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कर्ज अदा न करने पर कुर्की से पहले मुनादी करने पहुंची टीम को देखकर एक महिला शर्म से इतनी टूट गई कि वह देखते ही देखते बेहोश हो गई। बैंक की ओर से रिकवरी करने गई टीम ने कार्रवाई ढोल के साथ की थी। महिला के बेहोश होकर गिरते ही मौके पर हड़कंप मच गया।
देखते ही देखते बड़ी संख्या में लोग जमा होने शुरू हो गए। मामला गड़बड़ाते देख मुनादी करने आई टीम और पटवारी भाग खड़े हुए।
होश खोने वाली महिला कृष्णा देवी (65) निवासी नागबनी समैलपुर को तत्काल मढ़ अस्पताल पहुंचाया गया। महिला की हालत नाजुक देख डाक्टरों ने उन्हें जीएमसी रेफर कर दिया।
समाचार लिखे जाने तक उन्हें वेंटिलेटर में रखा गया था। घटना की जानकारी मिलते ही गांव के लोग जमा होकर अस्पताल पहुंच गए। लोगों में बैंक की टीम की आेर से तहसीलदार और पटवारी की इस तरह से की कार्रवाई पर रोष जताया।
महिला के बेटे तरसेम ने बताया कि 2001 में डेयरी का काम करने के लिए अपनी जमीन गिरवी रखकर 1.20 लाख रुपये का बैंक से कर्ज लिया था। डेयरी के काम में मुनाफा कम नुकसान ज्यादा होता रहा। जितना कर्ज उतारा, उससे ज्यादा कर्ज बढ़ता गया।
कर्ज की राशि 1.93 लाख रुपये पहुंच गई। बकाया ऋण अदा न करने पर बैंक ने कुर्की के लिए 10 फरवरी 2016 का दिन तय किया। घर के सामने पहुंची टीम के ढोल बजाने से उनकी मां घबराई और बेहोश होकर गिर गई।
कर्ज अदा न करने पर कुर्की से पहले मुनादी करने पहुंची टीम को देखकर एक महिला शर्म से इतनी टूट गई कि वह देखते ही देखते बेहोश हो गई। बैंक की ओर से रिकवरी करने गई टीम ने कार्रवाई ढोल के साथ की थी। महिला के बेहोश होकर गिरते ही मौके पर हड़कंप मच गया।
देखते ही देखते बड़ी संख्या में लोग जमा होने शुरू हो गए। मामला गड़बड़ाते देख मुनादी करने आई टीम और पटवारी भाग खड़े हुए।
होश खोने वाली महिला कृष्णा देवी (65) निवासी नागबनी समैलपुर को तत्काल मढ़ अस्पताल पहुंचाया गया। महिला की हालत नाजुक देख डाक्टरों ने उन्हें जीएमसी रेफर कर दिया।
बैंक के लाखों रुपए का हड़पा
समाचार लिखे जाने तक उन्हें वेंटिलेटर में रखा गया था। घटना की जानकारी मिलते ही गांव के लोग जमा होकर अस्पताल पहुंच गए। लोगों में बैंक की टीम की आेर से तहसीलदार और पटवारी की इस तरह से की कार्रवाई पर रोष जताया।
महिला के बेटे तरसेम ने बताया कि 2001 में डेयरी का काम करने के लिए अपनी जमीन गिरवी रखकर 1.20 लाख रुपये का बैंक से कर्ज लिया था। डेयरी के काम में मुनाफा कम नुकसान ज्यादा होता रहा। जितना कर्ज उतारा, उससे ज्यादा कर्ज बढ़ता गया।
कर्ज की राशि 1.93 लाख रुपये पहुंच गई। बकाया ऋण अदा न करने पर बैंक ने कुर्की के लिए 10 फरवरी 2016 का दिन तय किया। घर के सामने पहुंची टीम के ढोल बजाने से उनकी मां घबराई और बेहोश होकर गिर गई।