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Delhi AQI: दिल्ली में नहीं चलेंगी बीएस-4 डीजल कारें, CAQM ने लिया फैसला, राष्ट्रीय राजधानी में AQI 500 पार
पीटीआई, नई दिल्ली
Published by: अनुराग सक्सेना
Updated Thu, 03 Nov 2022 07:17 PM IST
सार
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सीएक्यूएम ने गुरुवार शाम अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि केंद्रीय पैनल ने स्वच्छ ईधन पर नहीं चलने वाले सभी उद्योगों को बंद करने का फैसला लिया है। केंद्रीय पैनल ने इलेक्ट्रिक या सीएनजी पर नहीं चलने वाले ट्रकों के दिल्ली में प्रवेश पर भी रोक लगा दी है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद केंद्रीय वायु गुणवत्ता आयोग (सीएक्यूएम) ने राष्ट्रीय राजधानी में डीजल से चलने वाले हल्के वाहनों के संचालन व प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।
सीएक्यूएम ने गुरुवार शाम अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि केंद्रीय पैनल ने स्वच्छ ईधन पर नहीं चलने वाले सभी उद्योगों को बंद करने का फैसला लिया है। केंद्रीय पैनल ने इलेक्ट्रिक या सीएनजी पर नहीं चलने वाले ट्रकों के दिल्ली में प्रवेश पर भी रोक लगा दी है। हालांकि आवश्यक वस्तुएं लाने वाले ट्रकों को इससे छूट दी गई है।
दिल्ली-एनसीआर में डीजल वाहनों के संचालन पर रोक लगा दी गई है। बीएस-6 वाहनों, जरूरी और आपातकालीन सेवाओं से जुड़े वाहनों को इससे छूट दी गई है। पर्यावरण निरोधी पैनल ने स्कूल बंद करने, गैर-आपातकालीन गतिविधियों, वाहनों के लिए ऑड-ईवन स्कीम पर निर्णय केंद्र व राज्य सरकारों पर छोड़ दिया है।
दिल्ली के बाहर से आने वाले सभी ट्रकों को प्रवेश पर पाबंदी रहेगी। हालांकि, जरूरी सामान लाने वाले व सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों पर पाबंदी से छूट दी गई है।
दिल्ली में पंजीकृत मध्यम व भारी डीजल संचालित माल वाहनों पर प्रतिबंध। जरूरी सामान वाले वाहनों को छूट मिलेगी।
एनसीटी दिल्ली व एनसीआर में डीजल चलित चार पहिया वाहनों पर रोक रहेगी। हालांकि, आपातकालीन वाहनों को छूट दी गई है। इस श्रेणी में केवल बीएस-6 वाहन चल सकते हैं।
एनसीआर में उद्योगों पर पाबंदी। जहां पीएनजी ईंधन की सुविधा नहीं है और सरकार द्वारा अधिकृत सूची से बाहर के ईंधन का उपयोग किया जा रहा है तो रोक लगेगी। हालांकि, दूध व डेयरी उत्पादों और मेडिकल उपकरणों से जुड़े उद्योगों को छूट दी जाएगी।
निर्माण व विध्वंस गतिविधियों पर रोक। इसके अलावा फ्लाईओवर, राजमार्ग, पुल व पाइपलाइन समेत अन्य गतिविधियों पर भी रोक।
केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को घरों से काम करने की छूट दे सकती है।
एनसीआर राज्य सरकारें सार्वजनिक, निगम और निजी दफ्तरों में 50 फीसदी क्षमता के साथ घरों से काम करने की छूट दे सकती है।
राज्य सरकारें स्कूल व कॉलेज को बंद करने के साथ गैर आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों को बंद कर सकती है।
दिल्ली में 500 पार कर गया एक्यूआई
