फरीदाबाद। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगते जा रहे हैं। मथुरा रोड को जाम मुक्त करने के लिए बनाए जा रहे बाइपास का निर्माण पूरा करने की अंतिम तिथि को छह बार बदला जा चुका है। अब सातवीं बार नई तारीख तय की गई है। इसके मुताबिक अब यह प्रोजेक्ट 30 जून तक पूरा होगा।
शहर के लोगों का कहना है कि आखिर बाइपास रोड को औपचारिक रूप से अब शुरू किया जा सकेगा। दिल्ली से मथुरा की तरफ आने जाने वाले लोगों को राहत देने के उद्देश्य से हुडा ने बाइपास रोड का निर्माण करने की योजना तैयार की थी। जिससे लोगों को फरीदाबाद शहर में घुसने से रोका जा सके और राष्ट्रीय राजमार्ग दो (मथुरा रोड) पर लगने वाले जाम से निजात दिलाकर बाहर से निकाला जा सके।
इसके तहत आगरा नहर के साथ सेक्टर-37 से सेक्टर-59 तक हुडा ने करीब 27 किलोमीटर लंबे बाइपास का निर्माण सितंबर 2008 में शुरू किया था। उस वक्त इस पर 122 करोड़ रुपये खर्च करने थे। लेकिन बार बार बाईपास की डेडलाइन बदलने से इसका बजट 145 करोड़ रुपये पहुंच गया है। करीब 98 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है। लेकिन दो फीसदी शेष काम के चक्कर में पूरा प्रोजेक्ट अटका पड़ा है।
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कौन-कौन सी हैं अड़चन
-किसान मजदूर कॉलोनी के पास 1100 मीटर का एरिया अवैध निर्माणों की चपेट में है। जिसके चलते यहां पर सड़क को चौड़ा नहीं किया जा सका है। जबकि हुडा यहां के निवासियों को आशियाना में प्लांट आवंटित कर चुका है। फिर भी लोग सड़क की जगह को खाली नहीं कर रहे हैं।
-मलेरना रेलवे ओवर ब्रिज की बाधा भी रेलवे प्रशासन दूर नहीं कर सका है। इस कारण बाइपास को औपचारिक रूप से शुरू करने में दिक्कत आ रही है।
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अवैध निर्माणों के चलते बाईपास रोड का रास्ता साफ नहीं हो पाया है। निर्माण हटाने का काम तीन महीने पूरा होगा। इसलिए बाईपास रोड की नई डेडलाइन तीस जून 2013 कर दी गई है।
-टीडी चोपड़ा, अधीक्षण अभियंता, हुडा।
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फरीदाबाद। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगते जा रहे हैं। मथुरा रोड को जाम मुक्त करने के लिए बनाए जा रहे बाइपास का निर्माण पूरा करने की अंतिम तिथि को छह बार बदला जा चुका है। अब सातवीं बार नई तारीख तय की गई है। इसके मुताबिक अब यह प्रोजेक्ट 30 जून तक पूरा होगा।
शहर के लोगों का कहना है कि आखिर बाइपास रोड को औपचारिक रूप से अब शुरू किया जा सकेगा। दिल्ली से मथुरा की तरफ आने जाने वाले लोगों को राहत देने के उद्देश्य से हुडा ने बाइपास रोड का निर्माण करने की योजना तैयार की थी। जिससे लोगों को फरीदाबाद शहर में घुसने से रोका जा सके और राष्ट्रीय राजमार्ग दो (मथुरा रोड) पर लगने वाले जाम से निजात दिलाकर बाहर से निकाला जा सके।
इसके तहत आगरा नहर के साथ सेक्टर-37 से सेक्टर-59 तक हुडा ने करीब 27 किलोमीटर लंबे बाइपास का निर्माण सितंबर 2008 में शुरू किया था। उस वक्त इस पर 122 करोड़ रुपये खर्च करने थे। लेकिन बार बार बाईपास की डेडलाइन बदलने से इसका बजट 145 करोड़ रुपये पहुंच गया है। करीब 98 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है। लेकिन दो फीसदी शेष काम के चक्कर में पूरा प्रोजेक्ट अटका पड़ा है।
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कौन-कौन सी हैं अड़चन
-किसान मजदूर कॉलोनी के पास 1100 मीटर का एरिया अवैध निर्माणों की चपेट में है। जिसके चलते यहां पर सड़क को चौड़ा नहीं किया जा सका है। जबकि हुडा यहां के निवासियों को आशियाना में प्लांट आवंटित कर चुका है। फिर भी लोग सड़क की जगह को खाली नहीं कर रहे हैं।
-मलेरना रेलवे ओवर ब्रिज की बाधा भी रेलवे प्रशासन दूर नहीं कर सका है। इस कारण बाइपास को औपचारिक रूप से शुरू करने में दिक्कत आ रही है।
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अवैध निर्माणों के चलते बाईपास रोड का रास्ता साफ नहीं हो पाया है। निर्माण हटाने का काम तीन महीने पूरा होगा। इसलिए बाईपास रोड की नई डेडलाइन तीस जून 2013 कर दी गई है।
-टीडी चोपड़ा, अधीक्षण अभियंता, हुडा।
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