सात सक्रिय फाल्ट लाइन पर बसा है गुरुग्राम, आठ की तीव्रता से आ सकता है भूकंप
इस साल के शुरूआती तीन महीनों में ही तीन बार आ चुका है भूकंप
कुमार प्रवीण
गुरुग्राम। सपनों की नगरी साइबर सिटी मुसीबत के मुहाने पर खड़ी है। यहां कभी भी आठ की तीव्रता से भूकंप आ सकता है। खबर हैरान करने वाली जरूर है, लेकिन हकीकत भी यही है। गुरुग्राम को एनसीआर के शहरों के साथ जिस सिस्मिक जोन-4 में शामिल किया गया है। उसके मानकों के लिहाज से यहां रेक्टर स्केल आठ की तीव्रता से भूकंप आने की संभावना का अनुमान लगाया गया है। बताया जाता है कि राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने पूरे अध्ययन के बाद ही गुरुग्राम के साथ एनसीआर को जोन चार में शामिल किया है। इसका प्रमुख पहलु यह भी है कि यहां बिल्डर के बीच प्रतिस्पर्धा की दौड़ और दौलत कमाने की होड़ से गगनचुंबी इमारतें तो खड़ी हो गईं, लेकिन यहां की 80 फीसदी इमारतों में भूकंप रोधी तकनीकी नहीं है। यह अनुमान आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का है।
अधिक हैरान करने वाली बात यह है कि जिला नगर योजना विभाग के पास ऐसे आंकड़े ही नहीं है कि शहर में कितनी इमारतें हैं, उनमें से कितनी इमारतों में भूकंप रोधी तकनीक का इस्तेमाल हुआ है। ऐसा आकलन है कि अगर भविष्य में पांच से अधिक की तीव्रता वाला भूकंप आया तो इस शहर के हालात तुर्किये जैसे बन सकते हैं।
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20 साल में भूकंप के 316 झटके झेल चुका है शहर
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार जनवरी 2000 से लेकर जून 2020 तक 316 बार शहर ने भूकंप के झटके झेले हैं। 200 से अधिक बार भूकंप के झटके साल 2009 के बाद लगे हैं। तीन मई 2012 को शहर में 5.1 की तीव्रता का भूकंप झेला था। पूरे शहर में कोलाहल तो मचा, लेकिन गनीमत रही कि जान-माल का ज्यादा नुकसान नहीं हुआ।
गुरुग्राम में इसलिए भी खतरनाक स्थिति
भूकंप विज्ञान विभाग के अनुसार दिल्ली एनसीआर तीन सक्रिय फॉल्ट लाइन पर स्थित है। यह फॉल्ट लाइन सोहना, मथुरा और दिल्ली व मुरादाबाद में आती हैं। जबकि गुरुग्राम सात सक्रिय फॉल्ट लाइन पर मौजूद है। जो पूरे एनसीआर में सबसे ज्यादा खतरे में है। पूरा शहर सिस्मिक जोन-4 में आता है, ऐसे में यहां पर भूकंप का खतरा अधिक और लगातार बना रहता है।
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इस तीव्रता का अनुमान
भूकंपीय इतिहास के आधार पर भारतीय मानक ब्यूरो ने देश को चार भूकंपीय क्षेत्र यानी जोन-दो, जोन-तीन, जोन-चार और जोन-पांच में वर्गीकृत किया है। जोन-दो को कम तीव्रता वाला क्षेत्र माना गया है और यहां अधिकतम छह की तीव्रता से भूकंप आने का अनुमान लगाया गया है। जोन-तीन को मध्यम तीव्रता क्षेत्र मानकर यहां सात की तीव्रता तक भूकंप आने का अंदेशा है। जोन-चार, जिसमें गुरुग्राम के साथ दिल्ली और पूरे एनसीआर का क्षेत्र शामिल है, को गंभीर तीव्रता क्षेत्र आंका गया है और यहां आठ की तीव्रता से भूकंप आने का अनुमान जताया जा रहा है। इसलिए शासन और प्रशासन के साथ आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अपनी तैयारियों का आकलन कर उन्हें मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है।
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मेट्रो के लिए भी खतरा
दिल्ली एनसीआर में मेट्रो की संरचना इतनी मजबूत बनाई गई है कि यह 7.5 तीव्रता का झटका भी आसानी से झेलने में सक्षम है। डीएमआरसी के अनुसार मेट्रो निर्माण में ऐसे स्टैंडर्ड डिजाइन का इस्तेमाल किया गया है कि रेक्टर स्केल पर 7.5 तीव्रता तक के भूंकप पर कोई नुकसान नहीं होगा। लेकिन जोन चार में आठ की तीव्रता से भूकंप आने की संभावना के कारण भूकंप से मेट्रो को खतरा पैदा हो गया है।
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भूकंप के दौरान यह करें
- फर्श पर लेटकर किसी मजबूत डेस्क या मेज के नीचे चले जाएं और मजबूती से उसे पकड़ लें।
- खुले स्थान पर जाने की कोशिश करें ।
- लिफ्ट या एस्केलेटर का प्रयोग न करें।
- कंपन रुकने के बाद खुले स्थान तक पहुंचने के लिए सीढ़ी का इस्तेमाल करें।
- यदि आप निकास द्वार से नजदीक नहीं हैं या किसी बहुमंजिला इमारत की ऊपरी मंजिल पर हैं तो वहीं रहें। घबराएं नहीं, शांत रहें।
- बिजली की लाइनों, खंभों, दीवारों, फाल्स सीलिंग, मुंडेर, गमलों और गिरने या ढहने की आशंका वाली अन्य वस्तुओं से दूर हो जाएं
- कांच फलक वाली इमारतों से दूर रहें।
- वाहन चलाते समय सड़क के किनारे होकर रुक जाएं और गाड़ी से बाहर आ जाएं।
-क्षतिग्रस्त हो गए पुल या फ्लाइओवर को पार करने की कोशिश न करें।