दिल्ली पुलिस ने पेरिस से डिपोर्ट किए गए एक बांग्लादेशी युवक को गिरफ्तार किया है। वह पेरिस में खुद को बांग्लादेशी हिंदु बताकर शरण लेने की कोशिश कर रहा था। उसके पास से भारतीय पासपोर्ट, पहचान पत्र व अन्य कागजात मिलने के बाद उसे भारत डिपोर्ट कर दिया गया।
शुरुआती जांच में पता चला है कि युवक का कोलकाता में घर है। वह भारतीय बनकर रह रहा था और विदेश में खुद को बांग्लादेशी बताकर शरण लेना चाहता था। उसके पास से बांग्लादेश का जन्म प्रमाण पत्र मिला है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार पासपोर्ट पर उसका नाम अजय घोष है। वह कोलकाता के 24 उत्तरी परगना में रहता था। उसका मूल नाम अजय पाल है। उसका परिवार बांग्लादेश से भागकर भारत आया था। आरोपी ने भारत में अपना घर बना लिया था। उसकी शिक्षा दीक्षा पश्चिम बंगाल में हुई। उसके पास जन्म प्रमाणपत्र बांग्लादेश का है लेकिन यहां घर बन जाने के बाद उसने भारत में कई कागजात बनवा लिए।
यहां तक कि उसने भारतीय पासपोर्ट भी बनवा लिया था। जांच में पता चला कि पिछले साल वह पेरिस चला गया। जहां उसने खुद को बांग्लादेशी बताया। वह खुद को बांग्लादेशी हिंदु बताकर वहां शरण लेने की कोशिश करने लगा लेकिन उसके पास से भारतीय कागजात मिलने के बाद उसे पेरिस से डिपोर्ट कर दिया गया। दिल्ली एयरपोर्ट पर आने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
आईजीआई मेट्रो स्टेशन पर सीआईएसएफ ने यात्री को बैग सौंपा
आईजीआई मेट्रो स्टेशन पर तैनात सीआईएसएफ कर्मियों ने यात्री का बैग उसे रोककर उसके हवाले कर दिया। बैग में विदेशी करेंसी थी। यात्री बैग को भूलवश एक्सरे मशीन पर छोड़कर चला गया था। सीआईएसएफ प्रवक्ता हेमेंद्र सिंह ने बताया कि रविवार दोपहर आईजीआई मेट्रो स्टेशन के एक्सरे मशीन पर सीआईएसएफ कर्मियों ने एक लावारिस बैग देखा।
आस पास पूछने पर किसी ने बैग को अपना नहीं बताया। विस्फोटक की आशंका को देखते हुए बैग की जांच की गई लेकिन उसमें कोई विस्फोटक नहीं मिला। बैग की तलाशी लेने पर उसमें 1121 यूएस डॉलर और 345 यूक्रेन करेंसी मिली।
बैग को सुरक्षित रखवा दिया गया। कुछ देर बाद पंजाब जालंधर निवासी रणधीर कुमार एयरपोर्ट मेट्रो स्टेशन पहुंचा और बैग छूटने की बात बताई। सत्यापन करने के बाद सीआईएसएफ कर्मियों यात्री को बैग सौंप दिया।
दिल्ली पुलिस ने पेरिस से डिपोर्ट किए गए एक बांग्लादेशी युवक को गिरफ्तार किया है। वह पेरिस में खुद को बांग्लादेशी हिंदु बताकर शरण लेने की कोशिश कर रहा था। उसके पास से भारतीय पासपोर्ट, पहचान पत्र व अन्य कागजात मिलने के बाद उसे भारत डिपोर्ट कर दिया गया।
शुरुआती जांच में पता चला है कि युवक का कोलकाता में घर है। वह भारतीय बनकर रह रहा था और विदेश में खुद को बांग्लादेशी बताकर शरण लेना चाहता था। उसके पास से बांग्लादेश का जन्म प्रमाण पत्र मिला है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार पासपोर्ट पर उसका नाम अजय घोष है। वह कोलकाता के 24 उत्तरी परगना में रहता था। उसका मूल नाम अजय पाल है। उसका परिवार बांग्लादेश से भागकर भारत आया था। आरोपी ने भारत में अपना घर बना लिया था। उसकी शिक्षा दीक्षा पश्चिम बंगाल में हुई। उसके पास जन्म प्रमाणपत्र बांग्लादेश का है लेकिन यहां घर बन जाने के बाद उसने भारत में कई कागजात बनवा लिए।
यहां तक कि उसने भारतीय पासपोर्ट भी बनवा लिया था। जांच में पता चला कि पिछले साल वह पेरिस चला गया। जहां उसने खुद को बांग्लादेशी बताया। वह खुद को बांग्लादेशी हिंदु बताकर वहां शरण लेने की कोशिश करने लगा लेकिन उसके पास से भारतीय कागजात मिलने के बाद उसे पेरिस से डिपोर्ट कर दिया गया। दिल्ली एयरपोर्ट पर आने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
आईजीआई मेट्रो स्टेशन पर सीआईएसएफ ने यात्री को बैग सौंपा
आईजीआई मेट्रो स्टेशन पर तैनात सीआईएसएफ कर्मियों ने यात्री का बैग उसे रोककर उसके हवाले कर दिया। बैग में विदेशी करेंसी थी। यात्री बैग को भूलवश एक्सरे मशीन पर छोड़कर चला गया था। सीआईएसएफ प्रवक्ता हेमेंद्र सिंह ने बताया कि रविवार दोपहर आईजीआई मेट्रो स्टेशन के एक्सरे मशीन पर सीआईएसएफ कर्मियों ने एक लावारिस बैग देखा।
आस पास पूछने पर किसी ने बैग को अपना नहीं बताया। विस्फोटक की आशंका को देखते हुए बैग की जांच की गई लेकिन उसमें कोई विस्फोटक नहीं मिला। बैग की तलाशी लेने पर उसमें 1121 यूएस डॉलर और 345 यूक्रेन करेंसी मिली।
बैग को सुरक्षित रखवा दिया गया। कुछ देर बाद पंजाब जालंधर निवासी रणधीर कुमार एयरपोर्ट मेट्रो स्टेशन पहुंचा और बैग छूटने की बात बताई। सत्यापन करने के बाद सीआईएसएफ कर्मियों यात्री को बैग सौंप दिया।