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व्यापारियों द्वारा निर्धारित समय अवधि में जुर्माना राशि न भरने पर नगर निगम प्रशासन अब इन चालानों को कोर्ट भेजने की तैयारी कर रहा है। अब इन व्यापारियों को कोर्ट में जाकर जुर्माना राशि भरनी होगी और न भरने पर कोर्ट द्वारा इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि पिछले दिन नगर निगम की तहबाजारी टीम ने अतिक्रमण को लेकर शहर के विभिन्न बाजारों में दुकानदारों के पांच-पांच हजार रुपये के चालान किए थे। साथ ही इन्हें सात दिनों के अंदर जुर्माना राशि भरने को कहा था। निगम प्रशासन के अनुसार इनमें से सिर्फ 30 प्रतिशत व्यापारियों ने ही जुर्माना राशि भरी है। जिन दुकानदारों ने जुर्माना राशि नहीं भरी, उनके चालान अब कोर्ट में भेजे जा रहे हैं।
यह रहेेगी प्रक्रिया : कोर्ट में चालान जाने के बाद कोर्ट की तरफ से इन दुकानदारों को नोटिस भेजे जाएंगे और जुर्माना राशि निर्धारित समय अवधि में भरने को कहा जाएगा। अगर फिर भी दुकानदार जुर्माना राशि नहीं भरते हैं तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
दो व्यापारियों के काटे चालान
निगम की तहबाजारी टीम ने कैंट के सामने मार्केट में मंगलवारक ो अतिक्रमण हटाने को लेकर अभियान चलाया। इस दौरान टीम ने दो दुकानदारों के पांच-पांच हजार के चालान भी किए। चालान कटने से दुकानदारों में हड़कंप मच गया। इसके बाद दुकानदार एकत्रित होकर टीम के पास पहुंचे और उनसे सामान हटाने के लिए समय मांगा। इसके अलावा टीम ने जिंदल पुल के पास भी अभियान चलाया और कुछ दुकानदारों का सामान भी जब्त किया।
अभी बढ़ाई गई है जुर्माना राशि
अभी तक अतिक्रमण वालों के खिलाफ निगम द्वारा अधिकतम 500 रुपये तक ही चालान किया जाता था। जुर्माना राशि कम होने के कारण दुकानदार इसे भर देता था और फिर से उसके द्वारा अतिक्रमण कर लिया जाता था। इसी को देखते हुए निगम प्रशासन ने जुर्माना राशि को 500 रुपये से बढ़ाकर पांच हजार रुपये कर दिया ताकि भारी जुर्माना राशि के डर से दुकानदार अतिक्रमण करना छोड़ दे।
गोबिंद भोजनालय पर लगाया जुर्माना
उधर निगम की सफाई शाखा ने सेक्टर 15 स्थित गोबिंद भोजनालय पर खुले में कचरा डालने पर जुर्माना किया गया। सफाई शाखा के कर्मचारियों के अनुसार गोबिंद भोजनालय के मालिक ने चालान लेने से इनकार कर दिया तो चालान उसके संस्थान पर चस्पा दिया गया।
गुजवि ने साफ करवाया कचरा
अमर उजाला में खबर प्रकाशित होने व निगम द्वारा गुजवि प्रशासन को नोटिस देने का असर सामने आया है। गुजवि प्रशासन द्वारा सात दिनों के अंदर ही पूरे कचरे को उठवा लिया गया। सीएसआई देवेंद्र बिश्नोई गुजवि में पहुंचे और मौके का निरीक्षण किया। बता दें कि गुजवि प्रशासन द्वारा परिसर के अंदर ही स्थित जंगल में कचरा डाला जा रहा था। इस खबर को अमर उजाला ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इस पर निगम द्वारा गुजवि को नोटिस भी जारी किया गया था।
नगर निगम के तहबाजारी टीम के इंचार्ज सुरेंद्र वर्मा ने बताया कि काफी दुकानदारों ने निर्धारित अवधि खत्म होने के बाद भी चालान नहीं भरे हैं। अब इन्हें कोर्ट में भेजा जा रहा है। मंगलवार को निगम की टीम ने अवैध अतिक्रमण को लेकर दो दुकानदारों के चालान किए।
