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Case for the Screening of the BBC Documentary DU bans two students for one year
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BBC डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का मामला: DU के दो छात्र एक साल के लिए प्रतिबंधित, कोई परीक्षा नहीं दे सकेंगे
अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Published by: विजय पुंडीर
Updated Sat, 18 Mar 2023 10:00 PM IST
सार
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डीयू कुलसचिव डॉ. विकास गुप्ता ने बताया कि दो छात्रों पर सख्त कार्रवाई की गई है। इन्हें एक साल के लिए निकाल दिया गया है। डीयू में 27 जनवरी को 2002 के गुजरात दंगे पर आधारित बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को हुए बवाल की जांच के लिए डीयू कुलपति प्रो योगेश सिंह ने एक सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया था।
दिल्ली विश्वविद्यालय में बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री दिखाए जाने के मामले में एनएसयूआई के एक नेता समेत दो छात्रों को एक साल के लिए प्रतिबंधित (डिबार्ड) किया गया है। इन्हें अब डीयू की कोई परीक्षा नहीं देने दी जाएगी। बीते 27 जनवरी को दिल्ली विश्वविद्यालय ने डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के कारण हुए बवाल की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था।
कमेटी ने अपनी सिफारिश में कहा कि आठ छात्रों को सजा की सिफारिश की है। इनमें से छह छात्रों को छोटी सजा की सिफारिश की गई है। हालांकि अभी यह नहीं बताया जा रहा है कि इन्हें क्या सजा दी गई है। इसे लेकर इन्हें एक नोटिस भी जारी किया गया है।
डीयू कुलसचिव डॉ. विकास गुप्ता ने बताया कि दो छात्रों पर सख्त कार्रवाई की गई है। इन्हें एक साल के लिए निकाल दिया गया है। डीयू में 27 जनवरी को 2002 के गुजरात दंगे पर आधारित बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को हुए बवाल की जांच के लिए डीयू कुलपति प्रो योगेश सिंह ने एक सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी का अध्यक्ष डीयू प्रॉक्टर रजनी अब्बी को बनाया गया था। कमेटी ने छह अन्य को भी सजा देने की सिफारिश की है। इसके संबंध में सोमवार तक ही स्पष्ट हो सकेगा।
जिन छात्रों को एक साल के लिए प्रतिबंधित किया गया है, उनमें एंथ्रोपोलॉजी विभाग में पीएचडी शोधार्थी लोकेश चुग और विधि संकाय के एक छात्र रवींद्र शामिल हैं। इन दोनों को एक मेमो दिया गया है। इसमें कहा गया है कि उन्होंने अनुशासनहीनता की है। बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर बैन है।
कांग्रेस से संबद्ध भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) के राष्ट्रीय सचिव चुग ने कहा कि वह घटना वाले दिन हुए बवाल में न मुझे पुलिस लेकर गई न मैं थाने गया। किसी शिकायत में भी मेरा नाम नहीं है फिर भी मुझे डीयू ने अपराधी बना दिया है। मैं घटना स्थल से कुछ दूर निजी चैनलों की एक चर्चा में था। मालूम हो कि 27 जनवरी को दिल्ली यूनिवर्सिटी में नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) समेत कुछ अन्य छात्र संगठनों ने डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का आह्वान किया था। पुलिस ने स्क्रीनिंग करने का प्रयास करने पर कुछ लोगों को हिरासत में लिया था। इस दौरान नॉर्थ कैंपस में जमकर हंगामा हुआ था।
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