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क्राइम ब्रांच ने भगोड़े अपराधियों पर शिकंजा कसा है। क्राइम ब्रांच ने दो भगोड़े घोषित अपराधियों की संपत्ति को अटैच कर दिया है। आरके फाइनेंस और आरके ट्रेडर की संपत्ति को कोर्ट से अनुमति लेने के बाद अटैच कर दिया गया।
जम्मू के सिटी चौक निवासी राकेश गुप्ता पर वर्ष 2000 में धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ था। कोर्ट की ओर से राकेश को भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। अपने साथियों के साथ मिलकर राकेश ने आरके फाइनेंस और आरके ट्रेडर नाम की कंपनी खोली थी। लोगों को अधिक ब्याज का लालच देकर उनसे पैसे जमा कराए जाते थे। आरोपियों ने 65 लाख रुपये जमा कर लिए। लेकिन बाद में पैसे नहीं लौटाए।
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शिकायत के बाद क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच की और 2002 में कोर्ट में चालान पेश किया। लेकिन तब से आरोपी फरार हैं। कोर्ट में मामला अंडर ट्रायल होने के बाद भी आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हुआ। न ही क्राइम ब्रांच को जांच में सहयोग मिला।
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लंबे समय तक हाजिर न होने के चलते क्राइम ब्रांच ने अब आरोपी को घोषित अपराधी करार दे दिया है। कोर्ट से अनुमति लेने के बाद 31 जनवरी को अपराधी की संपत्ति को अटैच कर दिया। जुलाई 2019 से अब तक क्राइम ब्रांच ने 14 आरोपियों के अरेस्ट वारंट निकाले हैं। जो भगोड़े घोषित हैं।
क्राइम ब्रांच ने भगोड़े अपराधियों पर शिकंजा कसा है। क्राइम ब्रांच ने दो भगोड़े घोषित अपराधियों की संपत्ति को अटैच कर दिया है। आरके फाइनेंस और आरके ट्रेडर की संपत्ति को कोर्ट से अनुमति लेने के बाद अटैच कर दिया गया।
जम्मू के सिटी चौक निवासी राकेश गुप्ता पर वर्ष 2000 में धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ था। कोर्ट की ओर से राकेश को भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। अपने साथियों के साथ मिलकर राकेश ने आरके फाइनेंस और आरके ट्रेडर नाम की कंपनी खोली थी। लोगों को अधिक ब्याज का लालच देकर उनसे पैसे जमा कराए जाते थे। आरोपियों ने 65 लाख रुपये जमा कर लिए। लेकिन बाद में पैसे नहीं लौटाए।
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