क्रेडिट कार्ड बनाने, केवाईसी अपडेट करने और कार्ड की लिमिट बढ़ाने का झांसा देकर एप डाउनलोड कराकर लोगों के खातों से रकम साफ करने वाले गिरोह का साहिबाबाद पुलिस व साइबर सेल ने भंडाफोड़ किया है। चार शातिरों को गिरफ्तार किया है, जबकि सरगना इंजीनियर आनंद फरार है। गिरोह पिछले सात माह में करीब 500 लोगों से 10 करोड़ रुपये ठग चुका है। गिरोह साहिबाबाद के जनकपुरी स्थित किराए के फ्लैट में फर्जी सेंटर खोलकर काम कर रहा था।
एसपी सिटी सेकेंड ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि शुक्रवार शाम मोहननगर चौराहे से दिव्यांशु ठाकुर निवासी एफ ब्लॉक मंगल बाजार लक्ष्मीनगर दिल्ली, सनी कश्यप निवासी बिहार, अंकित यादव निवासी मलावन एटा और निशांत माथुर निवासी कासगंज को गिरफ्तार किया गया। चारों शातिर लोगों को इंटरनेट से कॉल कर क्रेडिट कार्ड बनाने, केवाईसी अपडेट करने, कार्ड की लिमिट बढ़ाने, नया क्रेडिट कार्ड बनाने और लोगों को फोन कर लिंक भेजकर क्रेडिट कार्ड से पैसा अपने वॉलेट व बैंक खाते में ट्रांसफर करके ठगी करते थे।
एक फ्लैट में बनाया फर्जी सेंटर
गिरोह का सरगना आनंद है, उसने साहिबाबाद के जनकपुरी में एक फ्लैट में फर्जी सेंटर बनाया हुआ था। साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि गिरोह अक्तूबर से जनकपुरी में सेंटर चला रहा था। जबकि गिरोह जून 2020 से लोगों को ठग रहा था। इन्होंने अब तक दिल्ली-एनसीआर में 500 से ज्यादा लोगों को चूना लगाया है। इनके पास से 26 मोबाइल, दो लैपटॉप, 102 सिम कार्ड, तीन पासबुक, सात एटीएम कार्ड, तीन पैन कार्ड, पांच आधार कार्ड, एक आईपैड मिनी विद सीरी और एक वोटर आईकार्ड बरामद हुआ है। शातिरों ने पुलिस को बताया कि महंगे मोबाइल, आईपैड और गर्लफ्रेंड के शौक पूरे करने के लिए ठगी करते थे।
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