि मुझे आश्चर्य है कि ये लोग किस तरह के इस्लाम का प्रचार कर रहे हैं। यह इस्लाम हो ही नहीं सकता। कहा कि हमने स्कूल खोल दिए हैं और अभिभावकों को अपने बच्चों की पढ़ाई की खातिर आगे आना चाहिए। मैं भरोसा दिला सकता हूं कि वे सुरक्षित रहेंगे।
पहले से तय समय पर होंगी बोर्ड परीक्षाएं
सलाहकार ने स्पष्ट किया कि बोर्ड परीक्षा की तारीख बदलने की कोई योजना नहीं है। परीक्षाएं पहले से तय समय पर होंगी। स्कूल बोर्ड ने अक्तूबर अंत तथा नवंबर में परीक्षा की तिथि का एलान किया है। राज्य में निजी स्कूल स्थानीय अखबारों के जरिए बच्चों से बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी करने के लिए कह रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल के सलाहकार फारुख खान ने कहा है कि बच्चों को स्कूल जाने से मना करना और बच्चों को स्कूल भेजने वाले माता-पिता को धमकी देना इस्लाम के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदेह है। आतंकवादी चाहते हैं कि लोग निरक्षर बने रहें ताकि वे उन्हें अपने मंसूबे पूरे करने में भागीदार बना सकें। ज्ञात हो कि राज्य का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद श्रीनगर में ऐसे पोस्टर सामने आए हैं, जिनमें प्रदर्शनकारियों ने लोगों को चेतावनी देते हुए कहा है कि वे अपने बच्चों को स्कूलों से दूर रखें।
सलाहकार ने पोस्टर के बारे में कहा कि आतंकवादी किस तरह के धर्म का अनुसरण कर रहे हैं। निश्चित रूप से यह इस्लाम नहीं है। पवित्र ग्रंथ कुरान की शुरुआत इकरा शब्द से होती है, जिसका अर्थ है पढ़ो। खान ने कहा कि मुझे आश्चर्य है कि ये लोग किस तरह के इस्लाम का प्रचार कर रहे हैं। यह इस्लाम हो ही नहीं सकता। कहा कि हमने स्कूल खोल दिए हैं और अभिभावकों को अपने बच्चों की पढ़ाई की खातिर आगे आना चाहिए। मैं भरोसा दिला सकता हूं कि वे सुरक्षित रहेंगे।
पहले से तय समय पर होंगी बोर्ड परीक्षाएं
सलाहकार ने स्पष्ट किया कि बोर्ड परीक्षा की तारीख बदलने की कोई योजना नहीं है। परीक्षाएं पहले से तय समय पर होंगी। स्कूल बोर्ड ने अक्तूबर अंत तथा नवंबर में परीक्षा की तिथि का एलान किया है। राज्य में निजी स्कूल स्थानीय अखबारों के जरिए बच्चों से बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी करने के लिए कह रहे हैं।