घाटी में 20 से भी कम घंटे में आतंकियों ने शुक्रवार को एक और टारगेट किलिंग को अंजाम देते हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक जवान को निशाना बनाया। जवान इन दिनों छुट्टी पर था और अपने बच्चे की स्कूल बस का इंतजार कर रहा था। इस बीच आतंकियों का शिकार बने कश्मीरी पंडित कर्मचारी की हत्या से आक्रोशित पीएम पैकेज के 350 से अधिक कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफे की पेशकश की है। उन्होंने उप-राज्यपाल को संबोधित हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन भेजा है। उनका कहना है कि वे कश्मीरी पंडित कर्मचारी की हत्या के बाद से अपने को असुरक्षित पा रहे हैं। ड्यूटी के दौरान कार्यालय में घुसकर हत्या से वे डरे हुए हैं।
बडगाम में शेखपोरा विस्थापित कॉलोनी में आतंकी हमले के विरोध में शुक्रवार को दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा। वे उप-राज्यपाल को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े हुए थे। जब उप-राज्यपाल नहीं आए तो विरोध स्वरूप उन्होंने एयरपोर्ट की ओर मार्च किया, जिन्हें रोकने के लिए पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज कर आंसू गैस के गोले भी दागे।
डीआईजी दक्षिण कश्मीर रेंज अब्दुल जब्बार ने बताया कि रियाज अहमद ठोकर छुट्टी पर था और वह गुडारू स्थित पैतृक गांव में अपने बच्चों की स्कूल बस का इंतजार कर रहा था। तभी बाइक सवार दो आतंकियों ने उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग की और भाग निकले। खून से लथपथ रियाज को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। घटना के बाद पूरे इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन आतंकियों का कोई सुराग हाथ नहीं लगा। शाम को उसे श्रद्धांजलि दी गई। कश्मीर रेंज के आईजी विजय कुमार ने बताया कि हमले में शामिल आतंकियों को जल्द ढूंढ निकाला जाएगा।
वहीं, बडगाम के चाडूरा में कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट की हत्या से गुस्साए कश्मीरी पंडितों का शेखपोरा विस्थापित कॉलोनी में शुक्रवार को दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन चलता रहा। पंडित समुदाय के लोग जिसमें महिलाएं भी थीं, हवाई अड्डे की तरफ बढ़ रहे थे तो पुलिस ने उन्हें रोका। इस दौरान लोगों की पुलिस से धक्का मुक्की हुई। आक्रोशित पंडितों को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। साथ ही आंसू गैस के गोले दागे। इससे भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। हालांकि, इसमें किसी को चोट नहीं आई है।
उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा शुक्रवार को आतंकी हमले में मारे गए कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट के परिजनों से मिले और उन्हें इंसाफ दिलाने का भरोसा दिलाया। कहा कि आतंकियों और उनके समर्थकों को इस जघन्य कृत्य के लिए भारी कीमत चुकानी होगी। भट की हत्या के खिलाफ घाटी में जारी कश्मीरी पंडितों के प्रदर्शन के बीच उनके परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट किया, राहुल भट के परिजनों से मुलाकात की और परिवार को इंसाफ दिलाने का आश्वासन दिया। दुख की इस घड़ी में सरकार राहुल भट के परिवार के साथ खड़ी है।
आतंकी हमले में मारे गए सरकारी कर्मचारी राहुल भट अंतिम संस्कार शुक्रवार को गम और गुस्से के बीच किया गया। भट के पार्थिव शरीर को जम्मू के दुर्गा नगर इलाके में स्थित उनके आवास पर शुक्रवार की सुबह लाया गया। बडगाम की शेखपोरा विस्थापित कॉलोनी में भट के साथ रह रहीं उनकी पत्नी और बेटी भी उनके शव के साथ कश्मीर से यहां पहुंचीं। उनके भाई सनी ने बनतालाब श्मशान घाट पर राहुल भट की चिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान लोगों ने राहुल भट अमर रहे के नारे लगाए। जम्मू में भट के आवास पर अंतिम संस्कार के लिए सैकड़ों कश्मीरी पंडित एकत्र हुए। अंतिम संस्कार में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना और अन्य पार्टी नेता भी शामिल हुए, लेकिन उन्हें कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्यों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। कश्मीरी पंडितों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की।
