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देवी के शैलपुत्री रूप की हुई पूजा, कलश स्थापना कर दुर्गासप्तशती का किया पाठ
मंदिरों में भजन कीर्तन और हवन और मेले का नजारा
संवाद न्यूज एजेंसी
गुुरुग्राम। जय माता दी के जयकारों से पूरा शहर गूंज उठा। नवरात्र के पहले दिन शहर के मंदिरों में भक्तों ने मत्था टेका और माता से सुख समृद्धि की कामना की। शहर के मंदिरों में सुबह से लगातार भक्तों का तांता लगा था। श्री माता शीतला मंदिर, चिंतपूर्णी मंदिर, शक्तिपीठ मंदिर, बाबा प्रकाशपुरी मंदिर, गीता भवन, सुदर्शन मंदिर, सेक्टर 43 स्थित हनुमान मंदिर, सेक्टर 56 स्थित सनातन धर्म मंदिर में भक्तों ने माता के दरबार में मत्था टेका और सुख समृद्धि की कामना की। बहुत सारे भक्तों ने अपने घरों में कलश स्थापित कर 9 दिनों के लिए माता का आह्वान किया। रामनवमी तक लोग सुबह शाम दुर्गा सप्तशती का पाठ करेंगे और शक्ति के 9 रूपों की पूजा करेंगे।
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मंदिर के सीईओ ने किया कलश स्थापित
शीतला माता मंदिर में मंदिर के सीईओ सोहना के एसडीएम आईएएस प्रदीप सिंह मलिक ने कलश स्थापित कर माता की पूजा की और ज्योत प्रज्ज्वलित की। मंदिर में काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन किए। सुबह से शाम तक माता के जयकारे से माता का दरबार गूंजता रहा।
मंदिर परिसर और मुंडन हॉल के पास गांव देहात से आए श्रद्धालुओं के समूह भजन कीर्तन और नृत्य करते नजर आए। दूर दराज से मंदिर आने वाले लोग रात में मंदिर पहुंच रहे हैं। मंदिर के अधिकारी यज्ञ दत्त शर्मा ने बताया कि मंदिर दर्शन के लिए 24 घंटे खुला रहेगा।
चिंतपूर्णी मंदिर, सुदर्शन मंदिर, प्रेम मंदिर में सजा माता का दरबार
रेलवे रोड स्थित चिंतपूर्णी मंदिर, ओल्ड रेलवे रोड स्थित सुदर्शन माता मंदिर में काफी संख्या में भक्तों ने दर्शन किए। सुदर्शन मंदिर और चिंतपूर्णी मंदिर के बाहर मेले का नजारा था। चिंतपूर्णी मंदिर के पास पूजन सामग्री और माता की चुनरी, फूलों का बाजार सजा है। घरों में कलश स्थापित करने वाले लोगों ने यहां से पूजन सामग्री खरीदी। सुदर्शन मंदिर में सुबह शाम यज्ञ हवन चल रहा है। इन मंदिरों में फलाहार प्रसाद हर भक्त के लिए उपलब्ध कराया गया।
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नंदा देवी मंदिर में श्रद्धालुओं ने भजन कीर्तन किया
नंदा देवी मंदिर में कुमाऊं भ्रातृ मंडल के सदस्यों ने एकत्र होकर पूजन हवन किया। काफी संख्या में लोगों ने माता के दर्शन किए। नवरात्र के दौरान यह मंदिर पूजन दर्शन के साथ उत्तराखंड से आकर गुरुग्राम में बसे लोगों की मिलन स्थली भी बना रहेेगा।