नारनौल। खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी एसोसिएशन तथा ग्राम सचिव वेलफेयर एसोसिएशन ने पंचायती राज प्रशासनिक सेवा संघ के बैनर तले मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रोष जताया। साथ ही उपायुक्त को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष बीडीपीओ प्रमोद कुमार ने कहा कि सरकार पिछले कुछ समय से पंचायती राज की इस प्रशासनिक विंग को अनावश्यक कार्य सौंपकर अतिभार से लाद रही है। वहीं बिना किसी कसूर के मानसिक तौर पर कमजोर करने का कार्य किया जा रहा है जिससे कर्मचारी व अधिकारी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। 22 मई को पलवल में लगभग 30 ग्राम सचिवों एवं बीडीपीओ पर एक ऐसे मामले में बिना उनका पक्ष सुने मुकदमा दर्ज करवाया है। वे सरकार को उक्त समस्याओं से अवगत भी करवा चुके हैं, लेकिन सरकार उनकी मेहनत को नजर अंदाज करके निष्ठा एवं छवि को धूमिल करने के प्रयत्न कर रही है। स्वामित्व स्कीम का 100 फीसदी कार्य किया है, लेकिन उनकी मेहनत को परिलक्षित होने से रोका जा रहा है। उनकी समस्याओं का समाधान करने की बजाय उन्हें ही निशाना बनाया जा रहा है। इस वजह से प्रदेश भर के सभी बीडीपीओ एवं सचिव अपनी वित्तीय शक्तियों का त्याग कर रहे हैं। पंचायत राज प्रशासनिक सेवा संघ ने कहा कि सरकार की विभिन्न योजनाओं को अमलीजामा पहनाने में सबसे अधिक और रूट लेवल पर मेहनत प्रशासनिक विंग द्वारा ही की गई है। इससे प्रदेश सरकार को काफी सराहना मिली। इस अवसर पर जिले के सभी खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी तथा सभी खंडों के विभिन्न ग्राम सचिव मौजूद रहे।
नारनौल। खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी एसोसिएशन तथा ग्राम सचिव वेलफेयर एसोसिएशन ने पंचायती राज प्रशासनिक सेवा संघ के बैनर तले मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रोष जताया। साथ ही उपायुक्त को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष बीडीपीओ प्रमोद कुमार ने कहा कि सरकार पिछले कुछ समय से पंचायती राज की इस प्रशासनिक विंग को अनावश्यक कार्य सौंपकर अतिभार से लाद रही है। वहीं बिना किसी कसूर के मानसिक तौर पर कमजोर करने का कार्य किया जा रहा है जिससे कर्मचारी व अधिकारी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। 22 मई को पलवल में लगभग 30 ग्राम सचिवों एवं बीडीपीओ पर एक ऐसे मामले में बिना उनका पक्ष सुने मुकदमा दर्ज करवाया है। वे सरकार को उक्त समस्याओं से अवगत भी करवा चुके हैं, लेकिन सरकार उनकी मेहनत को नजर अंदाज करके निष्ठा एवं छवि को धूमिल करने के प्रयत्न कर रही है। स्वामित्व स्कीम का 100 फीसदी कार्य किया है, लेकिन उनकी मेहनत को परिलक्षित होने से रोका जा रहा है। उनकी समस्याओं का समाधान करने की बजाय उन्हें ही निशाना बनाया जा रहा है। इस वजह से प्रदेश भर के सभी बीडीपीओ एवं सचिव अपनी वित्तीय शक्तियों का त्याग कर रहे हैं। पंचायत राज प्रशासनिक सेवा संघ ने कहा कि सरकार की विभिन्न योजनाओं को अमलीजामा पहनाने में सबसे अधिक और रूट लेवल पर मेहनत प्रशासनिक विंग द्वारा ही की गई है। इससे प्रदेश सरकार को काफी सराहना मिली। इस अवसर पर जिले के सभी खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी तथा सभी खंडों के विभिन्न ग्राम सचिव मौजूद रहे।