चंडीगढ़। अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि बेअदबी मामले में एफआईआर 128 के तहत फरीदकोट की अदालत में पेश किए चालान से डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम का नाम निकालना पूरी तरह गलत है। इसके जवाब में एसआईटी प्रमुख ने स्पष्ट किया है कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामलों में जांच सही दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि बेअदबी मामलों की एफआईआर में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम भी आरोपी है, डेरामुखी या किसी अन्य को क्लीनचिट नहीं दी गई है।
एसआईटी प्रमुख ने कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और यदि जांच के दौरान किसी के खिलाफ सुबूत पाए जाते हैं तो ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। एसआईटी प्रमुख परमार ने कहा कि बरगाड़ी और बुर्ज जवाहर सिंह वाला से संबंधित तीन मामलों की जांच अब भी खुली है और पुलिस थाना बाजाखाना की 2015 की एफआईआर संख्या 128 के चालान के अनुसार, यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि इन बेअदबी मामलों में यदि और जब किसी के खिलाफ कोई सबूत आता है, तो उसे बुक किया जाएगा। आरोपियों के खिलाफ पूरक चालान प्रस्तुत किए जाएंगे। परमार ने बताया कि थाना बाजाखाना की 2015 की प्राथमिकी संख्या 63 में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को आरोपी बनाया गया है। इस मामले में भी उसी एसआईटी द्वारा जांच की जा रही है और किसी को भी क्लीनचिट नहीं दी गई है।
चालान से डेरामुखी का नाम निकालने का आरोप लगाते हुए श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार 2022 के चुनाव जीतने के लिए सियासत कर रही है। यह सब डेरामुखी के समर्थकों के वोट हासिल करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को पता लगाना चाहिए कि बरगाड़ी में हुए श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले में राम रहीम का नाम क्यों निकाला गया। सिख जत्थेबंदियां इस मामले में धरने प्रदर्शन कर रही हैं, जबकि नई एसआईटी ने चालान पेश करते हुए अपनी एफआईआर से राम रहीम का नाम निकाल दिया, जो सिख संगत के लिए दुखदायी बात है। उन्होंने बताया कि 16 जुलाई को तख्त श्री दमदमा साहिब में सिख जत्थेबंदियों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में 100 से ज्यादा सिख जत्थेबंदियां शामिल होंगी। इसमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का मुद्दा उठाया जाएगा। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि बैठक में शामिल होकर राम रहीम को एफआईआर से बाहर निकाले जाने का पता लगाए।
चंडीगढ़। अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि बेअदबी मामले में एफआईआर 128 के तहत फरीदकोट की अदालत में पेश किए चालान से डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम का नाम निकालना पूरी तरह गलत है। इसके जवाब में एसआईटी प्रमुख ने स्पष्ट किया है कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामलों में जांच सही दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि बेअदबी मामलों की एफआईआर में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम भी आरोपी है, डेरामुखी या किसी अन्य को क्लीनचिट नहीं दी गई है।
एसआईटी प्रमुख ने कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और यदि जांच के दौरान किसी के खिलाफ सुबूत पाए जाते हैं तो ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। एसआईटी प्रमुख परमार ने कहा कि बरगाड़ी और बुर्ज जवाहर सिंह वाला से संबंधित तीन मामलों की जांच अब भी खुली है और पुलिस थाना बाजाखाना की 2015 की एफआईआर संख्या 128 के चालान के अनुसार, यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि इन बेअदबी मामलों में यदि और जब किसी के खिलाफ कोई सबूत आता है, तो उसे बुक किया जाएगा। आरोपियों के खिलाफ पूरक चालान प्रस्तुत किए जाएंगे। परमार ने बताया कि थाना बाजाखाना की 2015 की प्राथमिकी संख्या 63 में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को आरोपी बनाया गया है। इस मामले में भी उसी एसआईटी द्वारा जांच की जा रही है और किसी को भी क्लीनचिट नहीं दी गई है।
चालान से डेरामुखी का नाम निकालने का आरोप लगाते हुए श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार 2022 के चुनाव जीतने के लिए सियासत कर रही है। यह सब डेरामुखी के समर्थकों के वोट हासिल करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को पता लगाना चाहिए कि बरगाड़ी में हुए श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले में राम रहीम का नाम क्यों निकाला गया। सिख जत्थेबंदियां इस मामले में धरने प्रदर्शन कर रही हैं, जबकि नई एसआईटी ने चालान पेश करते हुए अपनी एफआईआर से राम रहीम का नाम निकाल दिया, जो सिख संगत के लिए दुखदायी बात है। उन्होंने बताया कि 16 जुलाई को तख्त श्री दमदमा साहिब में सिख जत्थेबंदियों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में 100 से ज्यादा सिख जत्थेबंदियां शामिल होंगी। इसमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का मुद्दा उठाया जाएगा। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि बैठक में शामिल होकर राम रहीम को एफआईआर से बाहर निकाले जाने का पता लगाए।