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Rohtak: घोटालों के आरोपों में घिरे अधिकारी को थमाई रूल 7 के तहत चार्जशीट
अमर उजाला ब्यूरो, रोहतक (हरियाणा)
Published by: भूपेंद्र सिंह
Updated Wed, 07 Dec 2022 08:01 AM IST
सार
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यह चार्ज शीट पंचकूला इंजीनियर इन चीफ के निर्देशों पर जारी की गई है। विभागीय सूत्रों की मानें तो अधिकारी का विवाद से पुराना नाता है। उन पर पहले भी आरोप लगते रहे हैं।
हरियाणा के रोहतक में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में घोटालों के आरोपों में घिरे एक अधिकारी को विभाग ने रूल 7 के तहत चार्जशीट थमा दी है। अधिकारी को सात दिन में जवाब देने का समय दिया है। स्पष्ट निर्देश हैं कि आदेशों पर गंभीरता से अमल करें। इस मामले में विभाग सीधे तौर पर बात करने से बच रहा है। हालांकि विभाग घोटालों के मामले में विजिलेंस जांच का सामना कर रहा है।
पहले काम फिर टेंडर व ऑफलाइन टेंडर जैसे आरोपों में घिरे विभाग के एक अधिकारी की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। घोटालों पर विजिलेंस जांच के साथ ही शीर्ष अधिकारियों के निर्देशों पर विभाग के कार्यकारी अभियंता को रूट 7 के तहत चार्जशीट दी गई है।
यह चार्ज शीट पंचकूला इंजीनियर इन चीफ के निर्देशों पर जारी की गई है। विभागीय सूत्रों की मानें तो अधिकारी का विवाद से पुराना नाता है। उन पर पहले भी आरोप लगते रहे हैं। अब अधिकारी को रूल 7 के तहत जवाब देना है। सरकारी जॉब में माना जाता है कि रूल 7 के तहत चार्जशीट मिलना गंभीर है। इसमें गाज गिरनी लगभग तय होती है, बस अधिकारी जवाब मिलने का इंतजार करते हैं।
संदेहपूर्ण है विभाग की कार्यशैली
जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की कार्यप्रणाली नियमों के विपरीत है। यहां पहले काम कराया जाता है, फिर उसका टेंडर लगाया जाता है। यहीं से विवाद शुरू होता है। क्योंकि विभाग गलत तरीके से टेंडर ऑफलाइन लगाता है और इसे लेने के लिए ठेकेदार जुगाड़बाजी करते हैं। अधिकारियों से मिलीभगत करते हैं। अधिकारी भी प्रयास करते हैं कि टेंडर जिन्होंने कार्य किया है, उन्हीं को अलाट किया जाए। इस संबंध में विभाग के लिपिक भी अधिकारियों को लिखित में शिकायत दे चुके हैं कि उन पर टेंडर ओपन करने का गलत दबाव बनाया जाता है। यही नहीं एक ही काम के लिए टुकड़ों में टेंडर आवेदन किए जाते हैं। हैरानी इस बात की है कि शीर्ष अधिकारी टुकड़ों में टेंडर निकालना अवैैध बताते हैं और स्थानीय स्तर पर अधिकारी टेंडर निकाल कर चहेतों को अलॉट भी कर देते हैं।
पेयजल समस्या से कम, शिकायतों का अधिक दबाव
विभाग की स्थिति यह है कि पेयजल समस्या से अधिक इनके पास शिकायतों का दबाव रहता है। आमजन के साथ निगम पार्षद तक इनकी शिकायत करते हैं। गत दो जिला परिवेदना समिति की बैठक में गृहमंत्री व उप मुख्यमंत्री के समक्ष भी विभाग की जनसमस्या का समाधान न करने के संबंध में किरकिरी हो चुकी है। शहर में दूषित पेयजल व सीवरेज जाम मुख्य समस्या है।
बोले अधिकारी
अधिकारी को रूल 7 के तहत चार्जशीट दी गई है और जवाब मांगा गया है। यह किस मामले में है अभी बता नहीं सकता। विभाग में नियमानुसार कार्य होगा। जो नियमों के खिलाफ चलेगा उस पर कार्रवाई होना तय है। -राजीव गुप्ता, अधीक्षण अभियंता, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग
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