व्यापारियों द्वारा निर्धारित समय अवधि में जुर्माना राशि न भरने पर नगर निगम प्रशासन अब इन चालानों को कोर्ट भेजने की तैयारी कर रहा है। अब इन व्यापारियों को कोर्ट में जाकर जुर्माना राशि भरनी होगी और न भरने पर कोर्ट द्वारा इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि पिछले दिन नगर निगम की तहबाजारी टीम ने अतिक्रमण को लेकर शहर के विभिन्न बाजारों में दुकानदारों के पांच-पांच हजार रुपये के चालान किए थे। साथ ही इन्हें सात दिनों के अंदर जुर्माना राशि भरने को कहा था। निगम प्रशासन के अनुसार इनमें से सिर्फ 30 प्रतिशत व्यापारियों ने ही जुर्माना राशि भरी है। जिन दुकानदारों ने जुर्माना राशि नहीं भरी, उनके चालान अब कोर्ट में भेजे जा रहे हैं।
यह रहेेगी प्रक्रिया : कोर्ट में चालान जाने के बाद कोर्ट की तरफ से इन दुकानदारों को नोटिस भेजे जाएंगे और जुर्माना राशि निर्धारित समय अवधि में भरने को कहा जाएगा। अगर फिर भी दुकानदार जुर्माना राशि नहीं भरते हैं तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
दो व्यापारियों के काटे चालान
निगम की तहबाजारी टीम ने कैंट के सामने मार्केट में मंगलवारक ो अतिक्रमण हटाने को लेकर अभियान चलाया। इस दौरान टीम ने दो दुकानदारों के पांच-पांच हजार के चालान भी किए। चालान कटने से दुकानदारों में हड़कंप मच गया। इसके बाद दुकानदार एकत्रित होकर टीम के पास पहुंचे और उनसे सामान हटाने के लिए समय मांगा। इसके अलावा टीम ने जिंदल पुल के पास भी अभियान चलाया और कुछ दुकानदारों का सामान भी जब्त किया।
अभी बढ़ाई गई है जुर्माना राशि
अभी तक अतिक्रमण वालों के खिलाफ निगम द्वारा अधिकतम 500 रुपये तक ही चालान किया जाता था। जुर्माना राशि कम होने के कारण दुकानदार इसे भर देता था और फिर से उसके द्वारा अतिक्रमण कर लिया जाता था। इसी को देखते हुए निगम प्रशासन ने जुर्माना राशि को 500 रुपये से बढ़ाकर पांच हजार रुपये कर दिया ताकि भारी जुर्माना राशि के डर से दुकानदार अतिक्रमण करना छोड़ दे।
गोबिंद भोजनालय पर लगाया जुर्माना
उधर निगम की सफाई शाखा ने सेक्टर 15 स्थित गोबिंद भोजनालय पर खुले में कचरा डालने पर जुर्माना किया गया। सफाई शाखा के कर्मचारियों के अनुसार गोबिंद भोजनालय के मालिक ने चालान लेने से इनकार कर दिया तो चालान उसके संस्थान पर चस्पा दिया गया।
गुजवि ने साफ करवाया कचरा
अमर उजाला में खबर प्रकाशित होने व निगम द्वारा गुजवि प्रशासन को नोटिस देने का असर सामने आया है। गुजवि प्रशासन द्वारा सात दिनों के अंदर ही पूरे कचरे को उठवा लिया गया। सीएसआई देवेंद्र बिश्नोई गुजवि में पहुंचे और मौके का निरीक्षण किया। बता दें कि गुजवि प्रशासन द्वारा परिसर के अंदर ही स्थित जंगल में कचरा डाला जा रहा था। इस खबर को अमर उजाला ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इस पर निगम द्वारा गुजवि को नोटिस भी जारी किया गया था।
नगर निगम के तहबाजारी टीम के इंचार्ज सुरेंद्र वर्मा ने बताया कि काफी दुकानदारों ने निर्धारित अवधि खत्म होने के बाद भी चालान नहीं भरे हैं। अब इन्हें कोर्ट में भेजा जा रहा है। मंगलवार को निगम की टीम ने अवैध अतिक्रमण को लेकर दो दुकानदारों के चालान किए।