राजधानी में सांसों पर संकट गहराने के साथ बृहस्पतिवार शाम सात बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 पार करते हुए खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया। दमघोंटू हवा के कारण लोगों ने सांस लेने में तकलीफ के साथ गले और आंखों में जलन महसूस की। उधर, हवा खराब होने के साथ ही वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग(सीएक्यूएम) ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का चौथा चरण लागू कराने का निर्णय लिया है। संबंधित राज्य सरकारें प्रदूषण नियंत्रण के लिए पाबंदियों को सख्ती से लागू करेंगी।
भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के मुताबिक, शाम सात बजे तक दिल्ली का एक्यूआई 509 तक दर्ज किया गया। एक्यूआई का स्तर 500 से ऊपर पहुंचने पर खतरनाक श्रेणी में आ जाता है। इसके तहत स्थिति आपात की बन गई। शाम तक दिल्ली वासियों का प्रदूषण की वजह से लोगों का दम फूल गया। वहीं, बृहस्पतिवार सुबह जब लोग सोकर उठे तो घरों के बाहर स्मॉग की चादर छाई हुई थी। घरों से बाहर निकलने पर लोगों को आंख, सीने और गलन में जलन महसूस की। सांस और दिल के मरीजों को भी परेशानी हुई।
शाम तक हवा का स्तर और बिगड़ता चला गया। वायु मानक एजेंसियों का पूर्वानुमान है कि अगले दो दिन तक दिल्ली-एनसीआर के लोगों का दम फूला रहेगा। विशेषज्ञों ने बच्चों, बुजुर्गों, दिल और सांस के मरीजों को घर में ही रहने की सलाह दी है। साथ ही जरूरी होने पर ही घरों से बाहर निकलें। बाहर निकलने पर मुंह पर कपड़ा या मास्क पहनने की सलाह दी गई है।
कई इलाकों में 500 से ऊपर पहुंचा पीएम2.5 का स्तर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, दोपहर में दिल्ली के कई इलाकों में पीएम2.5 का स्तर 500 से भी अधिक पहुंच गया था, जबकि सामान्य तौर पर इसका स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर तक होना चाहिए। पीएम2.5 बहुत महीन कण होते हैं, जो आसानी से सांस के माध्यम से हमारी श्वास नली में प्रवेश कर फेफड़ों तक पहुंचते हैं। साथ ही रक्त में घुल जाते हैं। इससे सांस रोग समेत कैंसर जैसी बीमारियों को जन्म लेने में मदद मिलती है।
34 मानक केंद्रों पर गंभीर रही हवा
सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली के 36 मानक केंद्रों में से 34 मानक केंद्रों पर हवा गंभीर दर्ज की गई है। दिल्ली में सबसे खराब हवा जहांगीरपुरी की रही। यहां एक्यूआई का स्तर 480 तक दर्ज किया गया, जो कि बेहद गंभीर श्रेणी में आता है। इसके अलावा बवाना और आनंद विहार में एक्यूआई 476 के साथ हवा सबसे खराब रही।
दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर दर्ज एक्यूआई
जहांगीरपुरी-480
आनंद विहार- 476
अशोक विहार- 463
आयानगर- 432
बवाना-476
बुराड़ी-459
मथुरा रोड- 443
डीटीयू- 456
डॉ. करणी सिंह शूटिंग रेंज- 430
द्वारका सेक्टर आठ- 446
एयरपोर्ट-448 दिलशाड गार्डन-408
आईटीओ-459
जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम-448 लोधी रोड- 414
मेजर ध्यान चंद स्टेडियम- 460
मुंडका- 465 एनएसआईटी द्वारका- 464
नजफगढ़-415
नरेला-469
नेहरू नगर-461
डीयू- 459
ओखला फेज दो- 444
पटपड़गंज-465
पंजाबी बाग- 412
पूसा- 450
आरकेपुरम-461
रोहिणी-469
शादीपुर-450
सिरिफोर्ट-449
सोनिया विहार- 465
अरबिंदो मार्ग-446
विवेक विहार- 464
वजीरपुर- 463
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