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यूपी: बस्ती में तैनात सिपाही चला रहा था जालसाजी का गिरोह, पुलिस ने ऐसे किया खुलासा

अमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर। Published by: vivek shukla Updated Wed, 23 Jun 2021 09:04 PM IST
सार

  • गोला इलाके में रुपये दोगुना करने का लालच देकर की थी जालसाजी
  • फरार साथियों के साथ बस्ती में तैनात असली पुलिस वाले के भूमिका की हो रही जांच

three miscreants arrested by police in Gorakhpur
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी। - फोटो : अमर उजाला।

विस्तार

गोरखपुर जिले के गोला इलाके में रुपये दोगुने करने का लालच देकर दो लाख की जालसाजी करने वाले गिरोह का बुधवार को पुलिस ने भंडाफोड़ किया। जांच में पता चला कि बस्ती पुलिस लाइंस में तैनात सिपाही मनीष यादव सात लोगों के साथ मिलकर गिरोह का संचालन कर रहा था। पुलिस ने तीन आरोपियों को बुधवार को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेजा गया है।



फरार सिपाही, पूर्व प्रधान समेत अन्य आरोपियों की तलाश पुलिस ने तेज कर दी है। पकड़े गए आरोपियों के पास से 37 हजार पांच सौ रुपये, एक तमंचा, कारतूस और एक बाइक बरामद की गई है। इनमें से दो आरोपियों को घटना के दिन ही गांव वालों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था। पकड़े गए बदमाशों की पहचान गगहा के विसुनपुरा निवासी भानू प्रताप यादव, बेलघाट के बगही निवासी अरविंद यादव और सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज के वार्ड नंबर 15 निवासी दिनेश यादव के रूप में हुई।


जानकारी के मुताबिक, गोला इलाके के दुबौली निवासी अंशुमान राय सोमवार की शाम अपने वाहन से देईडीहा होते हुए घर जा रहे थे। लमतिया में दो बाइक पर सवार चार बदमाश उनकी गाड़ी के पास आए और उनसे इधर-उधर की बात कर उन्हें अपने झांसे में ले लिया। इसके बाद बदमाशों ने उनके रुपये दोगुने करने की बात कहकर उनकी गाड़ी में रखे दो लाख रुपये ले लिए और वहां से फरार हो गए।

हालांकि इस बीच बनरही गांव के रास्ते भागते हुए दो बदमाश उसी गांव में रामेश्वर दूबे के मकान के सामने बाइक से गिर पड़े। गांव के साहसी युवकों ने उन्हें शक के आधार पर पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया। जबकि दूसरी बाइक पर सवार दो अन्य बदमाश भाग निकले। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ और जांच में एक और आरोपी का नाम सामने आने के बाद पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया।

उसी समय यह सामने आया था कि आरोपियों में एक वर्दी में मौजूद था। इसके बाद ही एसएसपी के आदेश पर जांच तेज कर दी गई थी। जांच में पता चला कि गगहा के बनपुरवा निवासी सिपाही मनीष यादव पूरे गिरोह का संचालन कर रहा था। उसकी तैनाती वर्तमान में पुलिस लाइंस बस्ती में है।

 

सिपाही, पूर्व प्रधान समेत ये हैं फरार

मृतक आश्रित में नौकरी पाकर सिपाही बने मनीष यादव के अलावा उरूवा के प्रतापीपुर निवासी पूर्व प्रधान अवधेश यादव, उरूवा बाजार के पहाड़पुर निवासी बबलू यादव, सिकरीगंज के बरई निवासी पंकज का नाम भी सामने आया है। पुलिस इनके गिरफ्तारी की कोशिश कर रही है लेकिन सभी फरार हैं।

एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने बताया कि फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है। इस गिरोह के लोग कभी क्राइम ब्रांच तो कभी पुलिस के वेश में लोगों के साथ टप्पेबाजी की घटना को अंजाम देते हैं। इनमें बस्ती के एक सिपाही का नाम सामने आया है। मुकदमा दर्ज करके आगे की कार्रवाई की जा रही है।  
 
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