पानीपत। करनाल में चार आतंकवादी पकड़े जाने के बाद जिले में अलर्ट है। रेलवे स्टेशन पर सोमवार को मधुबन अंबाला से आए बम निरोधक दस्ते ने जांच की। सुबह सवा 10 बजे दस्ता पहुंच गया और प्रवेश द्वार से सर्च ऑपरेशन शुरू किया। लगभग 45 मिनट तक खोजी कुत्ते बैंजो और दस्ते ने पानीपत रेलवे स्टेशन का चप्पा-चप्पा खंगाला।
प्लेटफार्म-एक, दो एवं तीन पर बम निरोधक दस्ते ने जांच की। स्टेशन पर यात्रियों के सामान की भी जांच की गई। पूर्व में पानीपत में बम धमाकों की तीन वारदातों की वजह से इसे संवेदनशील माना जाता था। इसके चलते बम निरोधक दस्ते की ओर यह दूसरा सर्च अभियान था। रिफायनरी और एनएफएल होने की वजह से पानीपत सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील है। एक सप्ताह पहले बम निरोधक दस्ते ने कोर्ट परिसर, बस स्टैंड और कलंदरशाह दरगाह परिसर एवं आसपास क्षेत्र में तीन घंटे तक सर्च अभियान चलाया था।
रेलवे स्टेशन के प्रवेश द्वार पर लगी मेटल डिटेक्टर मशीन आखिर चालू हो गई। ज्यादातर यह बंद ही मिलती थी। जीआरपी और आरपीएफ की मदद से सर्च अभियान चलाया गया। इस दौरान रेलवे स्टेशन पर कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। सुरक्षा पुख्ता पाई गई।
पानीपत में पहले चार बार बम धमाके हो चुके हैं। तीन धमाके ट्रेन और एक धमाका बस में हुआ है। समझौता एक्सप्रेस ट्रेन धमाके में पाकिस्तान जा रहे 68 यात्रियों की मौत हो गई थी। बस अड्डे पर हुए धमाकों में 50 से अधिक लोग घायल हुए थे।
पानीपत। करनाल में चार आतंकवादी पकड़े जाने के बाद जिले में अलर्ट है। रेलवे स्टेशन पर सोमवार को मधुबन अंबाला से आए बम निरोधक दस्ते ने जांच की। सुबह सवा 10 बजे दस्ता पहुंच गया और प्रवेश द्वार से सर्च ऑपरेशन शुरू किया। लगभग 45 मिनट तक खोजी कुत्ते बैंजो और दस्ते ने पानीपत रेलवे स्टेशन का चप्पा-चप्पा खंगाला।
प्लेटफार्म-एक, दो एवं तीन पर बम निरोधक दस्ते ने जांच की। स्टेशन पर यात्रियों के सामान की भी जांच की गई। पूर्व में पानीपत में बम धमाकों की तीन वारदातों की वजह से इसे संवेदनशील माना जाता था। इसके चलते बम निरोधक दस्ते की ओर यह दूसरा सर्च अभियान था। रिफायनरी और एनएफएल होने की वजह से पानीपत सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील है। एक सप्ताह पहले बम निरोधक दस्ते ने कोर्ट परिसर, बस स्टैंड और कलंदरशाह दरगाह परिसर एवं आसपास क्षेत्र में तीन घंटे तक सर्च अभियान चलाया था।
रेलवे स्टेशन के प्रवेश द्वार पर लगी मेटल डिटेक्टर मशीन आखिर चालू हो गई। ज्यादातर यह बंद ही मिलती थी। जीआरपी और आरपीएफ की मदद से सर्च अभियान चलाया गया। इस दौरान रेलवे स्टेशन पर कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। सुरक्षा पुख्ता पाई गई।
पानीपत में पहले चार बार बम धमाके हो चुके हैं। तीन धमाके ट्रेन और एक धमाका बस में हुआ है। समझौता एक्सप्रेस ट्रेन धमाके में पाकिस्तान जा रहे 68 यात्रियों की मौत हो गई थी। बस अड्डे पर हुए धमाकों में 50 से अधिक लोग घायल हुए थे।