राहुल भट के परिवार सहित कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्यों ने केंद्र की भाजपा सरकार पर समुदाय के पुनर्वास के नाम पर युवा कश्मीरी हिंदुओं को बलि का बकरा बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस घटना ने घाटी में स्थायी रूप से फि र से बसने के उनके सपने को चकनाचूर कर दिया है। राहुल भट के रिश्तेदार सून नाथ भट ने कहा, आपने (भाजपा) युवा कश्मीरी पंडितों को नौकरियां देने और उनके पुनर्वास के नाम पर उनकी हत्या करने की योजना बनाई। वे आतंकियों के लिए ऐसे लोग हैं, जिन्हें मार कर आतंकी निशाना लगाने का अभ्यास करते हैं।
राहुल भट के पिता बिट्टा जी भट ने कहा कि इस सोची-समझी हत्या में शामिल सभी अपराधियों की पहचान करने के लिए जांच के आदेश दिए जाने चाहिए। अपने आंसुओं को रोकने की कोशिश करते हुए कहा, मैं अपने बीमार भाई के साथ अस्पताल में था, तभी मेरे परिवार के एक मित्र ने कश्मीर से मुझे फोन किया और इस घटना के बारे में जानकारी दी। मैंने बडगाम के उपायुक्त और संबंधित पुलिस अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। उपायुक्त के कर्मचारी की दिनदहाड़े उनके कार्यालय में घुस कर हत्या कर दी गई, ऐसे में यह उनकी जिम्मेदारी थी कि वह कम से कम परिवार को इसकी जानकारी देते। राहुल भट की मां बबली ने सरकार से उनके बेटे को लौटाने की अपील की। वे हमारे बच्चों को नौकरियों देने के लिए नहीं, बल्कि मरने देने के लिए वहां लेकर गए हैं। राहुल के पड़ोसियों ने कहा कि वह एक सज्जन व्यक्ति थे और उनकी हत्या की खबर से लोग सकते में हैं।
पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि उन्हें उनके घर में नजरबंद रखा गया, ताकि वह प्रदर्शनकारी कश्मीरी पंडितों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए बडगाम नहीं जा पाएं। कहा कि सरकार नहीं चाहती है कि कश्मीरी मुस्लिम व पंडित एक दूसरे के दुख में साझीदार बनें। उन्होंने ट्विटर पर वीडियो भी साझा किए। कहा कि घाटी के हालात बद से बदतर हो रहे हैं। उन्होंने बहुसंख्यक समाज से अल्पसंख्यकों के साथ खड़ा होने की अपील की।
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घाटी में 20 से भी कम घंटे में आतंकियों ने शुक्रवार को एक और टारगेट किलिंग को अंजाम देते हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक जवान को निशाना बनाया। जवान इन दिनों छुट्टी पर था और अपने बच्चे की स्कूल बस का इंतजार कर रहा था। इस बीच आतंकियों का शिकार बने कश्मीरी पंडित कर्मचारी की हत्या से आक्रोशित पीएम पैकेज के 350 से अधिक कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफे की पेशकश की है। उन्होंने उप-राज्यपाल को संबोधित हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन भेजा है। उनका कहना है कि वे कश्मीरी पंडित कर्मचारी की हत्या के बाद से अपने को असुरक्षित पा रहे हैं। ड्यूटी के दौरान कार्यालय में घुसकर हत्या से वे डरे हुए हैं।
बडगाम में शेखपोरा विस्थापित कॉलोनी में आतंकी हमले के विरोध में शुक्रवार को दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा। वे उप-राज्यपाल को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े हुए थे। जब उप-राज्यपाल नहीं आए तो विरोध स्वरूप उन्होंने एयरपोर्ट की ओर मार्च किया, जिन्हें रोकने के लिए पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज कर आंसू गैस के गोले भी दागे।
डीआईजी दक्षिण कश्मीर रेंज अब्दुल जब्बार ने बताया कि रियाज अहमद ठोकर छुट्टी पर था और वह गुडारू स्थित पैतृक गांव में अपने बच्चों की स्कूल बस का इंतजार कर रहा था। तभी बाइक सवार दो आतंकियों ने उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग की और भाग निकले। खून से लथपथ रियाज को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। घटना के बाद पूरे इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन आतंकियों का कोई सुराग हाथ नहीं लगा। शाम को उसे श्रद्धांजलि दी गई। कश्मीर रेंज के आईजी विजय कुमार ने बताया कि हमले में शामिल आतंकियों को जल्द ढूंढ निकाला जाएगा।
वहीं, बडगाम के चाडूरा में कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट की हत्या से गुस्साए कश्मीरी पंडितों का शेखपोरा विस्थापित कॉलोनी में शुक्रवार को दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन चलता रहा। पंडित समुदाय के लोग जिसमें महिलाएं भी थीं, हवाई अड्डे की तरफ बढ़ रहे थे तो पुलिस ने उन्हें रोका। इस दौरान लोगों की पुलिस से धक्का मुक्की हुई। आक्रोशित पंडितों को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। साथ ही आंसू गैस के गोले दागे। इससे भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। हालांकि, इसमें किसी को चोट नहीं आई है।