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ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में प्रस्तावित फिल्म सिटी स्टूडियो की शुरुआत नोएडा एयरपोर्ट के साथ ही हो जाएगी। यह तीन चरणों में बनेगी। इसका ड्राफ्ट रिपोर्ट यीडा ने मंगलवार को शासन को भेज दी है।
बीते माह सीबीआरई साउथ एशिया प्रा.लि. कंपनी को सेक्टर-21 में प्रस्तावित फिल्म सिटी की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी। 1000 एकड़ में प्रस्तावित इस फिल्म सिटी की ड्राफ्ट रिपोर्ट कंपनी ने एक माह में ही सोमवार को जमा कर दी है। इसमें कंपनी ने बताया है कि फिल्म सिटी तीन चरणों में विकसित होगी। 230 एकड़ में पहला चरण वर्ष 2024 में पूरा होगा। 285 एकड़ में दूसरा चरण वर्ष 2026 और 345 एकड़ में तीसरा चरण वर्ष 2028 में पूरा होगा। इसमें 10-10 एकड़ में दो ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट भी होंगे। एम्यूजमेंट पार्क 100 एकड़ में बनेगा जिसमें 36 राइड्स होंगी। 55 एकड़ में होटल, 23 एकड़ में रिटेल शॉप और 20 एकड़ में ऑफिस बनेंगे। फिल्मों में काम करने वाले स्टाफ के लिए हॉस्टल की भी सुविधा होगी।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि ड्राफ्ट रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। वहां से कोई सुझाव आता है तो उसे भी शामिल करते हुए फाइनल रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी। उसी रिपोर्ट के आधार पर फिल्म सिटी स्टूडियो को विकसित किया जाएगा। नोएडा एयरपोर्ट से 2023-24 में उड़ान शुरू करने का लक्ष्य है। उसी समय फिल्म सिटी का पहला चरण तैयार कर लिया जाएगा।
तीन देशों के क्लस्टर से बनेगी इलेक्ट्रॉनिक सिटी
यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-7 में बनने वाली इलेक्ट्रॉनिक सिटी तीन क्लस्टर में बनेगी। इसमें ताइवान, जापान व दक्षिण कोरिया के क्लस्टर बनेंगेे। इन देशों की कुछ कंपनियों ने रुचि दिखाई है। प्राधिकरण की टीम इन देशों का दौरा भी करेगी। प्राधिकरण के अधिकारी इन देशों के दूतावास से भी संपर्क साधेंगे। वहां के उद्यमियों को इलेक्ट्रॉनिक सिटी में निवेश के लिए प्रोत्साहित करेंगे। प्रदेश सरकार ने सोमवार को बजट में यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक सिटी बनाने की घोषणा की है। प्राधिकरण पहले ही यहां इस योजना का एलान कर चुका है। सेक्टर सात में 750 एकड़ में इसे बनाया जाएगा। इसमें 200-200 एकड़ में तीन क्लस्टर बनेंगे। ताइवान, जापान व कोरिया की कंपनियों को इन क्लस्टर में लाया जाएगा। इन देशों में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद बनाने वाली कंपनियां अधिक हैं। हालांकि, क्लस्टर से बाहर की कंपनियों के लिए भी 150 एकड़ जमीन का प्रस्ताव है। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि यहां पर 40 हजार करोड़ रुपये का निवेश होने का आकलन है और 50 हजार लोगों को रोजगार का अनुमान है। यहां आने वाली कंपनियों को इलेक्टॉनिक्स मैनुफैक्चरिंग पॉलिसी के तहत छूट दी जाएगी। इसमें लैंड सब्सिडी (जमीन में छूट), बिजली, स्टांप व एसजीएसटी में भी छूट आदि शामिल है। यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-24 व 24ए में भी इलेक्ट्रानिक्स कंपनियों को जमीन आवंटित करने की योजना है। इसके लिए किसानों से जमीन ली जानी बाकी है। इलेक्ट्रॉनिक सिटी के लिए जल्द योजना निकाली जाएगी। इसकी तैयारी शुरू हो गई है।
ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में प्रस्तावित फिल्म सिटी स्टूडियो की शुरुआत नोएडा एयरपोर्ट के साथ ही हो जाएगी। यह तीन चरणों में बनेगी। इसका ड्राफ्ट रिपोर्ट यीडा ने मंगलवार को शासन को भेज दी है।
बीते माह सीबीआरई साउथ एशिया प्रा.लि. कंपनी को सेक्टर-21 में प्रस्तावित फिल्म सिटी की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी। 1000 एकड़ में प्रस्तावित इस फिल्म सिटी की ड्राफ्ट रिपोर्ट कंपनी ने एक माह में ही सोमवार को जमा कर दी है। इसमें कंपनी ने बताया है कि फिल्म सिटी तीन चरणों में विकसित होगी। 230 एकड़ में पहला चरण वर्ष 2024 में पूरा होगा। 285 एकड़ में दूसरा चरण वर्ष 2026 और 345 एकड़ में तीसरा चरण वर्ष 2028 में पूरा होगा। इसमें 10-10 एकड़ में दो ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट भी होंगे। एम्यूजमेंट पार्क 100 एकड़ में बनेगा जिसमें 36 राइड्स होंगी। 55 एकड़ में होटल, 23 एकड़ में रिटेल शॉप और 20 एकड़ में ऑफिस बनेंगे। फिल्मों में काम करने वाले स्टाफ के लिए हॉस्टल की भी सुविधा होगी।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि ड्राफ्ट रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। वहां से कोई सुझाव आता है तो उसे भी शामिल करते हुए फाइनल रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी। उसी रिपोर्ट के आधार पर फिल्म सिटी स्टूडियो को विकसित किया जाएगा। नोएडा एयरपोर्ट से 2023-24 में उड़ान शुरू करने का लक्ष्य है। उसी समय फिल्म सिटी का पहला चरण तैयार कर लिया जाएगा।
तीन देशों के क्लस्टर से बनेगी इलेक्ट्रॉनिक सिटी
यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-7 में बनने वाली इलेक्ट्रॉनिक सिटी तीन क्लस्टर में बनेगी। इसमें ताइवान, जापान व दक्षिण कोरिया के क्लस्टर बनेंगेे। इन देशों की कुछ कंपनियों ने रुचि दिखाई है। प्राधिकरण की टीम इन देशों का दौरा भी करेगी। प्राधिकरण के अधिकारी इन देशों के दूतावास से भी संपर्क साधेंगे। वहां के उद्यमियों को इलेक्ट्रॉनिक सिटी में निवेश के लिए प्रोत्साहित करेंगे। प्रदेश सरकार ने सोमवार को बजट में यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक सिटी बनाने की घोषणा की है। प्राधिकरण पहले ही यहां इस योजना का एलान कर चुका है। सेक्टर सात में 750 एकड़ में इसे बनाया जाएगा। इसमें 200-200 एकड़ में तीन क्लस्टर बनेंगे। ताइवान, जापान व कोरिया की कंपनियों को इन क्लस्टर में लाया जाएगा। इन देशों में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद बनाने वाली कंपनियां अधिक हैं। हालांकि, क्लस्टर से बाहर की कंपनियों के लिए भी 150 एकड़ जमीन का प्रस्ताव है। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि यहां पर 40 हजार करोड़ रुपये का निवेश होने का आकलन है और 50 हजार लोगों को रोजगार का अनुमान है। यहां आने वाली कंपनियों को इलेक्टॉनिक्स मैनुफैक्चरिंग पॉलिसी के तहत छूट दी जाएगी। इसमें लैंड सब्सिडी (जमीन में छूट), बिजली, स्टांप व एसजीएसटी में भी छूट आदि शामिल है। यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-24 व 24ए में भी इलेक्ट्रानिक्स कंपनियों को जमीन आवंटित करने की योजना है। इसके लिए किसानों से जमीन ली जानी बाकी है। इलेक्ट्रॉनिक सिटी के लिए जल्द योजना निकाली जाएगी। इसकी तैयारी शुरू हो गई है।