ग्रेनो वेस्ट के गौतमबुद्ध बालक इंटर कॉलेज में रियल टाइम एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन ने काम करना शुरू कर दिया है। अब यह पता चल सकेगा कि क्षेत्र की आबोहवा कितनी प्रदूषित है।
करीब डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से यह स्टेशन बनाया गया है। अगले सप्ताह से यूपीपीसीबी स्टेशन से प्रदूषण के आंकड़े जारी करेगा। ग्रेनो वेस्ट की सोसायटियों में लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है।
यहां पर हर समय धूल उड़ती रहती है। पेड़ों की संख्या भी काफी कम है। स्थानीय निवासी बार-बार जिला प्रशासन और यूपीपीसीबी से प्रदूषण से निजात दिलाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन वहां पर प्रदूषण का स्तर बताने का कोई यंत्र नहीं लगा है।
ग्रेटर नोएडा के शारदा विश्वविद्यालय में लगे स्टेशन से ही ग्रेनो वेस्ट के प्रदूषण का आंकलन किया जा रहा था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। यूपीपीसीबी के सहायक पर्यावरण अभियंता उत्सव शर्मा ने बताया कि छह माह पहले स्टेशन को लगाने का काम शुरू हुआ था।
करीब डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से यह तैयार हुआ है। बिजली का कनेक्शन मिलने के कारण इसे चालू करने में देरी हुई। स्टेशन में लगे पार्ट्स को अमेरिका, जर्मनी, आस्ट्रेलिया समेत कई देशों से मंगवाया गया है।
स्टेशन चालू होने से ग्रेनो वेस्ट के लोगों ने राहत की सांस ली है। अब यहां प्रदूषण के स्तर का पता चल सकेगा। अभी तक अधिकारी यहां के प्रदूषण को लेकर गंभीर नहीं थे।
दायरे में आएगा चार किलोमीटर का क्षेत्र
कॉलेज में चालू किया गया स्टेशन चार किलोमीटर के क्षेत्र के आंकड़े जारी करेगा। इन चार किलोमीटर में ग्रेनो वेस्ट का ज्यादातर हिस्सा कवर हो जाएगा। यूपीपीसीबी के अफसरों ने बताया कि दो दिन स्टेशन ट्रायल पर रहेगा। अगले सप्ताह से इसके आंकड़े सीपीसीबी को भेजे जाएंगे। वहां से ग्रेनो वेस्ट के प्रदूषण के आंकड़े जारी होंगे।
अभी तक नोएडा में दो और ग्रेटर नोएडा में एक रियल टाइम एयर क्वालिटी मॉनिटरिग स्टेशन काम कर रहे थे। अब ग्रेनो वेस्ट में भी एक स्टेशन ने काम करना शुरू कर दिया है। वहीं नोएडा में जल्द ही दो नए स्टेशन भी काम करना शुरू कर देंगे। सेक्टर-116 और सेक्टर एक में यह स्टेशन लगाए गए हैं
ग्रेनो वेस्ट के गौतमबुद्ध बालक इंटर कॉलेज में रियल टाइम एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन ने काम करना शुरू कर दिया है। अब यह पता चल सकेगा कि क्षेत्र की आबोहवा कितनी प्रदूषित है।
करीब डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से यह स्टेशन बनाया गया है। अगले सप्ताह से यूपीपीसीबी स्टेशन से प्रदूषण के आंकड़े जारी करेगा। ग्रेनो वेस्ट की सोसायटियों में लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है।
यहां पर हर समय धूल उड़ती रहती है। पेड़ों की संख्या भी काफी कम है। स्थानीय निवासी बार-बार जिला प्रशासन और यूपीपीसीबी से प्रदूषण से निजात दिलाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन वहां पर प्रदूषण का स्तर बताने का कोई यंत्र नहीं लगा है।
ग्रेटर नोएडा के शारदा विश्वविद्यालय में लगे स्टेशन से ही ग्रेनो वेस्ट के प्रदूषण का आंकलन किया जा रहा था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। यूपीपीसीबी के सहायक पर्यावरण अभियंता उत्सव शर्मा ने बताया कि छह माह पहले स्टेशन को लगाने का काम शुरू हुआ था।
करीब डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से यह तैयार हुआ है। बिजली का कनेक्शन मिलने के कारण इसे चालू करने में देरी हुई। स्टेशन में लगे पार्ट्स को अमेरिका, जर्मनी, आस्ट्रेलिया समेत कई देशों से मंगवाया गया है।
स्टेशन चालू होने से ग्रेनो वेस्ट के लोगों ने राहत की सांस ली है। अब यहां प्रदूषण के स्तर का पता चल सकेगा। अभी तक अधिकारी यहां के प्रदूषण को लेकर गंभीर नहीं थे।
दायरे में आएगा चार किलोमीटर का क्षेत्र
कॉलेज में चालू किया गया स्टेशन चार किलोमीटर के क्षेत्र के आंकड़े जारी करेगा। इन चार किलोमीटर में ग्रेनो वेस्ट का ज्यादातर हिस्सा कवर हो जाएगा। यूपीपीसीबी के अफसरों ने बताया कि दो दिन स्टेशन ट्रायल पर रहेगा। अगले सप्ताह से इसके आंकड़े सीपीसीबी को भेजे जाएंगे। वहां से ग्रेनो वेस्ट के प्रदूषण के आंकड़े जारी होंगे।
जल्द ही नोएडा में चालू होंगे दो स्टेशन
अभी तक नोएडा में दो और ग्रेटर नोएडा में एक रियल टाइम एयर क्वालिटी मॉनिटरिग स्टेशन काम कर रहे थे। अब ग्रेनो वेस्ट में भी एक स्टेशन ने काम करना शुरू कर दिया है। वहीं नोएडा में जल्द ही दो नए स्टेशन भी काम करना शुरू कर देंगे। सेक्टर-116 और सेक्टर एक में यह स्टेशन लगाए गए हैं