भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने बोनियार स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के तत्कालीन वार्डन समेत तीन लोक सेवकों के खिलाफ बुधवार को विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की। तीनों पर केजीबीवी बोनियार में आवश्यक शैक्षिक, गैर-शैक्षिक कार्यों और अन्य ढांचागत गतिविधियों को पूरा करने के लिए वित्तीय वर्ष 2013-14 के दौरान जारी की गई धनराशि में से 2955050 रुपये के घोटाले का आरोप है। मामले की अगली सुनवाई 7 अक्तूबर को होग।
एसीबी की चार्जशीट के अनुसार, बोनियार स्थित केजीबीवी के तत्कालीन वार्डन सज्जाद हुसैन मीर, प्रधान लिपिक मेहराजउद्दीन और खालिद हुसैन खान ने मिलकर वर्ष 2013-14 में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सरकारी खजाने को बड़ा नुकसान पहुंचाया। इस वर्ष केजीबीवी में वर्दी, किताबें, स्टेशनरी सामान, दवाइयां, बस किराया, भ्रमण और अन्य आवश्यक ढांचागत गतिविधियों के लिए 6218767 रुपये की राशि जारी की गई। जबकि 92,857 खाते में पहले से मौजूद थे।
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जांच में पता चला कि मात्र 826620 रुपये केजीबीवी बोनियार में विभिन्न आवश्यकताओं / गतिविधियों को पूरा करने के लिए खर्च किया गया और तीनों आरोपियों ने मिलीभगत कर 2955050 रुपये की राशि का घोटाला किया।
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इसके अलावा जांच में यह भी पता चला कि वित्तीय वर्ष 2013-14 के दौरान स्कूल के शिक्षकों के वेतन बकाया के रूप में केजीबीवी बोनियार के आधिकारिक खाते में 2000000 लाख रुपये शिक्षकों की तनख्वाह के रूप में जारी किए गए थे परंतु तीनों ने उक्त राशि को संबंधित शिक्षकों के बीच वितरित करने के बजाय अपने निजी खातों में ट्रांसफर करवा ली। इसके बाद तीनों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया था।